तंबाकू नियंत्रण में बेस्ट प्रेक्टिेसज पर दूसरा राष्ट्रीय सम्मेलन चंडीगढ़ में सम्पन्न
० आशा पटेल ०
जयपुर। पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (पीजीआई चंडीगढ़) के कम्युनिटी मेडिसिन एवं पब्लिक हेल्थ विभाग में स्थित तंबाकू नियंत्रण रिसोर्स सेंटर के तत्वावधान में ‘‘तंबाकू नियंत्रण की बेस्ट प्रैक्टिसेज‘‘ विषय पर दूसरा राष्ट्रीय सम्मेलन हाल ही में सम्पन्न हुआ। इस तीन दिवसीय सम्मेलन में भारत सरकार व राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारियों, शिक्षाविदों, विशेषज्ञों, चिकित्सकों एवं स्वयंसेवी संंस्थाओं के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इसमें 15 राज्यों से आए 25 श्रेष्ठ, अनुकरणीय एवं इनोवेटिव प्रयोगों की प्रस्तुति तथा उन पर चर्चा की गई।
सम्मेलन के विशिष्ट अतिथि के तौर पर भाग ले रहे दी इंटरनेशनल यूनियन, दिल्ली के दक्षिण पूर्व एशिया के क्षेत्रीय उप-निदेशक डॉ. राणा जे. सिंह, हीलिस शेखसरीया इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ, नवी मुंबई के निदेशक डॉ. पी.सी. गुप्ता, राजस्थान कैंसर फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ. राकेश गुप्ता आदि ने पीजीआई चंडीगढ़ द्वारा बेस्ट प्रैक्टिेसस को डाक्यूमेंट करने के प्रयासों की सराहना की। इससे एक तरफ तो तंबाकू का ‘‘एंड गेम‘‘ (खेल खत्म) अभियान में सहयोग होगा और दूसरी ओर संयुक्त राष्ट्र के सतत् विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्राप्त करने में देश आगे बढ़ेगा।
राजस्थान से 3 बेस्ट प्रेक्टिस शामिल राजस्थान राज्य तम्बाकू नियंत्रण में देश का अग्रणी राजय रहा है जहां सबसे पहले तम्बाकू नियंत्रण कानून की पहल की गई थी। उक्त राष्ट्रीय समेलन में राजस्थान से 3 नये प्रयोगों को बेस्ट प्रेक्टिस हेतु शामिल किया गया। इसमें राजस्थान कैंसर फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ. राकेश गुप्ता द्वारा ‘‘तम्बाकू मुक्त राज्य पुलिस अकादमी‘‘ पर केस स्टडी प्रस्तुत की गई। गांधी फाउन्डेशन के अध्यक्ष डा. रमेश गांधी द्वारा तम्बाकू नियंत्रण में ‘‘सोशल मार्केटिंग इंटरवेनशन‘‘ विषय पर इनोवेशन अप्रोच प्रस्तुत की गई। ज्योति चौधरी द्वारा ‘‘स्मोक-फ्री झुंझुनूं‘‘ पर केस स्टडी प्रस्तुत की गई।
5.3, तम्बाकू मुक्ति में सोशल मार्केटिंग की भूमिका, ई-सिगरेट, ओ.टी.टी. प्लेटफार्म, तंबाकू इंडस्ट्री द्वारा अवरोध, शिक्षण संस्थानों को तंबाकू मुक्त बनाना, कोटपा एक्ट की धारा 5, झुंझुनूं धुम्रपान मुक्त, चार धाम यात्रा, रोज कैंपेन, तथा तंबाकू मुक्त जेनरेशन आदि विषयों पर बेस्ट प्रैक्टिसेज प्रस्तुत किये गये। सम्मेलन में डेल्फी तकनीक का इस्तेमाल करते हुए तंबाकू नियंत्रण के क्षेत्र में राष्ट्रीय तथा राज्य स्तरीय लक्ष्यों की प्राथमिकता भी निर्धारित की गई। इसके अतिरिक्त ‘टोबेको फ्री-टाईम्स‘ बुलेटिन के 22वें एडिशन जो कि प्लेन पैकेजिंग पर केन्द्रित है, का भी विमोचन किया गया।
जयपुर। पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (पीजीआई चंडीगढ़) के कम्युनिटी मेडिसिन एवं पब्लिक हेल्थ विभाग में स्थित तंबाकू नियंत्रण रिसोर्स सेंटर के तत्वावधान में ‘‘तंबाकू नियंत्रण की बेस्ट प्रैक्टिसेज‘‘ विषय पर दूसरा राष्ट्रीय सम्मेलन हाल ही में सम्पन्न हुआ। इस तीन दिवसीय सम्मेलन में भारत सरकार व राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारियों, शिक्षाविदों, विशेषज्ञों, चिकित्सकों एवं स्वयंसेवी संंस्थाओं के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इसमें 15 राज्यों से आए 25 श्रेष्ठ, अनुकरणीय एवं इनोवेटिव प्रयोगों की प्रस्तुति तथा उन पर चर्चा की गई।
प्रोग्राम को-ऑर्डिनेटर पीजीआई चंडीगढ़ के कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ. सोनू गोयल ने बताया कि सम्मेलन में प्रस्तुत किए गए सभी 25 बेस्ट प्रेक्टिसेज का एक संकलन कॉफी टेबल बुक के रूप में प्रकाशित किया जाएगा। भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, नई दिल्ली, में प्रोग्राम एडवाइजरी कमेटी की चेयरपर्सन डॉ. सुनीला गर्ग ने इस तरह की पहल की आवश्यकता पर ज़ोर दिया और इस महत्त्वपूर्ण संकलन पुस्तक के निर्माण में पूर्ण सहयोग देने का वादा किया।
सम्मेलन के विशिष्ट अतिथि के तौर पर भाग ले रहे दी इंटरनेशनल यूनियन, दिल्ली के दक्षिण पूर्व एशिया के क्षेत्रीय उप-निदेशक डॉ. राणा जे. सिंह, हीलिस शेखसरीया इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ, नवी मुंबई के निदेशक डॉ. पी.सी. गुप्ता, राजस्थान कैंसर फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ. राकेश गुप्ता आदि ने पीजीआई चंडीगढ़ द्वारा बेस्ट प्रैक्टिेसस को डाक्यूमेंट करने के प्रयासों की सराहना की। इससे एक तरफ तो तंबाकू का ‘‘एंड गेम‘‘ (खेल खत्म) अभियान में सहयोग होगा और दूसरी ओर संयुक्त राष्ट्र के सतत् विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्राप्त करने में देश आगे बढ़ेगा।
राजस्थान से 3 बेस्ट प्रेक्टिस शामिल राजस्थान राज्य तम्बाकू नियंत्रण में देश का अग्रणी राजय रहा है जहां सबसे पहले तम्बाकू नियंत्रण कानून की पहल की गई थी। उक्त राष्ट्रीय समेलन में राजस्थान से 3 नये प्रयोगों को बेस्ट प्रेक्टिस हेतु शामिल किया गया। इसमें राजस्थान कैंसर फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ. राकेश गुप्ता द्वारा ‘‘तम्बाकू मुक्त राज्य पुलिस अकादमी‘‘ पर केस स्टडी प्रस्तुत की गई। गांधी फाउन्डेशन के अध्यक्ष डा. रमेश गांधी द्वारा तम्बाकू नियंत्रण में ‘‘सोशल मार्केटिंग इंटरवेनशन‘‘ विषय पर इनोवेशन अप्रोच प्रस्तुत की गई। ज्योति चौधरी द्वारा ‘‘स्मोक-फ्री झुंझुनूं‘‘ पर केस स्टडी प्रस्तुत की गई।
5.3, तम्बाकू मुक्ति में सोशल मार्केटिंग की भूमिका, ई-सिगरेट, ओ.टी.टी. प्लेटफार्म, तंबाकू इंडस्ट्री द्वारा अवरोध, शिक्षण संस्थानों को तंबाकू मुक्त बनाना, कोटपा एक्ट की धारा 5, झुंझुनूं धुम्रपान मुक्त, चार धाम यात्रा, रोज कैंपेन, तथा तंबाकू मुक्त जेनरेशन आदि विषयों पर बेस्ट प्रैक्टिसेज प्रस्तुत किये गये। सम्मेलन में डेल्फी तकनीक का इस्तेमाल करते हुए तंबाकू नियंत्रण के क्षेत्र में राष्ट्रीय तथा राज्य स्तरीय लक्ष्यों की प्राथमिकता भी निर्धारित की गई। इसके अतिरिक्त ‘टोबेको फ्री-टाईम्स‘ बुलेटिन के 22वें एडिशन जो कि प्लेन पैकेजिंग पर केन्द्रित है, का भी विमोचन किया गया।
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