पिंकसिटी प्रेस एनक्लेव आवंटियों का सपना अब चंद कदम दूर
जयपुर । चलो नायला संगठन के आह्वान पर पिंकसिटी प्रेस एनक्लेव (पत्रकार नगर) नायला के ढाई सौ से अधिक आवंटी जेडीए पहुंचे और जेडीसी को अलग अलग पत्र देकर डिमांड नोट व कब्जा पत्र जारी करने की मांग की। जेडीए परिसर में आवंटियों के हुजूम को देखते हुए सुबह से पुलिस तैनात करना पड़ा। वहीं चलो नायला संगठन के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के प्रमुख सचिव कुलदीप रांका और जेडीसी रवि जैन से अलग अलग मुलाकात कर योजना की वस्तुस्थिति से अवगत कराया तथा जल्दी ही आवंटी परिवारों को पट्टे जारी करने की मांग की।
कब्जा पत्र व डिमांड नोट जारी करने की मांग के लिए पत्र देने योजना में आवंटी पत्रकार जेडीए में जुटना शुरू हो गए। दर्जनों आवंटी एक साथ जेडीसी कार्यालय पहुंचने से प्रशासन सकते में आ गया। एक साथ पहुंचे हुजूम को देख एक बार तो जेडीसी कार्यालय का काम भी बाधित हो गया। सभी आवंटी शांतिपूर्ण ढंग से अपना पत्र देकर प्रतिलिपि पर डिस्पेच नम्बर और पावती प्राप्त करने के लिए अड़ गए। तत्काल व्यवस्था बनाते हुए पिंकसिटी प्रेस एनक्लेव योजना के आवंटियों के प्रार्थना पत्र जमा करने के लिए जेडीसी कार्यालय के नीचे ही अलग से काउंटर खोला गया।
काउंटर पर दोपहर बाद तक जेडीसी के नाम दो सौ से अधिक प्रार्थना पत्र डिस्पेच नम्बरों के साथ जमा किए गए।प्रार्थन पत्र में सभी आवंटियों ने एक स्वर में मांग की कि पिंकसिटी प्रेस एनक्लेव योजना मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पत्रकारों को दी गई अहम सौगात है और किन्हीं व्यक्तिगत राजनीतिक द्वेष के चलते योजना में अनावश्यक गतिरोध पैदा किया गया है। तथ्यात्मक रूप से सभी आवंटी जेडीए की लॉटरी में आवंटन रखते हैं तथा उनके 10-10 हजार रुपए के प्रथम भुगतान के डीडी भी भुनाए जा चुके हैं। योजना और आवंटियों के समस्त दस्तावेज जेडीए की साइट पर आज भी मौजूद हैं तो उन्हें पट्टे क्यों नहीं दिए जा रहे। 15 दिवस में आवंटियों को डिमांड नोट जारी कर कब्जा पत्र सौंपे जाए।
15 दिन निकलने पर सभी आवंटी आगे की कार्यवाही के लिए स्वतंत्र होंगे, जिसकी समस्त जिम्मेदारी जेडीए की होगी। दूसरी ओर चलो नायला संगठन के प्रतिनिधिमंडल की इस सम्बन्ध में उच्चाधिकारियों से वार्ता हुई, जिसमें योजना में चल रहे गतिरोध पर आवंटियों की ओर से मजबूती से पक्ष रखा गया। मुख्यमंत्री कार्यालय और जेडीए कार्यालय में आवंटियों की मांग पर शुरू हुई कार्यवाही से सभी आवंटियों ने विश्वास जताया है कि शीघ्र ही उन्हें पट्टे जारी कर योजना का मूर्त रूप दिया जाएगा।
कब्जा पत्र व डिमांड नोट जारी करने की मांग के लिए पत्र देने योजना में आवंटी पत्रकार जेडीए में जुटना शुरू हो गए। दर्जनों आवंटी एक साथ जेडीसी कार्यालय पहुंचने से प्रशासन सकते में आ गया। एक साथ पहुंचे हुजूम को देख एक बार तो जेडीसी कार्यालय का काम भी बाधित हो गया। सभी आवंटी शांतिपूर्ण ढंग से अपना पत्र देकर प्रतिलिपि पर डिस्पेच नम्बर और पावती प्राप्त करने के लिए अड़ गए। तत्काल व्यवस्था बनाते हुए पिंकसिटी प्रेस एनक्लेव योजना के आवंटियों के प्रार्थना पत्र जमा करने के लिए जेडीसी कार्यालय के नीचे ही अलग से काउंटर खोला गया।
काउंटर पर दोपहर बाद तक जेडीसी के नाम दो सौ से अधिक प्रार्थना पत्र डिस्पेच नम्बरों के साथ जमा किए गए।प्रार्थन पत्र में सभी आवंटियों ने एक स्वर में मांग की कि पिंकसिटी प्रेस एनक्लेव योजना मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पत्रकारों को दी गई अहम सौगात है और किन्हीं व्यक्तिगत राजनीतिक द्वेष के चलते योजना में अनावश्यक गतिरोध पैदा किया गया है। तथ्यात्मक रूप से सभी आवंटी जेडीए की लॉटरी में आवंटन रखते हैं तथा उनके 10-10 हजार रुपए के प्रथम भुगतान के डीडी भी भुनाए जा चुके हैं। योजना और आवंटियों के समस्त दस्तावेज जेडीए की साइट पर आज भी मौजूद हैं तो उन्हें पट्टे क्यों नहीं दिए जा रहे। 15 दिवस में आवंटियों को डिमांड नोट जारी कर कब्जा पत्र सौंपे जाए।
15 दिन निकलने पर सभी आवंटी आगे की कार्यवाही के लिए स्वतंत्र होंगे, जिसकी समस्त जिम्मेदारी जेडीए की होगी। दूसरी ओर चलो नायला संगठन के प्रतिनिधिमंडल की इस सम्बन्ध में उच्चाधिकारियों से वार्ता हुई, जिसमें योजना में चल रहे गतिरोध पर आवंटियों की ओर से मजबूती से पक्ष रखा गया। मुख्यमंत्री कार्यालय और जेडीए कार्यालय में आवंटियों की मांग पर शुरू हुई कार्यवाही से सभी आवंटियों ने विश्वास जताया है कि शीघ्र ही उन्हें पट्टे जारी कर योजना का मूर्त रूप दिया जाएगा।
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