दलित, आदिवासी, अल्पसंख्यक एवं महिला संगठनों के संयुक्त मंच ने छेड़ा दमन विरोधी आन्दोलन

० आशा पटेल ० 
जयपुर।  दलित, आदिवासी, अल्पसंख्यक, महिला ने छेड़ा दमन प्रतिरोध आंदोलन/ संगठनों के पदाधिकारियों में सवाई सिंह ,कविता श्रीवास्तव,डा. संजय माधव एवं ,डा. मुहम्मद इक़बाल सिद्दीक़ी ने बताया कि राजस्थान के सीमावर्ती ज़िले बाड़मेर के बालोतरा में एमबीआर गवर्नमेंट कॉलेज में एक शिक्षक द्वारा इतिहास की कक्षा में इस्लाम और मुसलमानों से जुड़ी आपत्तिजनक टिप्पणी किये जाने के बाद कक्षा में मौजूद एक मुस्लिम छात्रा हसीना बानो ने जब इसका विरोध किया तो राजू चौधरी नामक एक छात्र नेता और अन्य लोगों ने न केवल छात्रा को धमकाया बल्कि 2 घंटे तक कॉलेज से बाहर भी नहीं आने दिया और उसके पैर पर मोटर साइकल चढाने का भी प्रयास किया गया। 

उन्होंने कहा कि हम इस घटना की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए जल्द से जल्द आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग करते हैं। उन्होंने कहा कि यह बहुत ही निंदनीय है कि 21 नवंबर की घटना होने के बाद अब तक इस मामले में किसी भी आरोपी को गिरफ़्तार नहीं किया गया है और न ही प्रार्थी छात्रा हसीना बानो को किसी तरह की सुरक्षा दी गई है, जबकि छात्रा को आरोपियों द्वारा लगातार धमकाया जा रहा है और राज़ीनामा कर शिकायत वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि बालोतरा, तहसील पचपदरा, जिला बाडमेर की रहने वाली छात्रा हसीना बानो पुत्री सलीम और अन्य विद्यार्थियों को 21 नवम्बर को सुबह 12 बजे एम बी आर महाविद्यालय, जसोल फांटा बालोतरा में प्रथम वर्ष की इतिहास की कक्षा में अध्यापक पदम सिंह द्वारा पढ़ाया जा रहा था, तभी अध्यापक पदमसिंह ने छात्रों को सम्बोधित करते हुए कहा गया कि क्या इस कक्षा में कोई मुसलमान है? जब इस सवाल का कक्षा में किसी ने कोई नहीं दिया तब शिक्षक पदमसिंह ने कहा कि कुरान में ऐसा लिखा गया है कि एक हिन्दु को मारने से हज का पुण्य मिलता है तथा दो को मारने से जन्नत मिलती है और ये लोग (मुस्लिम) हिन्दु को काफिर कहते है।

इतिहास की कक्षा में इस तरह से मनगढ़ंत झूठी बातें बताकर युवाओं के बीच साम्प्रदायिकता और नफरत फैलाई जा रही है। दमन प्रतिरोध आन्दोलन ने मांग की कि शिक्षक पदम सिंह को तुरंत प्रभाव से निलम्बित कर उसके विरुद्ध आपराधिक मुक़द्दमा दर्ज किया जाए।

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