यश पैक्का 2023 में मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ टॉप 50 में शुमार
० योगेश भट्ट ०
नयी दिल्ली : यश पैक्का लिमिटेड (सस्टेनेबल पैकेजिंग के उद्योग में अग्रणी) ने संस्थान में कर्मचारियों के लिए बेहतरीन माहौल बनाने के क्षेत्र में नए मानदंड स्थापित किए हैं। इसी की बदौलत, यश पैक्का लिमिटेड को 2023 में निर्माण क्षेत्र (मैन्युफैक्चरिंग) में भारत के टॉप 50 बेस्ट वर्कप्लेसेस की सूची में शामिल किया गया है। इससे पहले कंपनी ने लगातार दूसरी बार जीपीटीडब्ल्यू सर्टिफिकेट हासिल किया था। यह मान्यता उन संस्थानों को दी जाती है, जो अपने कर्मचारियों के बीच उच्च स्तर के विश्वास का माहौल बनाते हैं और बेहतर प्रदर्शन की संस्कृति को बढ़ावा देते हैं। मैन्युफैक्चरिंग में इस प्रमाणपत्र से सम्मानित होने के लिए, यश पैक्का जैसी कंपनियों ने निर्माण के क्षेत्र में मजबूत और सख्त नजरिया अपनाया है। कंपनी ने अन्य कारकों के अलावा निर्माण की बेहतर क्वॉलिटी और कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रबंधन क्षेत्र के सबसे आधुनिक सिद्धांतों को लागू करने पर अपना ध्यान केंद्रित किया है। मैन्युफैक्चरिंग के लिए बेस्ट वर्कप्लेसेस का पुरस्कार केवल उन ब्रैंड्स को दिया जाता है, जो इंडस्ट्री में कार्यस्थलों पर सुरक्षा, गुणवत्ता और स्थिरता जैसे तत्वों को बढ़ावा देने के लिए उच्च स्तर की प्रतिबद्धता का प्रदर्शन करते हैं।
ग्रेट प्लेस टु वर्क कार्यस्थलों की संस्कृति सुधारने के लिए काम करने वाली एक वैश्विक संस्था है। 1992 से कंपनी ने दुनिया भर में 100 मिलियन से ज्यादा कर्मचारियों का सर्वे किया है। कंपनी ने इस सर्वेक्षण के गहन नतीजों को बेहतरीन कार्यस्थलों और कर्मचारियों में विश्वास की परिभाषा गढ़ने में प्रयोग किया। कर्मचारियों का सर्वे करने के प्लेटफॉर्म ने इस क्षेत्र का नेतृत्व करने वाले दिग्गजों को फीडबैक देने के साथ वास्तविक स्थिति की जानकारी दी और वह नजरिया दिया, जिनकी उन्हें कर्मचारियों के हित में रणनीतिक फैसले लेने में जरूरत पड़ती है। यह संस्थान 60 से ज्यादा देशों में व्यावसायों, गैर लाभकारी संस्थाओं और सरकारी एजेंसियों को अपनी सेवा देता है और इसने तीन दशकों से ज्यादा समय से बेहतरीन कार्यस्थलों की विशेषताओं पर अग्रणी शोध किया है।
यश पैक्का कई दशकों से लगातार सिस्टम और प्रोसेस में सुधार पर जोर डाल रहा है। कंपनी ने निर्माण और गुणवत्ता के क्षेत्र में कई प्रमाणपत्र हासिल किए हैं, जिसमें आईएसओ 45001:2018 ओएचएसआई/1641, आईएसओ 22000:2018 एफएसएमएस/1164, सीआईपीईटी, यूएस एफडीए 21 सीएफआर 176:170, आईएसओ 14001:2015, क्यूएमएसआई/1612, आईएसओ 9000:2015, क्यूएमएसआई /1613, फॉरेस्ट स्टीवर्डशिप काउंसिल (एफएससी) शामिल है। देश में निर्माण क्षेत्र की दिग्गज अग्रणी संस्थाओं द्वारा बनाए गए पैमानों पर ब्रैंड ने गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों पर ध्यान केंद्रित कर और सुरक्षा की विस्तृत प्रतिबद्धता की कसौटी पर खरा उतरकर ये स्थान हासिल किया है।
यह मान्यता सुरक्षा के प्रति कंपनी की प्रतिबद्धता की भी पुष्टि करती है, जो निर्माण कंपनियों के प्रमुख पहलुओं में से एक है। इस तरह निश्चित रूप से यश पैक्का को देश के सबसे सुरक्षित और सहयोग का माहौल प्रदान करने वाले कार्यस्थलों में से एक माना जाता है। हाल ही में यश पैक्का ने सितंबर 2022 से सितंबर 2023 तक दूसरी बार ग्रेट प्लेस टु वर्क का सर्टिफिकेट हासिल किया। कंपनी ने पूर्ण रूप से और कर्मचारियों के हितों और कल्याण पर केंद्रित कार्य-संस्कृति को सोच-समझकर डिजाइन कर सबसे पसंदीदा नियोक्ता के तौर पर अपनी सर्वश्रेष्ठता साबित की है।
इस पुरस्कार पर अपना दावा करने के लिए, संस्थान को जीपीटीडब्ल्यू के दो तरह के ऑडिट से गुजरना पड़ता है। इसमें से ऑडिट का पहला पैमाना ट्रस्ट इंडेक्स है। यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वैध माना जाने वाला सर्वेक्षण का एक उपकरण है, जिसका उद्देश्य कर्मचारियों के अनुभव की गुणवत्ता को परखना होता है। इस सर्वे का उद्देश्य कर्मचारियों के नाम को गोपनीय रखते हुए उनसे एकत्र फीडबैक पर ध्यान केंद्रित करना है। इस मानक को बेस्ट वर्कप्लेस की लिस्ट बनाने में 75 फीसदी अहमियत दी जाती है। दूसरा पैमाना कल्चर ऑडिट है। इसमें जीपीटीडब्ल्यू इंस्टिट्यूट के मालिकाना हक के उपकरण से किसी संस्थान में लोगों के काम करने के तरीके का मूल्यांकन किया जाता है।
इस पुरस्कार पर अपना दावा करने के लिए, संस्थान को जीपीटीडब्ल्यू के दो तरह के ऑडिट से गुजरना पड़ता है। इसमें से ऑडिट का पहला पैमाना ट्रस्ट इंडेक्स है। यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वैध माना जाने वाला सर्वेक्षण का एक उपकरण है, जिसका उद्देश्य कर्मचारियों के अनुभव की गुणवत्ता को परखना होता है। इस सर्वे का उद्देश्य कर्मचारियों के नाम को गोपनीय रखते हुए उनसे एकत्र फीडबैक पर ध्यान केंद्रित करना है। इस मानक को बेस्ट वर्कप्लेस की लिस्ट बनाने में 75 फीसदी अहमियत दी जाती है। दूसरा पैमाना कल्चर ऑडिट है। इसमें जीपीटीडब्ल्यू इंस्टिट्यूट के मालिकाना हक के उपकरण से किसी संस्थान में लोगों के काम करने के तरीके का मूल्यांकन किया जाता है।
इसके लिए किसी संस्थान में काम करने वाले कर्मचारी के जीवनचक्र की बेहतर ढंग से निगरानी कर उसे अच्छी तरह से समझा जाता है। बेस्ट वर्कप्लेस का फैसला करने में इस मानक के शेष 25 फीसदी अंक तय किए गए हैं। इस सर्वे में देश की 201 शीर्ष संस्थाओं (ऑर्गनाइजेशंस) का आकलन किया गया। विस्तृत मूल्यांकन के बाद इसमें से 50 संस्थाओं का चयन किया गया। इस सूची में शामिल संस्थाओं को किसी कार्यस्थल पर कर्मचारियों के बीच बेहतर माहौल बनाने और संचालन प्रक्रिया में कर्मचारियों के फीडबैक को प्रभावी ढंग से शामिल करने के मामले में टॉप परफॉर्मर्स माना जाता है। इस तरह यह संस्थाएं आपसी भाईचारे और विश्वास को बढ़ावा देती हैं।
यश पैक्का लिमिटेड के प्रबंध निदेशक जगदीप हीरा ने इस जीत पर कहा, “मैं बहुत खुश हूं कि यश पैक्का को 2023 में निर्माण क्षेत्र में भारत के बेस्ट वर्कप्लेसेस में से एक बनने का गौरव हासिल हुआ है। ग्रेट प्लेस टु वर्क सबसे सम्मानित मान्यता में से एक माना जाता है, जिसे हासिल करना कंपनियों का लक्ष्य होता है। कंपनियों का इस श्रेणी में प्रमाण पत्र हासिल करना उनमें कार्य करने की अनूठी संस्कृति और सहयोग तथा सामंजस्य पूर्ण वातावरण का सबूत माना जाता है। यह पैमाना हमने दशकों की मेहनत के बाद बनाया है। शुरुआत से ही हम चाहते थे कि यश पैक्का में काम करने की अपनी संस्कृति तथा चरित्र हो और यह कार्यस्थलों पर आमतौर पर अपनाए जाने वाले तरीकों से अलग हटकर काम करे और कंपनी में अलग-अलग टीम में शामिल कर्मचारियों में आपसी विश्वास और सहयोग का बेहतर माहौल बने।
यश पैक्का लिमिटेड के प्रबंध निदेशक जगदीप हीरा ने इस जीत पर कहा, “मैं बहुत खुश हूं कि यश पैक्का को 2023 में निर्माण क्षेत्र में भारत के बेस्ट वर्कप्लेसेस में से एक बनने का गौरव हासिल हुआ है। ग्रेट प्लेस टु वर्क सबसे सम्मानित मान्यता में से एक माना जाता है, जिसे हासिल करना कंपनियों का लक्ष्य होता है। कंपनियों का इस श्रेणी में प्रमाण पत्र हासिल करना उनमें कार्य करने की अनूठी संस्कृति और सहयोग तथा सामंजस्य पूर्ण वातावरण का सबूत माना जाता है। यह पैमाना हमने दशकों की मेहनत के बाद बनाया है। शुरुआत से ही हम चाहते थे कि यश पैक्का में काम करने की अपनी संस्कृति तथा चरित्र हो और यह कार्यस्थलों पर आमतौर पर अपनाए जाने वाले तरीकों से अलग हटकर काम करे और कंपनी में अलग-अलग टीम में शामिल कर्मचारियों में आपसी विश्वास और सहयोग का बेहतर माहौल बने।
यह जानकर काफी खुशी हो रही है कि हमारे प्रयासों का फल अब हमें मिलने लगा है। इससे टीम के सदस्य अपने काम के प्रति पूरी तरह समर्पित रहते हैं और वह अपने रोजमर्रा के काम को सकारात्मक नजरिए से करते हैं। इसी के साथ 2023 में मैन्युफैक्चरिंग में भारत के टॉप 50 बेस्ट वर्कप्लेस की प्रतिष्ठित सूची में शामिल होने से हर कर्मचारी को गर्व का अहसास होता है। मैं इस अवसर पर पूरी टीम को बधाई देना चाहता हूं!”
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