बंद फैलोपियन ट्यूब खोलने का इलाज है ?
० नूरुद्दीन अंसारी ०
फैलोपियन ट्यूब के ब्लॉक होने पर ज्यादातर कपल्स को आईवीएफ या सर्जरी की सलाह दी जाती है। लेकिन बहुत से लोग इस बात से अनजान है कि हमारी प्रचीन पंचकर्म पद्धति में उत्तर बस्ती थेरेपी में बिना किसी चीड़ फाड़ के फैलोपियन ट्यूब को खोला जाता है। उत्तर बस्ती उपचार में गर्भाशय के जरिए फैलोपियन ट्यूब में एक विशेष प्रकार की औषधीय तेल, घी, या काढ़ा डाला जाता है। इसको करने में मात्रा 15 से 20 मिनट तक का समय लगता है। यह थेरेपी लगातार तीन दिनों तक या रोगी के आवश्यकता के अनुसार की जाती है। उत्तर बस्ती हाइड्रोसाल्पिनक्स, पीसीओएस और पीसीओडी के इलाज में भी उपयोगी है। उत्तर बस्ती के द्वारा ट्यूब में होने वाला ब्लॉक आसानी से खुल जाता है और महिला बच्चे करने के योग्य बन जाती है।
शादी के बाद बहुत सी महिलाएं मां नहीं बन पाती हैं। स्वास्थ्य की खराबी और जीवनशैली के चलते कई महिलाओं को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। पहले दादी-नानी के समय में हर औरत के 5-10 बच्चे हुआ करते थे। इसी धरती पर आज के समय में बड़ी संख्या में लोग निसंतानता की समस्या से परेशान हैं। हर 10 में से 2 महिलाएं किसी न किसी वजह से इनफर्टिलिटी की समस्या से जुझ रही है। इसका सीधा मतलब है कि पिछले कुछ दशकों से हमने कुछ न कुछ प्रकृति के खिलाफ जाकर ऐसा जरूर किया है, जिसका यह परिणाम भुगतना पड़ रहा है। मां न बन पाने का मुख्य कारण फैलोपियन ट्यूब में रूकावत की समस्या होती है।
फैलोपियन ट्यूब के ब्लॉक होने पर ज्यादातर कपल्स को आईवीएफ या सर्जरी की सलाह दी जाती है। लेकिन बहुत से लोग इस बात से अनजान है कि हमारी प्रचीन पंचकर्म पद्धति में उत्तर बस्ती थेरेपी में बिना किसी चीड़ फाड़ के फैलोपियन ट्यूब को खोला जाता है। उत्तर बस्ती उपचार में गर्भाशय के जरिए फैलोपियन ट्यूब में एक विशेष प्रकार की औषधीय तेल, घी, या काढ़ा डाला जाता है। इसको करने में मात्रा 15 से 20 मिनट तक का समय लगता है। यह थेरेपी लगातार तीन दिनों तक या रोगी के आवश्यकता के अनुसार की जाती है। उत्तर बस्ती हाइड्रोसाल्पिनक्स, पीसीओएस और पीसीओडी के इलाज में भी उपयोगी है। उत्तर बस्ती के द्वारा ट्यूब में होने वाला ब्लॉक आसानी से खुल जाता है और महिला बच्चे करने के योग्य बन जाती है।
शादी के बाद बहुत सी महिलाएं मां नहीं बन पाती हैं। स्वास्थ्य की खराबी और जीवनशैली के चलते कई महिलाओं को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। पहले दादी-नानी के समय में हर औरत के 5-10 बच्चे हुआ करते थे। इसी धरती पर आज के समय में बड़ी संख्या में लोग निसंतानता की समस्या से परेशान हैं। हर 10 में से 2 महिलाएं किसी न किसी वजह से इनफर्टिलिटी की समस्या से जुझ रही है। इसका सीधा मतलब है कि पिछले कुछ दशकों से हमने कुछ न कुछ प्रकृति के खिलाफ जाकर ऐसा जरूर किया है, जिसका यह परिणाम भुगतना पड़ रहा है। मां न बन पाने का मुख्य कारण फैलोपियन ट्यूब में रूकावत की समस्या होती है।
ट्यूब महिला को कंसीव करने में मदद करता है इसलिए इसमें किसी तरह के ब्लॉकेज होने से गर्भावस्था हो नहीं पाती हैं। आपको बता दें की सभी महिला की 2 ओवरी होती है जिससे हर महीने केवल एक एग ही बाहर आता है। जो अंडे को गर्भाशय तक पहुंचाने का काम करती हैं। और इसी ट्यूब से एग और शुक्राणुओं के संग मिलन यानी निषेचन की प्रक्रिया को पूरी होता है। अगर फैलोपियन ट्यूब में किसी तरह की रूकावट आ जाती है तो गर्भाशय की तक शुक्राणु व अंडे दोनों नहीं पहुंच पाते है। एक फैलोपियन ट्यूब बंद होने पर एक महिला के लिए गर्भधारण करने की संभावना 50 प्रतिशत तक होती है। जबकि दोनों ट्यूब बंद होने के बाद गर्भधारण की संभावना न के बराबर होती है। नेचुरल प्रेगनेंसी के लिए ट्यूब का खुला होना बहुत जरूरी है।
फैलोपियन ट्यूब ब्लॉक होने का कोई सटीक कारण स्पष्ट रूप से नहीं बताया जा सकता है। लेकिन आमतौर पर पेल्विक इंफेक्शन या अन्य किसी तरह का इंफेक्शन, गर्भाशय में टीबी, बार बार मिकैरेज होना, पेट की सर्जरी और आनुवांशिकता को ट्यूब होने का कारण माना जाता है। वैसे तो बंद फैलोपियन टयूब के लक्षण नजर नहीं आते है। इसके लक्षण इतने सामान्य होते हैं, जिसके बारे में एक महिला समझ नहीं पातीं। इस दौरान पेट के निचले हिस्से में दर्द रहना, पीरियड्स के दौरान दर्द होना, सेक्स करते वक्त दर्द या जलन और वजाइना से डिस्चार्ज होना आदि लक्षण देखने को मिल सकते हैं।
फैलोपियन ट्यूब के ब्लॉक होने पर ज्यादातर कपल्स को आईवीएफ या सर्जरी की सलाह दी जाती है। लेकिन बहुत से लोग इस बात से अनजान है कि हमारी प्रचीन पंचकर्म पद्धति में उत्तर बस्ती थेरेपी में बिना किसी चीड़ फाड़ के फैलोपियन ट्यूब को खोला जाता है। उत्तर बस्ती उपचार में गर्भाशय के जरिए फैलोपियन ट्यूब में एक विशेष प्रकार की औषधीय तेल, घी, या काढ़ा डाला जाता है। इसको करने में मात्रा 15 से 20 मिनट तक का समय लगता है। यह थेरेपी लगातार तीन दिनों तक या रोगी के आवश्यकता के अनुसार की जाती है। उत्तर बस्ती हाइड्रोसाल्पिनक्स, पीसीओएस और पीसीओडी के इलाज में भी उपयोगी है। उत्तर बस्ती के द्वारा ट्यूब में होने वाला ब्लॉक आसानी से खुल जाता है और महिला बच्चे करने के योग्य बन जाती है।
उत्तर बस्ती ट्यूबल ब्लॉकेज महिला बांझपन के सबसे महत्वपूर्ण कारकों में से एक है। उत्तर बस्ती पूरे मूत्र प्रणाली जननांग अंगों को साफ करती है। यह परिसंचरण में सुधार करता है, सिस्टम के चैनल खोलता है और सभी विषाक्तता को दूर करता है। उत्तर बस्ती मूत्र प्रणाली और जननांग क्षेत्र के पारंपरिक कामकाज को भी बहाल करती है। यह अतिरिक्त रुप से एक बहुत ही विशिष्ट क्षेत्र में पोषण प्रदान करने में मदद करती है। आयुर्वेद उन महिलाओं के लिए वरदान है जो सर्जिकल हस्तक्षेप के बिना बंद ट्यूब को खोलना चाहते है। आयुर्वेद के साथ स्वस्थ आहार- स्वस्थ व्यवहार को जीवनशैली का हिस्सा बनाएं, ताकि मातृत्व का जो सुख ईश्वर का आपको वरदान है, उसमें कोई व्याधा न आने पाए।बंद फैलोपियन ट्यूब खोलने का इलाज है?
शादी के बाद बहुत सी महिलाएं मां नहीं बन पाती हैं। स्वास्थ्य की खराबी और जीवनशैली के चलते कई महिलाओं को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। पहले दादी-नानी के समय में हर औरत के 5-10 बच्चे हुआ करते थे। इसी धरती पर आज के समय में बड़ी संख्या में लोग निसंतानता की समस्या से परेशान हैं। हर 10 में से 2 महिलाएं किसी न किसी वजह से इनफर्टिलिटी की समस्या से जुझ रही है। इसका सीधा मतलब है कि पिछले कुछ दशकों से हमने कुछ न कुछ प्रकृति के खिलाफ जाकर ऐसा जरूर किया है, जिसका यह परिणाम भुगतना पड़ रहा है। मां न बन पाने का मुख्य कारण फैलोपियन ट्यूब में रूकावत की समस्या होती है।
ट्यूब महिला को कंसीव करने में मदद करता है इसलिए इसमें किसी तरह के ब्लॉकेज होने से गर्भावस्था हो नहीं पाती हैं। आपको बता दें की सभी महिला की 2 ओवरी होती है जिससे हर महीने केवल एक एग ही बाहर आता है। जो अंडे को गर्भाशय तक पहुंचाने का काम करती हैं। और इसी ट्यूब से एग और शुक्राणुओं के संग मिलन यानी निषेचन की प्रक्रिया को पूरी होता है। अगर फैलोपियन ट्यूब में किसी तरह की रूकावट आ जाती है तो गर्भाशय की तक शुक्राणु व अंडे दोनों नहीं पहुंच पाते है। एक फैलोपियन ट्यूब बंद होने पर एक महिला के लिए गर्भधारण करने की संभावना 50 प्रतिशत तक होती है। जबकि दोनों ट्यूब बंद होने के बाद गर्भधारण की संभावना न के बराबर होती है। नेचुरल प्रेगनेंसी के लिए ट्यूब का खुला होना बहुत जरूरी है।
फैलोपियन ट्यूब ब्लॉक होने का कोई सटीक कारण स्पष्ट रूप से नहीं बताया जा सकता है। लेकिन आमतौर पर पेल्विक इंफेक्शन या अन्य किसी तरह का इंफेक्शन, गर्भाशय में टीबी, बार बार मिकैरेज होना, पेट की सर्जरी और आनुवांशिकता को ट्यूब होने का कारण माना जाता है। वैसे तो बंद फैलोपियन टयूब के लक्षण नजर नहीं आते है। इसके लक्षण इतने सामान्य होते हैं, जिसके बारे में एक महिला समझ नहीं पातीं। इस दौरान पेट के निचले हिस्से में दर्द रहना, पीरियड्स के दौरान दर्द होना, सेक्स करते वक्त दर्द या जलन और वजाइना से डिस्चार्ज होना आदि लक्षण देखने को मिल सकते हैं।
उत्तर बस्ती ट्यूबल ब्लॉकेज महिला बांझपन के सबसे महत्वपूर्ण कारकों में से एक है। उत्तर बस्ती पूरे मूत्र प्रणाली जननांग अंगों को साफ करती है। यह परिसंचरण में सुधार करता है, सिस्टम के चैनल खोलता है और सभी विषाक्तता को दूर करता है। उत्तर बस्ती मूत्र प्रणाली और जननांग क्षेत्र के पारंपरिक कामकाज को भी बहाल करती है। यह अतिरिक्त रुप से एक बहुत ही विशिष्ट क्षेत्र में पोषण प्रदान करने में मदद करती है। आयुर्वेद उन महिलाओं के लिए वरदान है जो सर्जिकल हस्तक्षेप के बिना बंद ट्यूब को खोलना चाहते है। आयुर्वेद के साथ स्वस्थ आहार- स्वस्थ व्यवहार को जीवनशैली का हिस्सा बनाएं, ताकि मातृत्व का जो सुख ईश्वर का आपको वरदान है, उसमें कोई व्याधा न आने पाए।
फैलोपियन ट्यूब के ब्लॉक होने पर ज्यादातर कपल्स को आईवीएफ या सर्जरी की सलाह दी जाती है। लेकिन बहुत से लोग इस बात से अनजान है कि हमारी प्रचीन पंचकर्म पद्धति में उत्तर बस्ती थेरेपी में बिना किसी चीड़ फाड़ के फैलोपियन ट्यूब को खोला जाता है। उत्तर बस्ती उपचार में गर्भाशय के जरिए फैलोपियन ट्यूब में एक विशेष प्रकार की औषधीय तेल, घी, या काढ़ा डाला जाता है। इसको करने में मात्रा 15 से 20 मिनट तक का समय लगता है। यह थेरेपी लगातार तीन दिनों तक या रोगी के आवश्यकता के अनुसार की जाती है। उत्तर बस्ती हाइड्रोसाल्पिनक्स, पीसीओएस और पीसीओडी के इलाज में भी उपयोगी है। उत्तर बस्ती के द्वारा ट्यूब में होने वाला ब्लॉक आसानी से खुल जाता है और महिला बच्चे करने के योग्य बन जाती है।
उत्तर बस्ती ट्यूबल ब्लॉकेज महिला बांझपन के सबसे महत्वपूर्ण कारकों में से एक है। उत्तर बस्ती पूरे मूत्र प्रणाली जननांग अंगों को साफ करती है। यह परिसंचरण में सुधार करता है, सिस्टम के चैनल खोलता है और सभी विषाक्तता को दूर करता है। उत्तर बस्ती मूत्र प्रणाली और जननांग क्षेत्र के पारंपरिक कामकाज को भी बहाल करती है। यह अतिरिक्त रुप से एक बहुत ही विशिष्ट क्षेत्र में पोषण प्रदान करने में मदद करती है। आयुर्वेद उन महिलाओं के लिए वरदान है जो सर्जिकल हस्तक्षेप के बिना बंद ट्यूब को खोलना चाहते है। आयुर्वेद के साथ स्वस्थ आहार- स्वस्थ व्यवहार को जीवनशैली का हिस्सा बनाएं, ताकि मातृत्व का जो सुख ईश्वर का आपको वरदान है, उसमें कोई व्याधा न आने पाए।बंद फैलोपियन ट्यूब खोलने का इलाज है?
शादी के बाद बहुत सी महिलाएं मां नहीं बन पाती हैं। स्वास्थ्य की खराबी और जीवनशैली के चलते कई महिलाओं को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। पहले दादी-नानी के समय में हर औरत के 5-10 बच्चे हुआ करते थे। इसी धरती पर आज के समय में बड़ी संख्या में लोग निसंतानता की समस्या से परेशान हैं। हर 10 में से 2 महिलाएं किसी न किसी वजह से इनफर्टिलिटी की समस्या से जुझ रही है। इसका सीधा मतलब है कि पिछले कुछ दशकों से हमने कुछ न कुछ प्रकृति के खिलाफ जाकर ऐसा जरूर किया है, जिसका यह परिणाम भुगतना पड़ रहा है। मां न बन पाने का मुख्य कारण फैलोपियन ट्यूब में रूकावत की समस्या होती है।
ट्यूब महिला को कंसीव करने में मदद करता है इसलिए इसमें किसी तरह के ब्लॉकेज होने से गर्भावस्था हो नहीं पाती हैं। आपको बता दें की सभी महिला की 2 ओवरी होती है जिससे हर महीने केवल एक एग ही बाहर आता है। जो अंडे को गर्भाशय तक पहुंचाने का काम करती हैं। और इसी ट्यूब से एग और शुक्राणुओं के संग मिलन यानी निषेचन की प्रक्रिया को पूरी होता है। अगर फैलोपियन ट्यूब में किसी तरह की रूकावट आ जाती है तो गर्भाशय की तक शुक्राणु व अंडे दोनों नहीं पहुंच पाते है। एक फैलोपियन ट्यूब बंद होने पर एक महिला के लिए गर्भधारण करने की संभावना 50 प्रतिशत तक होती है। जबकि दोनों ट्यूब बंद होने के बाद गर्भधारण की संभावना न के बराबर होती है। नेचुरल प्रेगनेंसी के लिए ट्यूब का खुला होना बहुत जरूरी है।
फैलोपियन ट्यूब ब्लॉक होने का कोई सटीक कारण स्पष्ट रूप से नहीं बताया जा सकता है। लेकिन आमतौर पर पेल्विक इंफेक्शन या अन्य किसी तरह का इंफेक्शन, गर्भाशय में टीबी, बार बार मिकैरेज होना, पेट की सर्जरी और आनुवांशिकता को ट्यूब होने का कारण माना जाता है। वैसे तो बंद फैलोपियन टयूब के लक्षण नजर नहीं आते है। इसके लक्षण इतने सामान्य होते हैं, जिसके बारे में एक महिला समझ नहीं पातीं। इस दौरान पेट के निचले हिस्से में दर्द रहना, पीरियड्स के दौरान दर्द होना, सेक्स करते वक्त दर्द या जलन और वजाइना से डिस्चार्ज होना आदि लक्षण देखने को मिल सकते हैं।
उत्तर बस्ती ट्यूबल ब्लॉकेज महिला बांझपन के सबसे महत्वपूर्ण कारकों में से एक है। उत्तर बस्ती पूरे मूत्र प्रणाली जननांग अंगों को साफ करती है। यह परिसंचरण में सुधार करता है, सिस्टम के चैनल खोलता है और सभी विषाक्तता को दूर करता है। उत्तर बस्ती मूत्र प्रणाली और जननांग क्षेत्र के पारंपरिक कामकाज को भी बहाल करती है। यह अतिरिक्त रुप से एक बहुत ही विशिष्ट क्षेत्र में पोषण प्रदान करने में मदद करती है। आयुर्वेद उन महिलाओं के लिए वरदान है जो सर्जिकल हस्तक्षेप के बिना बंद ट्यूब को खोलना चाहते है। आयुर्वेद के साथ स्वस्थ आहार- स्वस्थ व्यवहार को जीवनशैली का हिस्सा बनाएं, ताकि मातृत्व का जो सुख ईश्वर का आपको वरदान है, उसमें कोई व्याधा न आने पाए।
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