5वां फिक्की अराइज़ ‘रिबूट-री-इमेजिन रीबिल्ड’ 2022 वार्षिक सम्मेलन ; जीडीपी व्यय में शिक्षा की हिस्सेदारी बढ़ाने पर जोर
० योगेश भट्ट ०
नई दिल्ली : 5वें फिक्की अराइज़ स्कूल शिक्षा सम्मेलन 2022 में एनईपी 2002 के लक्ष्यों को पूरा करने में सरकार, उद्योग जगत और समाज सब के सहयोग की अनिवार्यता सामने रखी गई है। संजय कुमार, सचिव, स्कूल शिक्षा और साक्षरता, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार ने अपनी उपस्थिति से आयोजन की गरिमा बढ़ाई। एनईपी 2020 (नई शिक्षा नीति) की परिकल्पना में सकल घरेलू उत्पाद का कम से कम 6 प्रतिशत शिक्षा पर खर्च करने की परिकल्पना की गई है जबकि वर्तमान में शिक्षा पर सकल घरेलू उत्पाद का केवल 4.6 प्रतिशत खर्च किया जा रहा है। इसलिए यह जरूरी है कि अर्थव्यवस्था बढ़ने के इस दौर में हम शिक्षा पर अधिक निवेश करें,” कुमार ने कहा। ‘5वें फिक्की अराइज स्कूल शिक्षा सम्मेलन 2022’ में कुमार ने शिक्षा जगत में टेक्नोलॉजी की अहम भूमिका बताई और शिक्षा व्यवस्था की नई कल्पना करने की अपील की।“हम पुस्तक-आधारित शिक्षा व्यवस्था के दायरे से बाहर निकल रहे हैं और इसमें टेक्नोलॉजी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। साथ ही, लिबरल आर्ट्स को उसकी खोई हुई अहमियत वापस देनी होगी और इसके लिए उद्योग और शिक्षा जगत को मिल कर काम करना होगा। इसलिए रिबूट करने से पहले आइए हम एक नई शिक्षा व्यवस्था की परिकल्पना करें,’’ कुमार ने कहा। सचिव ने वर्तमान में पूरे देश में कक्षा 1 से 12 तक के लगभग 260 मिलियन विद्यार्थी होने की जानकारी दी जो 1.48 मिलियन स्कूलों में पढ़ रहे हैं, जिनमें से 1.05 मिलियन सरकारी स्कूल हैं। उन्होंने बताया कि आज लगभग 9.6 मिलियन शिक्षक हैं जो इन स्कूलों में सेवारत हैं। उनके प्रशिक्षण और शिक्षा के इन्फ्रास्ट्रक्चर में सुधार करना अत्यावश्यक है। ‘‘हमारी सरकार इस सेक्टर को जरूरी सहायता देने के लिए प्रतिबद्ध है और समय आ गया है कि हम एनईपी पर ध्यान केंद्रित करें और उसका लाभ उठायें,’’।
नई शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 की अहमियत सामने रखते हुए कुमार ने बताया कि एनईपी 2020 में समाज का डीएनए है और यह परिकल्पना भी है कि किसी समाज के लिए शिक्षा को केंद्र मानकर विकास और निर्माण कार्य करना कितना आवश्यक है। ‘‘एनईपी में बुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान पर भी ध्यान केंद्रित किया गया है और यह 8 वर्ष की आयु तक के बच्चों के मद्देनजर तैयार किया गया है,’’ दो दिवसीय सम्मेलन दो व्यापक मास्टर क्लास के साथ शुरू हुआ - स्कूल इम्प्रूवमेंट फ्रेमवर्क और स्कूल सुरक्षा एवं और बाल सुरक्षा। मास्टर क्लास में ऐसे फ्रेमवर्क की जरूरत पर जोर दिया गया जो समझने में आसान हो और स्कूलों में शिक्षा प्रदान करने में सुधार करे। मास्टर क्लास ने बच्चों की सुरक्षा और बचपन बचाओ सुनिश्चित करने का माहौल बनाने पर जोर दिया।
वार्षिक सम्मेलन 2022 के दूसरे दिन सुभ्रकांत पांडा, अध्यक्ष-चयनित, फिक्की और प्रबंध निदेशक, इंडियन मेटल्स एंड फेरो अलॉयज लिमिटेड के स्वागत संबोधन से हुआ। अपने संबोधन में उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2022 के चार बुनियादी आधार पर प्रकाश डाला। ‘जिन्दगी के हर दौर में लर्न, अनलर्न और रीलर्न की क्षमता होनी चाहिए। ‘‘फिक्की सहर्ष सरकार के साथ सहयोग करते हुए राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करने का कारगर ढांचा विकसित करने की दिशा में अग्रसर रहेगा,’’। फिक्की अराइज़ व्यापक शिक्षा शोध के अलावा नीति और नियामक मुद्दों के समाधान, सर्वाेत्तम प्रक्रियाएं लागू करने और इसकी चुनौतियां दूर करने के लक्ष्य से भागीदारों के बीच आम सहमति बनाने की दिशा में भी काम करता है।
फिक्की अराइज के अध्यक्ष और सेठ आनंदराम जयपुरिया ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के अध्यक्ष शिशिर जयपुरिया ने भारतीय शिक्षा व्यवस्था में बड़े बदलाव को लेकर महत्वपूर्ण सूझबूझ और फिक्की अराइज के योगदान के बारे में बताया, भारत का स्कूल इको सिस्टम पूरी दुनिया में अनोखा है। इसमें सरकारी और गैर-सरकारी स्कूल लगभग समान संख्या में बच्चों को शिक्षा दे रहे हैं। दोनों पक्षों के सामने सर्वाेत्तम प्रक्रियाएं आदान-प्रदान करने और मिल कर देश की तरक्की करने के अवसर हैं। इसके अलावा दोनों क्षेत्रों के लिए एक-दूसरे को समझने और सहायक होने की भी जरूरत है।’’
इस सम्मेलन में फिक्की अराइज के सह-संस्थापक और सुचित्रा अकादमी के संस्थापक प्रवीण राजू ने भी उपस्थिति दर्ज कर स्कूली शिक्षा पर अपने दृष्टिकोण सामने रखे। सम्मेलन के समापन दिवस पर फिक्की अराइज की तीन नॉलेज रिपोर्ट भी जारी की गई जो शिक्षा के विभिन्न पहलुओं के बारे में हैं - फिक्की अराइज ईवाई पार्थेनन स्कूल क्वालिटी असेसमेंट एंड एक्रेडिटेशन (एसक्यूएए) फ्रेमवर्क; फिक्की अराइज - ईवाई पार्थेनन रिपोर्ट ऑन ‘के-12 एजुकेशन इन इंडिया: विज़न 2047’ और फिक्की अराइज रिपोर्ट ऑन ‘स्कूल सेफ्टी एंड चाइल्ड प्रोटेक्शन’। इस अवसर पर शिक्षा जगत के प्रतिष्ठित लोगों के योगदान का सम्मान करने के लिए फिक्की अराइज एक्सीलेंस अवार्ड्स भी घोषित किए गए। साथ ही, फिक्की अराइज मोबाइल एप्लिकेशन लॉन्च किया गया।
नई दिल्ली : 5वें फिक्की अराइज़ स्कूल शिक्षा सम्मेलन 2022 में एनईपी 2002 के लक्ष्यों को पूरा करने में सरकार, उद्योग जगत और समाज सब के सहयोग की अनिवार्यता सामने रखी गई है। संजय कुमार, सचिव, स्कूल शिक्षा और साक्षरता, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार ने अपनी उपस्थिति से आयोजन की गरिमा बढ़ाई। एनईपी 2020 (नई शिक्षा नीति) की परिकल्पना में सकल घरेलू उत्पाद का कम से कम 6 प्रतिशत शिक्षा पर खर्च करने की परिकल्पना की गई है जबकि वर्तमान में शिक्षा पर सकल घरेलू उत्पाद का केवल 4.6 प्रतिशत खर्च किया जा रहा है। इसलिए यह जरूरी है कि अर्थव्यवस्था बढ़ने के इस दौर में हम शिक्षा पर अधिक निवेश करें,” कुमार ने कहा। ‘5वें फिक्की अराइज स्कूल शिक्षा सम्मेलन 2022’ में कुमार ने शिक्षा जगत में टेक्नोलॉजी की अहम भूमिका बताई और शिक्षा व्यवस्था की नई कल्पना करने की अपील की।“हम पुस्तक-आधारित शिक्षा व्यवस्था के दायरे से बाहर निकल रहे हैं और इसमें टेक्नोलॉजी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। साथ ही, लिबरल आर्ट्स को उसकी खोई हुई अहमियत वापस देनी होगी और इसके लिए उद्योग और शिक्षा जगत को मिल कर काम करना होगा। इसलिए रिबूट करने से पहले आइए हम एक नई शिक्षा व्यवस्था की परिकल्पना करें,’’ कुमार ने कहा। सचिव ने वर्तमान में पूरे देश में कक्षा 1 से 12 तक के लगभग 260 मिलियन विद्यार्थी होने की जानकारी दी जो 1.48 मिलियन स्कूलों में पढ़ रहे हैं, जिनमें से 1.05 मिलियन सरकारी स्कूल हैं। उन्होंने बताया कि आज लगभग 9.6 मिलियन शिक्षक हैं जो इन स्कूलों में सेवारत हैं। उनके प्रशिक्षण और शिक्षा के इन्फ्रास्ट्रक्चर में सुधार करना अत्यावश्यक है। ‘‘हमारी सरकार इस सेक्टर को जरूरी सहायता देने के लिए प्रतिबद्ध है और समय आ गया है कि हम एनईपी पर ध्यान केंद्रित करें और उसका लाभ उठायें,’’।
नई शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 की अहमियत सामने रखते हुए कुमार ने बताया कि एनईपी 2020 में समाज का डीएनए है और यह परिकल्पना भी है कि किसी समाज के लिए शिक्षा को केंद्र मानकर विकास और निर्माण कार्य करना कितना आवश्यक है। ‘‘एनईपी में बुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान पर भी ध्यान केंद्रित किया गया है और यह 8 वर्ष की आयु तक के बच्चों के मद्देनजर तैयार किया गया है,’’ दो दिवसीय सम्मेलन दो व्यापक मास्टर क्लास के साथ शुरू हुआ - स्कूल इम्प्रूवमेंट फ्रेमवर्क और स्कूल सुरक्षा एवं और बाल सुरक्षा। मास्टर क्लास में ऐसे फ्रेमवर्क की जरूरत पर जोर दिया गया जो समझने में आसान हो और स्कूलों में शिक्षा प्रदान करने में सुधार करे। मास्टर क्लास ने बच्चों की सुरक्षा और बचपन बचाओ सुनिश्चित करने का माहौल बनाने पर जोर दिया।
वार्षिक सम्मेलन 2022 के दूसरे दिन सुभ्रकांत पांडा, अध्यक्ष-चयनित, फिक्की और प्रबंध निदेशक, इंडियन मेटल्स एंड फेरो अलॉयज लिमिटेड के स्वागत संबोधन से हुआ। अपने संबोधन में उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2022 के चार बुनियादी आधार पर प्रकाश डाला। ‘जिन्दगी के हर दौर में लर्न, अनलर्न और रीलर्न की क्षमता होनी चाहिए। ‘‘फिक्की सहर्ष सरकार के साथ सहयोग करते हुए राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करने का कारगर ढांचा विकसित करने की दिशा में अग्रसर रहेगा,’’। फिक्की अराइज़ व्यापक शिक्षा शोध के अलावा नीति और नियामक मुद्दों के समाधान, सर्वाेत्तम प्रक्रियाएं लागू करने और इसकी चुनौतियां दूर करने के लक्ष्य से भागीदारों के बीच आम सहमति बनाने की दिशा में भी काम करता है।
फिक्की अराइज के अध्यक्ष और सेठ आनंदराम जयपुरिया ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के अध्यक्ष शिशिर जयपुरिया ने भारतीय शिक्षा व्यवस्था में बड़े बदलाव को लेकर महत्वपूर्ण सूझबूझ और फिक्की अराइज के योगदान के बारे में बताया, भारत का स्कूल इको सिस्टम पूरी दुनिया में अनोखा है। इसमें सरकारी और गैर-सरकारी स्कूल लगभग समान संख्या में बच्चों को शिक्षा दे रहे हैं। दोनों पक्षों के सामने सर्वाेत्तम प्रक्रियाएं आदान-प्रदान करने और मिल कर देश की तरक्की करने के अवसर हैं। इसके अलावा दोनों क्षेत्रों के लिए एक-दूसरे को समझने और सहायक होने की भी जरूरत है।’’
इस सम्मेलन में फिक्की अराइज के सह-संस्थापक और सुचित्रा अकादमी के संस्थापक प्रवीण राजू ने भी उपस्थिति दर्ज कर स्कूली शिक्षा पर अपने दृष्टिकोण सामने रखे। सम्मेलन के समापन दिवस पर फिक्की अराइज की तीन नॉलेज रिपोर्ट भी जारी की गई जो शिक्षा के विभिन्न पहलुओं के बारे में हैं - फिक्की अराइज ईवाई पार्थेनन स्कूल क्वालिटी असेसमेंट एंड एक्रेडिटेशन (एसक्यूएए) फ्रेमवर्क; फिक्की अराइज - ईवाई पार्थेनन रिपोर्ट ऑन ‘के-12 एजुकेशन इन इंडिया: विज़न 2047’ और फिक्की अराइज रिपोर्ट ऑन ‘स्कूल सेफ्टी एंड चाइल्ड प्रोटेक्शन’। इस अवसर पर शिक्षा जगत के प्रतिष्ठित लोगों के योगदान का सम्मान करने के लिए फिक्की अराइज एक्सीलेंस अवार्ड्स भी घोषित किए गए। साथ ही, फिक्की अराइज मोबाइल एप्लिकेशन लॉन्च किया गया।
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