जेपी हाॅस्पिटल ने विश्व कैंसर दिवस के मौके पर आयोजित किया जागरुकता सत्र
० योगेश भट्ट ०
नोएडा, विश्व कैंसर दिवस के मौके पर हम 3 वर्षीय क्लोज द केयर गैप कैंपेन के 2 साल पूरे कर रहे हैं। इसी थीम के साथ जेपी हाॅस्पिटल आम लोगों एवं स्वास्थ्य समुदायों को कैंसर के जल्दी निदान, जांच एवं स्क्रीनिंग के बारे में जागरुक बनाने के लिए प्रयासरत है। जेपी अस्पताल के विशेषज्ञ ऽ डॉ. सुदर्शन डे, निदेशक, विकिरण ऑन्कोलॉजी विभाग ऽ डॉ. मलय नंदी, निदेशक, चिकित्सा ऑन्कोलॉजी विभाग ऽ डॉ. आशीष गोयल, निदेशक, सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग ऽ डॉ. अभिषेक गुलिया, एसोसिएट डायरेक्टर, रेडिएशन ऑन्कोलॉजी विभाग ऽ डॉ. नितिन लीखा, एसोसिएट डायरेक्टर, सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग ऽ डॉ. अतुल शर्मा, वरिष्ठ सलाहकार, चिकित्सा ऑन्कोलॉजी विभाग
कैंसर के मरीजों के जीवित रहने की संभावना को बढ़ाने के लिए विश्व कैंसर दिवस शुरूआती अवस्था में ही कैंसर के निदान, जांच और स्क्रीनिंग पर जोर देता है। इनोवेशन एवं आधुनिक प्रगति के अलावा यह हर दिन इस क्षेत्र में हासिल की जाने वाली उपलब्धियों पर भी रोशनी डालता है, ये छोटी-छोटी उपलब्धियां भी कैंसर के मरीजों के उपचार में कारगर साबित हो रही हैं। अगर कैंसर की देखभाल जैसे निदान, सर्जरी, रेडियोथेरेपी, कीमोथेरेपी, पेलिएटिव केयर में किसी तरह का ‘गैप’ यानि खामियां हैं तो मरीज के लिए निराशा अकल्पनीय हो जाती है।
विश्व कैंसर दिवस के मौके पर डाॅ सुदर्शन डे, डायरेक्टर, डिपार्टमेन्ट आॅफ रेडिएशन ओंकोलोजी, जेपी हाॅस्पिटल ने कहा, ‘‘शब्द ‘कैंसर’ अपने आप में इतना भयावह है कि इसे सुनते ही व्यक्ति की रूह कांप जाती है। कैंसर के मरीजों की मानसिक स्थिति का विवरण करना नामुमकिन है। इस विश्व कैंसर दिवस के मौके पर हम लोगों को जागरुक बनाना चाहते हैं कि ज्यादातर प्रकार के कैंसर का उपचार किया जा सकता है और इसे नियन्त्रित किया जा सकता है, खासतौर पर अगर इसे शुरूआती अवस्था में ही पहचान कर जल्द से जल्द इलाज शुरू कर दिया जाए। शुरूआती अवस्था में ही कैंसर का निदान होने से हम दुनिया भर में लाखों मरीजों को असमय मृत्यु से बचा सकते हैं।’’
गैर-सेहतमंद जीवनशैली के साथ-साथ पर्यावरण और जीवनशैली के ऐसे कई कारक हैं जिनके चलते कैंसर की संभावना बढ़ जाती है। इसके अलावा अंतिम अवस्था के मरीजों का उचित पैलिएटिव केयर मिलना भी बहुत जरूरी है। कैंसर की देखभाल के हर चरण पर उम्मीदों और वास्तविक परिस्थितियों के बीच काफी अंतर रह जाता है। इस अवसर पर डाॅ मलय नंदी, डायरेक्टर, डिपार्टमेन्ट आॅफ मेडिकल ओंकोलोजी, जेपी हाॅस्पिटल ने कहा, ‘‘कैंसर के निदान में देरी होने से इसके शरीर में फैलने की संभावना बढ़ जाती है, जो शरीर को बहुत अधिक नुकसान पहुंचाता है। कैंसर के खिलाफ जंग जीतने के लिए हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि रोग की रोकथाम, जल्दी निदान एवं उपचार तथा पैलिएटिव केयर से जुड़ी सेवाओं को युनिवर्सल हेल्थ कवरेज में शामिल किया जाए।’’
‘‘जीवनशैली में बदलाव जैसे सेहतमंद आहार, शारीरिक व्यायाम, एल्कोहल एवं तंबाकू का सेवन न करना कैंसर से बचने के कारगर तरीके हैं। इससे न सिर्फ कैंसर से बचाव होता है बल्कि जीवन की गुणवत्ता भी बेहतर होती है। इस विश्व कैंसर दिवस के मौके पर मैं हर व्यक्ति को प्रोत्साहित करना चाहूंगा कि कैंसर के शुरूआती लक्षणों को समझें, और कभी भी मदद लेने से न हिचकें। समय पर मदद मिलने से कैंसर के मरीजों के सफल इलाज और उनके जीवित रहने की संभावना बढ़ जाती है, जो इस साल के थीम ‘क्लोज द केयर गैप’ के अनुरूप है।’’ डाॅ आशीष गोयल, डायरेक्टर, डिपार्टमेन्ट आॅफ सर्जिकल ओंकोलोजी, जेपी हाॅस्पिटल ने कहा।
‘कैंसर के लिए उम्मीद को सशक्त बनाने’ के दृष्टिकोण के साथ जेपी हाॅस्पिटल दिल्ली-एनसीआर में व्यापक कैंसर केयर सेंटर की भूमिका निभाता है। अस्पताल ने अपने अनुभवी डाॅक्टरों एवं आधुनिक तकनीक से युक्त चिकित्सा सेवाओं के साथ विश्वस्तरीय चिकित्सा सेवाओं में नए मानक स्थापित किए हैं। अपनी स्वास्थ्य सुविधाओं को लगातार अपग्रेड करते हुए अस्पताल मरीजों को उपचार के सर्वश्रेष्ठ विकल्प उपलब्ध कराता है जो दुनिया में सर्वश्रेष्ठ हैं।
नोएडा, विश्व कैंसर दिवस के मौके पर हम 3 वर्षीय क्लोज द केयर गैप कैंपेन के 2 साल पूरे कर रहे हैं। इसी थीम के साथ जेपी हाॅस्पिटल आम लोगों एवं स्वास्थ्य समुदायों को कैंसर के जल्दी निदान, जांच एवं स्क्रीनिंग के बारे में जागरुक बनाने के लिए प्रयासरत है। जेपी अस्पताल के विशेषज्ञ ऽ डॉ. सुदर्शन डे, निदेशक, विकिरण ऑन्कोलॉजी विभाग ऽ डॉ. मलय नंदी, निदेशक, चिकित्सा ऑन्कोलॉजी विभाग ऽ डॉ. आशीष गोयल, निदेशक, सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग ऽ डॉ. अभिषेक गुलिया, एसोसिएट डायरेक्टर, रेडिएशन ऑन्कोलॉजी विभाग ऽ डॉ. नितिन लीखा, एसोसिएट डायरेक्टर, सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग ऽ डॉ. अतुल शर्मा, वरिष्ठ सलाहकार, चिकित्सा ऑन्कोलॉजी विभाग
कैंसर के मरीजों के जीवित रहने की संभावना को बढ़ाने के लिए विश्व कैंसर दिवस शुरूआती अवस्था में ही कैंसर के निदान, जांच और स्क्रीनिंग पर जोर देता है। इनोवेशन एवं आधुनिक प्रगति के अलावा यह हर दिन इस क्षेत्र में हासिल की जाने वाली उपलब्धियों पर भी रोशनी डालता है, ये छोटी-छोटी उपलब्धियां भी कैंसर के मरीजों के उपचार में कारगर साबित हो रही हैं। अगर कैंसर की देखभाल जैसे निदान, सर्जरी, रेडियोथेरेपी, कीमोथेरेपी, पेलिएटिव केयर में किसी तरह का ‘गैप’ यानि खामियां हैं तो मरीज के लिए निराशा अकल्पनीय हो जाती है।
विश्व कैंसर दिवस के मौके पर डाॅ सुदर्शन डे, डायरेक्टर, डिपार्टमेन्ट आॅफ रेडिएशन ओंकोलोजी, जेपी हाॅस्पिटल ने कहा, ‘‘शब्द ‘कैंसर’ अपने आप में इतना भयावह है कि इसे सुनते ही व्यक्ति की रूह कांप जाती है। कैंसर के मरीजों की मानसिक स्थिति का विवरण करना नामुमकिन है। इस विश्व कैंसर दिवस के मौके पर हम लोगों को जागरुक बनाना चाहते हैं कि ज्यादातर प्रकार के कैंसर का उपचार किया जा सकता है और इसे नियन्त्रित किया जा सकता है, खासतौर पर अगर इसे शुरूआती अवस्था में ही पहचान कर जल्द से जल्द इलाज शुरू कर दिया जाए। शुरूआती अवस्था में ही कैंसर का निदान होने से हम दुनिया भर में लाखों मरीजों को असमय मृत्यु से बचा सकते हैं।’’
गैर-सेहतमंद जीवनशैली के साथ-साथ पर्यावरण और जीवनशैली के ऐसे कई कारक हैं जिनके चलते कैंसर की संभावना बढ़ जाती है। इसके अलावा अंतिम अवस्था के मरीजों का उचित पैलिएटिव केयर मिलना भी बहुत जरूरी है। कैंसर की देखभाल के हर चरण पर उम्मीदों और वास्तविक परिस्थितियों के बीच काफी अंतर रह जाता है। इस अवसर पर डाॅ मलय नंदी, डायरेक्टर, डिपार्टमेन्ट आॅफ मेडिकल ओंकोलोजी, जेपी हाॅस्पिटल ने कहा, ‘‘कैंसर के निदान में देरी होने से इसके शरीर में फैलने की संभावना बढ़ जाती है, जो शरीर को बहुत अधिक नुकसान पहुंचाता है। कैंसर के खिलाफ जंग जीतने के लिए हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि रोग की रोकथाम, जल्दी निदान एवं उपचार तथा पैलिएटिव केयर से जुड़ी सेवाओं को युनिवर्सल हेल्थ कवरेज में शामिल किया जाए।’’
‘‘जीवनशैली में बदलाव जैसे सेहतमंद आहार, शारीरिक व्यायाम, एल्कोहल एवं तंबाकू का सेवन न करना कैंसर से बचने के कारगर तरीके हैं। इससे न सिर्फ कैंसर से बचाव होता है बल्कि जीवन की गुणवत्ता भी बेहतर होती है। इस विश्व कैंसर दिवस के मौके पर मैं हर व्यक्ति को प्रोत्साहित करना चाहूंगा कि कैंसर के शुरूआती लक्षणों को समझें, और कभी भी मदद लेने से न हिचकें। समय पर मदद मिलने से कैंसर के मरीजों के सफल इलाज और उनके जीवित रहने की संभावना बढ़ जाती है, जो इस साल के थीम ‘क्लोज द केयर गैप’ के अनुरूप है।’’ डाॅ आशीष गोयल, डायरेक्टर, डिपार्टमेन्ट आॅफ सर्जिकल ओंकोलोजी, जेपी हाॅस्पिटल ने कहा।
‘कैंसर के लिए उम्मीद को सशक्त बनाने’ के दृष्टिकोण के साथ जेपी हाॅस्पिटल दिल्ली-एनसीआर में व्यापक कैंसर केयर सेंटर की भूमिका निभाता है। अस्पताल ने अपने अनुभवी डाॅक्टरों एवं आधुनिक तकनीक से युक्त चिकित्सा सेवाओं के साथ विश्वस्तरीय चिकित्सा सेवाओं में नए मानक स्थापित किए हैं। अपनी स्वास्थ्य सुविधाओं को लगातार अपग्रेड करते हुए अस्पताल मरीजों को उपचार के सर्वश्रेष्ठ विकल्प उपलब्ध कराता है जो दुनिया में सर्वश्रेष्ठ हैं।
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