आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति में बढ़ रहा है लोगों का विश्वास : डॉ मुंजपरा महेंद्रभाई
० आशा पटेल ०
जयपुर : केन्द्रीय आयुष राज्य मंत्री डॉ मुंजपरा महेंद्रभाई कालूभाई व आयुष सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान मानद विवि जयपुर के रस शास्त्र एवं भैषज्य कल्पना विभाग द्वारा संस्थान परिसर में आयोजित तीन दिवसीय आयुर्वेदिक फार्मास्युटिकल सांईस पर अंतरराष्ट्रीय संगौष्ठी का शुभारंभ किया |
एनआईए युनिवर्सिटी के कुलपति प्रो संजीव शर्मा व रस शास्त्र विभागाध्यक्ष प्रो अनुपम श्रीवास्तव ने आयुष राज्य मंत्री डॉ मुंजपरा महेंद्रभाई ,आयुष सचिव वैद्य राजेश कोटेचा व सभी मुख्य अतिथि वक्ताओं का साफा,पगड़ी व पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया |अंतरराष्ट्रीय संगौष्ठी में आयुर्वेद चिकित्सकों को सम्बोधित करते हुए आयुष राज्य मंत्री डॉ मुंजपरा महेंद्रभाई ने कहा कि आयुर्वेद हजारों वर्षों से चली आ रही प्राचीन चिकित्सा पद्धति है | दिन प्रतिदिन आमजन का रुझान आयुर्वेद चिकित्सा में तेजी से बढ़ रहा है | लोग अपने दैनिक जीवन में आयुर्वेद पद्धति में विश्वास जताकर इससे नित्य अपना रहे है | उन्होंने कहा कि देश आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा देने में अग्रणी है | मंत्री डॉ मुंजपरा ने कहा कि समय-समय पर आयुर्वेद के विकास,प्रचार व प्रसार हेतु इस प्रकार की ज्ञानवर्धक अंतराष्ट्रीय संगौष्ठियों का आयोजन होना अति आवश्यक है |
ऐसी संगौष्ठियों में भाग लेने से निश्चित रूप से प्रत्येक आयुर्वेद क्षेत्र के लोगों के ज्ञान में वृद्धि होती है |
इस दौरान आयुष सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने कहा कि आयुर्वेद महज एक चिकित्सा ही नहीं है बल्कि जीवन जीने की एक कला भी है | प्रोफेसर पी के प्रजापति कुलपति रा. कृष्ण विश्वविद्यालय, जोधपुर एवं प्रोफेसर रवि नारायण आचार्य निदेशक सी सी आर ए ए एस, नई दिल्ली ने बताया कि आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति से जटिल से जटिल रोगों की चिकित्सा भी संभव है | आयुर्वेद में रसौषधि चिकित्सा का विशेष महत्व है |
अंतरराष्ट्रीय संगौष्ठी में अतिथि वक्ताओं ने आयुर्वेद अध्येताओं को औषधियों का ज्ञान,पहचान,संरक्षण, निर्माण विधि तथा नयी औषधियों के आविष्कार,पेटेंट,स्टार्ट अप ,इंडस्ट्रीज और एकेडमिक रिलेशनशिप जैंसे अनेकों महत्वपूर्ण विषयों पर ज्ञान का प्रकाश डाला |विभागाध्यक्ष प्रो.अनुपम श्रीवास्तव ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय संगौष्ठी में तीन दिन अलग-अलग विषयों पर विशेषज्ञों द्वारा व्याख्यान प्रस्तुत किये जायेंगे |
जयपुर : केन्द्रीय आयुष राज्य मंत्री डॉ मुंजपरा महेंद्रभाई कालूभाई व आयुष सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान मानद विवि जयपुर के रस शास्त्र एवं भैषज्य कल्पना विभाग द्वारा संस्थान परिसर में आयोजित तीन दिवसीय आयुर्वेदिक फार्मास्युटिकल सांईस पर अंतरराष्ट्रीय संगौष्ठी का शुभारंभ किया |
एनआईए युनिवर्सिटी के कुलपति प्रो संजीव शर्मा व रस शास्त्र विभागाध्यक्ष प्रो अनुपम श्रीवास्तव ने आयुष राज्य मंत्री डॉ मुंजपरा महेंद्रभाई ,आयुष सचिव वैद्य राजेश कोटेचा व सभी मुख्य अतिथि वक्ताओं का साफा,पगड़ी व पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया |अंतरराष्ट्रीय संगौष्ठी में आयुर्वेद चिकित्सकों को सम्बोधित करते हुए आयुष राज्य मंत्री डॉ मुंजपरा महेंद्रभाई ने कहा कि आयुर्वेद हजारों वर्षों से चली आ रही प्राचीन चिकित्सा पद्धति है | दिन प्रतिदिन आमजन का रुझान आयुर्वेद चिकित्सा में तेजी से बढ़ रहा है | लोग अपने दैनिक जीवन में आयुर्वेद पद्धति में विश्वास जताकर इससे नित्य अपना रहे है | उन्होंने कहा कि देश आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा देने में अग्रणी है | मंत्री डॉ मुंजपरा ने कहा कि समय-समय पर आयुर्वेद के विकास,प्रचार व प्रसार हेतु इस प्रकार की ज्ञानवर्धक अंतराष्ट्रीय संगौष्ठियों का आयोजन होना अति आवश्यक है |
ऐसी संगौष्ठियों में भाग लेने से निश्चित रूप से प्रत्येक आयुर्वेद क्षेत्र के लोगों के ज्ञान में वृद्धि होती है |
इस दौरान आयुष सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने कहा कि आयुर्वेद महज एक चिकित्सा ही नहीं है बल्कि जीवन जीने की एक कला भी है | प्रोफेसर पी के प्रजापति कुलपति रा. कृष्ण विश्वविद्यालय, जोधपुर एवं प्रोफेसर रवि नारायण आचार्य निदेशक सी सी आर ए ए एस, नई दिल्ली ने बताया कि आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति से जटिल से जटिल रोगों की चिकित्सा भी संभव है | आयुर्वेद में रसौषधि चिकित्सा का विशेष महत्व है |
अंतरराष्ट्रीय संगौष्ठी में अतिथि वक्ताओं ने आयुर्वेद अध्येताओं को औषधियों का ज्ञान,पहचान,संरक्षण, निर्माण विधि तथा नयी औषधियों के आविष्कार,पेटेंट,स्टार्ट अप ,इंडस्ट्रीज और एकेडमिक रिलेशनशिप जैंसे अनेकों महत्वपूर्ण विषयों पर ज्ञान का प्रकाश डाला |विभागाध्यक्ष प्रो.अनुपम श्रीवास्तव ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय संगौष्ठी में तीन दिन अलग-अलग विषयों पर विशेषज्ञों द्वारा व्याख्यान प्रस्तुत किये जायेंगे |
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