आधुनिक भारत के निर्माण में ब्राह्मण समाज की अग्रणी भूमिका-राज्यपाल
जयपुर। राज्यपाल ने ब्राह्मण समाज को कुरीतियों और दहेज, अंधविश्वास, मद्यपान जैसी सामाजिक बुराईयों से दूर रहने का संकल्प लेने तथा समाज और राष्ट्र के विकास में अपनी भूमिका निभाने का आह्वान किया। राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा है कि आधुनिक भारत के निर्माण में ब्राह्मण समाज की अग्रणी भूमिका रही है। समाज में अंधकार और भ्रम पैदा होने पर ब्राह्मणों ने आगे आकर समाज को आलोकित करने का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि वही समाज विकास करता है, जो उदात्त जीवन मूल्यों से जुड़ा हो और मानव मात्र के कल्याण के लिए कार्य करने की सोच से जुड़ा हो, ब्राह्मण समाज ऐसा ही समाज है।राज्यपाल मिश्र बिड़ला ऑडिटोरियम में गौड़ ब्राह्मण महासभा द्वारा आयोजित राष्ट्रीय ब्राहमण सम्मेलन में संबोधित कर रहे थे। राज्यपाल ने भगवान परशुराम को नमन करते हुए कहा कि उनका चिंतन युग-युगों से हमारी संस्कृति में प्रवाहित है। उन्होंने कहा कि जो ब्रह्म यानी अंतिम सत्य को जानता है और परम ज्ञान से जुड़ा है, वही ब्राह्मण है। ब्राह्मण ही संपूर्ण मानवता के कल्याण के लिए जीव-जगत में सकारात्मक ऊर्जा का प्रसार करते है।
राज्यपाल मिश्र ने कहा कि संविधान, संस्कृति और राष्ट्र परस्पर एकमेक हैं। हमारे संविधान में जाति, धर्म, वर्ग से परे समानता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गयी है। संवैधानिक मूल्यों के अनुरूप सभी के हितों का पोषण करते हुए राष्ट्र के विकास के लिए समर्पित होकर कार्य करना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।
शिक्षा मंत्री श्री बी. डी. कल्ला ने कहा कि परस्पर सहयोग की भावना और संस्कारों के निर्माण से ही समाज का व्यापक स्तर पर उत्थान संभव है। उन्होंने कहा कि वैदिक ज्ञान के प्रचार-प्रसार के लिए प्रदेश में वेद विद्यालयों का संचालन किया जा रहा है। वेदों की लुप्त हो रही ऋचाओं के संरक्षण के लिए भी सरकार के स्तर पर पहल की गई है।
जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री महेश जोशी ने कहा कि वर्तमान सरकार के दौर में राज्य में पहली बार विप्र कल्याण बोर्ड का गठन किया गया । साथ ही, पहल कर ईडब्ल्यूएस आरक्षण की व्यावहारिक कठिनाइयों को दूर करने का सुझाव दिया।उत्तर प्रदेश के पूर्व उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि सभी समाज को जोड़ कर सुसंस्कारों का जागरण और संस्कृति का रक्षण करना ब्राह्मण समाज का दायित्व होता है, जिसके लिए सभी को संकल्पित होकर कार्य करना होगा।
राज्यपाल ने आरम्भ में उपस्थितजन को संविधान की उद्देशिका और मूल कर्तव्यों का वाचन भी करवाया। इस अवसर पर राज्यपाल श्री मिश्र का गदा भेंट कर अभिनंदन किया गया।कार्यक्रम में राजस्थान खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के अध्यक्ष ब्रज किशोर शर्मा, विप्र कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष महेश शर्मा, महासभा के प्रदेशाध्यक्ष विजय हरितवाल, सांसद रामचरण बोहरा, विधायक अभिनेष महर्षि सहित बड़ी संख्या में समाज बन्धु उपस्थित रहे।
राज्यपाल मिश्र ने कहा कि संविधान, संस्कृति और राष्ट्र परस्पर एकमेक हैं। हमारे संविधान में जाति, धर्म, वर्ग से परे समानता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गयी है। संवैधानिक मूल्यों के अनुरूप सभी के हितों का पोषण करते हुए राष्ट्र के विकास के लिए समर्पित होकर कार्य करना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।
शिक्षा मंत्री श्री बी. डी. कल्ला ने कहा कि परस्पर सहयोग की भावना और संस्कारों के निर्माण से ही समाज का व्यापक स्तर पर उत्थान संभव है। उन्होंने कहा कि वैदिक ज्ञान के प्रचार-प्रसार के लिए प्रदेश में वेद विद्यालयों का संचालन किया जा रहा है। वेदों की लुप्त हो रही ऋचाओं के संरक्षण के लिए भी सरकार के स्तर पर पहल की गई है।
जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री महेश जोशी ने कहा कि वर्तमान सरकार के दौर में राज्य में पहली बार विप्र कल्याण बोर्ड का गठन किया गया । साथ ही, पहल कर ईडब्ल्यूएस आरक्षण की व्यावहारिक कठिनाइयों को दूर करने का सुझाव दिया।उत्तर प्रदेश के पूर्व उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि सभी समाज को जोड़ कर सुसंस्कारों का जागरण और संस्कृति का रक्षण करना ब्राह्मण समाज का दायित्व होता है, जिसके लिए सभी को संकल्पित होकर कार्य करना होगा।
राज्यपाल ने आरम्भ में उपस्थितजन को संविधान की उद्देशिका और मूल कर्तव्यों का वाचन भी करवाया। इस अवसर पर राज्यपाल श्री मिश्र का गदा भेंट कर अभिनंदन किया गया।कार्यक्रम में राजस्थान खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के अध्यक्ष ब्रज किशोर शर्मा, विप्र कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष महेश शर्मा, महासभा के प्रदेशाध्यक्ष विजय हरितवाल, सांसद रामचरण बोहरा, विधायक अभिनेष महर्षि सहित बड़ी संख्या में समाज बन्धु उपस्थित रहे।
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