दिल्ली नगर निगम के चुनावी दंगल में घनायढ़ व आपराधिक छवि के उम्मीदवार का बोलबाला
० विनोद तकिया वाला ०
नयी दिल्ली - दिल्ली की राजनीति में गर्मी की बहार है। दिल्ली नगर निगम चुनाव मे अब कुछ दिन शेष रह गये है।सभी राजनीति एम सी डी के समर क्षेत्र में अपनी पुरी ताकत झोक रही है। राजनीतिक दल एक दुसरे पर पर आरोप प्रत्यारोप का प्रहार कर रहें है। वही दिल्ली की प्रबद्ध जनता शांत बैठी है क्योकि वे राजनेताओं के चाल व चरित्र से भली भांति परिचित है।एक सजग नागरिक व कलम की सिपाई होने के नाते हम आप के समक्ष दिल्ली नगर निगम के चुनावों राजनीतिक दल ने अपने उम्मीदार खडा किया है।उनके बारे में कुछ जानकारी आप से समाने लाने का प्रयास कर रहा हैं ताकि आप जब नगर निगम के चुनाव अपने प्रतिनिधि को जान कर अपना महत्वपूर्ण मतदान करे।
पार्टियों के हिसाब से क्रिमिनल केस आम आदमी पार्टी(आप)के सबसे ज्यादा 18%(45) उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं. इसके बाद भाजपा के 11% (27) प्रत्याशियों और कांग्रेस के 10% (25)उम्मीदवारों के खिलाफ अपराधिक केस हैं।दिल्ली के एन डी एम सी चुनाव में राजनीतिक पार्टियों बार गंभीर आपराधिक मुकदमे आप- 19( 8%)भाजपा- 14 (6% ) कांग्रेस-12( 5% )है।एक उम्मीदवार ने अपने हलफनामे में जिक्र किया है कि उसके खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज है।वहीं 6 उम्मीदवारों के खिलाफ हत्या की कोशिश का मुकदमा दर्ज है।
2017 के मुकाबले दौलतमंद उम्मीदवार 2022 में करोड़पति उम्मीदवारों की संख्या बढोतरी हुई है Iइस चुनाव में1336उम्मीदवारों के व्यक्ति गत हलफनामे खंगालने के बाद 556 उम्मीदवार यानी 42% उम्मीदवार करोड़ पति मिले, जबकि साल 2017 में 2315 उम्मीदवारों के हलफनामे खंगालने के बाद 697 उम्मीदवार यानी 30% उम्मीदवार ही करोड़पति मिले थे।उम्मीदवार और उनकी संपत्ति 5 करोड़ से ऊपर- 151उम्मीदवार(11.3%)2-5 करोड़ - 217 उम्मीदवार(16.2%)50 लाख से 2 करोड़ 365 उम्मीदवार ( 27.3%)10 लाख से कम- 283 उम्मीदवार(21.2%)पार्टी के आधार पर करोड़पति उम्मीदवार (₹1 करोड़ से ऊपर घोषित संपत्ति)भाजपा के 162 उम्मीदवार (65%)आम आदमी पार्टी के 148 उम्मीदवार (60%) , कांग्रेस(आई)के 107उम्मीदवार (44%)ए डी आर के अनुसार 2022 के दिल्ली नगर निगम चुनावों में उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 2.27 करोड़ रुपये है,जबकि 2017 में ₹1.61 करोड़ रुपये थी।
नयी दिल्ली - दिल्ली की राजनीति में गर्मी की बहार है। दिल्ली नगर निगम चुनाव मे अब कुछ दिन शेष रह गये है।सभी राजनीति एम सी डी के समर क्षेत्र में अपनी पुरी ताकत झोक रही है। राजनीतिक दल एक दुसरे पर पर आरोप प्रत्यारोप का प्रहार कर रहें है। वही दिल्ली की प्रबद्ध जनता शांत बैठी है क्योकि वे राजनेताओं के चाल व चरित्र से भली भांति परिचित है।एक सजग नागरिक व कलम की सिपाई होने के नाते हम आप के समक्ष दिल्ली नगर निगम के चुनावों राजनीतिक दल ने अपने उम्मीदार खडा किया है।उनके बारे में कुछ जानकारी आप से समाने लाने का प्रयास कर रहा हैं ताकि आप जब नगर निगम के चुनाव अपने प्रतिनिधि को जान कर अपना महत्वपूर्ण मतदान करे।
आप को बता दे कि इस बार नगर निगम की चुनाव में खास है क्योकि केद्र में 8वर्ष शामिल व 15 वर्षो से एम सी डी मे शासन करने वाली भाजपा के 27 (11% ) (प्रत्याशियों और कांग्रेस के 25 (10% )उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं।एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ए डी आर)के अनुसार दिल्ली नगर निगम 2022 के चुनाव में उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 2.27 करोड़ रुपये है,जबकि 2017 में ₹1.61 करोड़ रुपये थी।आप को बता दे कि दिल्ली नगर निगम चुनाव 4 दिसंबर को हो रही हैं।इस चुनाव में 250 वार्डों के लिए कुल 1349 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। इनमें से 1336 उम्मीदवारों के हलफनामों का विश्लेषण करने के बाद एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ए डी आर) ने एक रिपोर्ट जारी की है।
इस रिर्पोट के मुताबिक 2017 में 272 वार्डों के लिए हुए चुनाव के मुकाबले करोड़पति उम्मीदवारों की संख्या बढ़ोतरी हुई है।साथ ही इस बार आपारधिक पृष्टि भुमि वाले उम्मीदवारों की संख्या भी बृद्धि हुई है। इस बार चुनाव मैदान में उतरे 10% (139) उम्मीदवारों के खिलाफ क्रिमिनल केस पाए गए, जबकि 2017 के चुनावों में 7% (173) उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ आपराधिक केस होने की जानकारी दी थी।वर्ष 2022 में 6% (76) उम्मीदवारों के खिलाफ गंभीर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं, जबकि 2017 में 5% (116) के खिलाफ गंभीर आपराधिक मुकदमे होने की स्वघोषित जानकारी सामने आई थी।
पार्टियों के हिसाब से क्रिमिनल केस आम आदमी पार्टी(आप)के सबसे ज्यादा 18%(45) उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं. इसके बाद भाजपा के 11% (27) प्रत्याशियों और कांग्रेस के 10% (25)उम्मीदवारों के खिलाफ अपराधिक केस हैं।दिल्ली के एन डी एम सी चुनाव में राजनीतिक पार्टियों बार गंभीर आपराधिक मुकदमे आप- 19( 8%)भाजपा- 14 (6% ) कांग्रेस-12( 5% )है।एक उम्मीदवार ने अपने हलफनामे में जिक्र किया है कि उसके खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज है।वहीं 6 उम्मीदवारों के खिलाफ हत्या की कोशिश का मुकदमा दर्ज है।
2017 के मुकाबले दौलतमंद उम्मीदवार 2022 में करोड़पति उम्मीदवारों की संख्या बढोतरी हुई है Iइस चुनाव में1336उम्मीदवारों के व्यक्ति गत हलफनामे खंगालने के बाद 556 उम्मीदवार यानी 42% उम्मीदवार करोड़ पति मिले, जबकि साल 2017 में 2315 उम्मीदवारों के हलफनामे खंगालने के बाद 697 उम्मीदवार यानी 30% उम्मीदवार ही करोड़पति मिले थे।उम्मीदवार और उनकी संपत्ति 5 करोड़ से ऊपर- 151उम्मीदवार(11.3%)2-5 करोड़ - 217 उम्मीदवार(16.2%)50 लाख से 2 करोड़ 365 उम्मीदवार ( 27.3%)10 लाख से कम- 283 उम्मीदवार(21.2%)पार्टी के आधार पर करोड़पति उम्मीदवार (₹1 करोड़ से ऊपर घोषित संपत्ति)भाजपा के 162 उम्मीदवार (65%)आम आदमी पार्टी के 148 उम्मीदवार (60%) , कांग्रेस(आई)के 107उम्मीदवार (44%)ए डी आर के अनुसार 2022 के दिल्ली नगर निगम चुनावों में उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 2.27 करोड़ रुपये है,जबकि 2017 में ₹1.61 करोड़ रुपये थी।
इस बार दिल्ली नगर निगम चुनाव (2022 ) में सबसे धनी उम्मीदवार बीजेपी के रामदेव शर्मा हैं,जो बल्लीमारान वार्ड से चुनाव लड़ रहे हैं।इन्होंने अपनी कुल चल-अचल संपत्ति ₹66 करोड़ घोषित की है।दूसरे नंबर पर मालवीय नगर वार्ड से बीजेपी की नंदिनी शर्मा है ।इन्होंने अपने हलकनामे में अपनी कुल चल-अचल संपत्ति का ब्योरा ₹49 करोड़ घोषित की है।तीसरे नंबर पर करावल नगर वेस्ट से चुनाव लड़ रहे आम आदमी पार्टी के जितेंद्र बंसल हैं इन्होंने अपनी कुल चल - अचल संपत्ति ₹48 करोड़ घोषित की है। वही आप को बता दे कि इन चुनावों में 2 उम्मीदवार इसे जिन्होंने अपनी कुल संपत्ति शून्य घोषित की है।
वही कुछ प्रत्यासी यो द्वारा अपनी सम्पति दो,ढाई और साढ़े तीन हजार रुपये बताई है ,जिसकी झलक इस प्रकार है।कापसहेड़ा बॉर्डर से निर्दलीय चुनाव लड़ रहीं कुसुम यादव ने अपने पास केवल ₹2000 होने का दावा किया हैIवहीं शास्त्री नगर से चुनाव लड़ रहे कांग्रेस के पंकज राणा ने हलफनामे में अपने पास 2517 रुपये होने का दावा किया है।इसके अलावा बीएसपी के टिकट पर वसंत विहार से चुनाव लड़ रहीं सुनीता ने अपने पास 3570 रुपये होने का दावा किया है. ...
यहा पर आप को बता ना चाहुगाँ कि इस बार 250 वार्ड के लिए चुनाव होने वाले हैं । इससे पहले एमसीडी में 272 वार्ड थे, लेकिन परिसीमन के बाद अब वार्ड की संख्या 250 हो गई है. दिल्ली नगर निगम चुनाव 2022 में परिसीमन के बाद समीकरण बदला हुआ दिखाई दे रहा है और कई नेताओं के लिए यह बदलाव साख बचाने की चुनौती बन चुका है । एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने शनिवार को दिल्ली नगर निगम चुनाव के उम्मीदवारों पर एक रिपोर्ट जारी की है।इस रिपोर्ट में दावा किया है कि आम आदमी पार्टी ने एमसीडी चुनाव में सबसे अधिक आपराधिक रिकॉर्ड वाले उम्मीदवार को उतारा है. एमसीडी के 250 वार्डों पर 4 दिसंबर को वोटिंग होनी है और इस चुनाव के लिए आप ने आपराधिक रिकॉर्ड वाले सबसे अधिक 45 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है ।
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की रिपोर्ट के अनुसार आम आदमी पार्टी से विश्लेषण किए गए 248 उम्मीदवारों में से 45 (18 प्रतिशत), बीजेपी से 249 उम्मीदवारों में से 27 (11 प्रतिशत) और कांग्रेस से 245 उम्मीदवारों में से 25 (10 प्रतिशत) ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं. बता दें कि एमसीडी चुनाव के लिए 1,349 उम्मीदवार मैदान में हैं. इनमें से कम से कम 139 उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. वहीं छह फीसदी ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं. इसके साथ ही इस रिपोर्ट में बताया गया है कि कि केवल एक उम्मीदवार ने हलफनामे में अपने खिलाफ हत्या (आईपीसी की धारा-302) से संबंधित मामले घोषित किया है,वहीं 6 उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ हत्या के प्रयास(आईपीसी की धारा-307) से संबंधित मामले घोषित किए हैं.
दिल्ली नगर निगम चुनाव लड़ने वाले 35 प्रतिशत से अधिक उम्मीदवार स्नातक हैं,जबकि चार प्रतिशत निरक्षर हैं. 752(56 प्रतिशत) उम्मीदवारों ने अपनी शैक्षणिक योग्यता कक्षा पांच से 12 के बीच घोषित की है।वहीं 487 (36 फीसदी) उम्मीदवारों ने स्नातक या उससे ऊपर की शैक्षणिक योग्यता होने की घोषणा की है,12 उम्मीदवार डिप्लोमा धारक हैं.इसके अलावा 20 उम्मीदवारों ने खुद को सिर्फ साक्षर घोषित किया है और 60 उम्मीदवार निरक्षर हैं,इसके साथ ही तीन उम्मीदवारों ने अपनी शैक्षणिक योग्यता घोषित नहीं की है '
असली र्निणय तो दिल्ली के जनता जनार्दन को अपना मताधिकार का प्रयोग कर करना है - वह किस पार्टी के उम्मीदवार को अपना समर्थन देती है। राजनेताओं की परेशानी बढती जा रही है जैसे जैसे मतदान का तिथि नजदीक आ रही है। खैर मुझे क्या । मै तो आप सभी से यह कहते हुए विदा लेते है - ना ही काहुँ से दोस्ती , ना ही काहुँ से बैर।खबरी लाल तो माँगे ।सबकी खैर ॥
यहा पर आप को बता ना चाहुगाँ कि इस बार 250 वार्ड के लिए चुनाव होने वाले हैं । इससे पहले एमसीडी में 272 वार्ड थे, लेकिन परिसीमन के बाद अब वार्ड की संख्या 250 हो गई है. दिल्ली नगर निगम चुनाव 2022 में परिसीमन के बाद समीकरण बदला हुआ दिखाई दे रहा है और कई नेताओं के लिए यह बदलाव साख बचाने की चुनौती बन चुका है । एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने शनिवार को दिल्ली नगर निगम चुनाव के उम्मीदवारों पर एक रिपोर्ट जारी की है।इस रिपोर्ट में दावा किया है कि आम आदमी पार्टी ने एमसीडी चुनाव में सबसे अधिक आपराधिक रिकॉर्ड वाले उम्मीदवार को उतारा है. एमसीडी के 250 वार्डों पर 4 दिसंबर को वोटिंग होनी है और इस चुनाव के लिए आप ने आपराधिक रिकॉर्ड वाले सबसे अधिक 45 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है ।
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की रिपोर्ट के अनुसार आम आदमी पार्टी से विश्लेषण किए गए 248 उम्मीदवारों में से 45 (18 प्रतिशत), बीजेपी से 249 उम्मीदवारों में से 27 (11 प्रतिशत) और कांग्रेस से 245 उम्मीदवारों में से 25 (10 प्रतिशत) ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं. बता दें कि एमसीडी चुनाव के लिए 1,349 उम्मीदवार मैदान में हैं. इनमें से कम से कम 139 उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. वहीं छह फीसदी ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं. इसके साथ ही इस रिपोर्ट में बताया गया है कि कि केवल एक उम्मीदवार ने हलफनामे में अपने खिलाफ हत्या (आईपीसी की धारा-302) से संबंधित मामले घोषित किया है,वहीं 6 उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ हत्या के प्रयास(आईपीसी की धारा-307) से संबंधित मामले घोषित किए हैं.
दिल्ली नगर निगम चुनाव लड़ने वाले 35 प्रतिशत से अधिक उम्मीदवार स्नातक हैं,जबकि चार प्रतिशत निरक्षर हैं. 752(56 प्रतिशत) उम्मीदवारों ने अपनी शैक्षणिक योग्यता कक्षा पांच से 12 के बीच घोषित की है।वहीं 487 (36 फीसदी) उम्मीदवारों ने स्नातक या उससे ऊपर की शैक्षणिक योग्यता होने की घोषणा की है,12 उम्मीदवार डिप्लोमा धारक हैं.इसके अलावा 20 उम्मीदवारों ने खुद को सिर्फ साक्षर घोषित किया है और 60 उम्मीदवार निरक्षर हैं,इसके साथ ही तीन उम्मीदवारों ने अपनी शैक्षणिक योग्यता घोषित नहीं की है '
असली र्निणय तो दिल्ली के जनता जनार्दन को अपना मताधिकार का प्रयोग कर करना है - वह किस पार्टी के उम्मीदवार को अपना समर्थन देती है। राजनेताओं की परेशानी बढती जा रही है जैसे जैसे मतदान का तिथि नजदीक आ रही है। खैर मुझे क्या । मै तो आप सभी से यह कहते हुए विदा लेते है - ना ही काहुँ से दोस्ती , ना ही काहुँ से बैर।खबरी लाल तो माँगे ।सबकी खैर ॥
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