मंगलम प्लस मेडिसिटी हॉस्पिटल में मिलेंगी डॉ एस एस शर्मा की चिकित्सा सेवा
० आशा पटेल ०
जयपुर। चिकित्सा में गैस्ट्रोएंटरोलॉजी के क्षेत्र में पिछले 15 साल में काफी बदलाव आया है। जिन बीमारियों के इलाज के लिए पहले सर्जरी करनी पड़ती थी, उन बीमारियों को अब केवल दवाइयों से ठीक किया जा सकता है, लेकिन इसके लिए सही जांच और विशेषज्ञ चिकित्सक का परामर्श होना जरूरी है। यह कहना है वरिष्ठ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ एस एस शर्मा का । एसएमएस मेडिकल कॉलेज से सेवानिवृत होने के बाद डॉ एस एस शर्मा ने हाल ही में मंगलम प्लस मेडिसिटी हॉस्पिटल में अपनी सेवाएं शुरू की हैं। यहां एक कार्यक्रम में डॉ एसएस शर्मा ने बताया कि उनके पास कई मेडिकल कॉलेज से ऑफर थे, लेकिन उनकी इच्छा एक ऐसे हॉस्पिटल से जुडने की थी,
जयपुर। चिकित्सा में गैस्ट्रोएंटरोलॉजी के क्षेत्र में पिछले 15 साल में काफी बदलाव आया है। जिन बीमारियों के इलाज के लिए पहले सर्जरी करनी पड़ती थी, उन बीमारियों को अब केवल दवाइयों से ठीक किया जा सकता है, लेकिन इसके लिए सही जांच और विशेषज्ञ चिकित्सक का परामर्श होना जरूरी है। यह कहना है वरिष्ठ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ एस एस शर्मा का । एसएमएस मेडिकल कॉलेज से सेवानिवृत होने के बाद डॉ एस एस शर्मा ने हाल ही में मंगलम प्लस मेडिसिटी हॉस्पिटल में अपनी सेवाएं शुरू की हैं। यहां एक कार्यक्रम में डॉ एसएस शर्मा ने बताया कि उनके पास कई मेडिकल कॉलेज से ऑफर थे, लेकिन उनकी इच्छा एक ऐसे हॉस्पिटल से जुडने की थी,
जहां आधुनिक मशीनें, उपकरण और एक्सपर्ट मेडिकल स्टाफ होने के साथ बेहतरीन प्रबंधन हो। मंगलम प्लस मेडिसिटी हॉस्पिटल उनके सभी पैरामीटर्स पर खरा उतरता है। खास बात है कि शानदार प्रबंधन की वजह से यह हॉस्पिटल तेजी से आगे बढ़ रहा है। डॉ एस एस शर्मा का कहना है कि पीलिया के मरीजों के लिए पोलेंजियोस्कॉपी के माध्यम से अब लीवर के अंदर भी देखना आसान हो गया है। इसी तरह छोटी आंत की एंडोस्कोपी से बीमारियों का सटीक इलाज किया जा सकता है।
मंगलम प्लस मेडिसिटी हॉस्पिटल में ये सभी आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हैं। डॉ शर्मा ने पेट की बीमारियों के लिए आधुनिक जीवन चर्चा को जिम्मेदार बताते हुए कहा कि तनाव, नशा, व्यायाम की कमी और फास्ट फूड का ज्यादा सेवन भी पेट की ज्यादातर बीमारियों का कारण हैं।
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