आईएनए दिल्ली हाट मे 16 मार्च से 31 मार्च तक बिहार उत्सव
० योगेश भट्ट ०
नई दिल्ली : बिहार स्थापना दिवस के अवसर पर 15 दिवसीय बिहार उत्सव का आयोजन 16 मार्च से 31 मार्च तक बिहार सरकार के उद्योग विभाग द्वारा आईएनए दिल्ली हाट, नई दिल्ली में किया जाएगा, जिसमें बिहार के हैंडीक्राफ्ट, हैंडलूम, बिहार खादी, मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के लाभार्थी, PMEGP योजना के लाभार्थी द्वारा लगभग 120 स्टॉल लगाए जायेंगे। इसके साथ ही बिहार के कलाकारों द्वारा बिहार की कला एवं संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। जानकारी देते हुए उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव संदीप पौण्डरीक ने कहा कि इस वर्ष नई दिल्ली के आईएनए दिल्ली हाट मे बिहार उत्सव और बिहार दिवस समारोह मनाया जा रहा है। इसके लिए दिल्ली हाट को बिहार थीम पर सजाया जाएगा।बिहार सरकार के उद्योग विभाग के विशेष सचिव दिलीप कुमार ने बताया कि बिहार उत्सव 2023 में इस बार बिहार के प्रसिद्ध हैंडलूम एवं हैंडीक्राफ्ट के 120 स्टाल लगाया गया है जिसमे बिहार की प्रसिद्ध भागलपुरी सिल्क एवं बिहार के प्रसिद्ध हस्तशिल्प एवं हैंडीक्राफ्ट को प्रदर्शित किया गया है। उन्होंने बताया कि बिहार उत्सव के माध्यम से बिहार के कलाकारों को अपने हैंडलूम एवं हैंडीक्राफ्ट के उत्पादों के बिक्री एवं प्रदर्शनी तथा मार्केटिंग का अवसर मिलता है। इसके अलावा बिहारी स्वादिष्ट व्यंजनों का फूड स्टाल भी खास होगा। बिहार उत्सव में इस वर्ष पद्मश्री से सम्मानित किए गए दो कलाकारों बावन बूटी हस्तशिल्प कला के कपिल देव प्रसाद और पेपर मेसी एवं मधुबनी पेंटिंग की प्रसिद्ध कलाकार सुभद्रा देवी द्वारा निर्मित उत्पाद आकर्षण के प्रमुख केंद्र होंगे।बिहार उत्सव के दौरान विशेष तौर पर सजाया गए स्थानों पर विश्व प्रसिद्ध मधुबनी एवं मिथिला पेंटिंग, मंजूषा पेंटिंग, पटना टिकुली कला, भागलपुरी सिल्क, बिहार खादी के वस्त्र एवं उत्पाद, जूट निर्मित वस्तुएं यथा जूट ज्वेलरी, निपुरा हैंडलूम एवं हस्तकरघा से निर्मित बेड-सीट, चादर विशेष रूप से मेला का आकर्षण का केन्द्र होगा। अन्य स्टालों के माध्यम से मशहूर भागलपुरी सिल्क, मिथिला पेंटिंग, सिकी से निर्मित सामग्री, मोतीहारी का आकर्षक सीप से निर्मित आभूषण,
नई दिल्ली : बिहार स्थापना दिवस के अवसर पर 15 दिवसीय बिहार उत्सव का आयोजन 16 मार्च से 31 मार्च तक बिहार सरकार के उद्योग विभाग द्वारा आईएनए दिल्ली हाट, नई दिल्ली में किया जाएगा, जिसमें बिहार के हैंडीक्राफ्ट, हैंडलूम, बिहार खादी, मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के लाभार्थी, PMEGP योजना के लाभार्थी द्वारा लगभग 120 स्टॉल लगाए जायेंगे। इसके साथ ही बिहार के कलाकारों द्वारा बिहार की कला एवं संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। जानकारी देते हुए उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव संदीप पौण्डरीक ने कहा कि इस वर्ष नई दिल्ली के आईएनए दिल्ली हाट मे बिहार उत्सव और बिहार दिवस समारोह मनाया जा रहा है। इसके लिए दिल्ली हाट को बिहार थीम पर सजाया जाएगा।बिहार सरकार के उद्योग विभाग के विशेष सचिव दिलीप कुमार ने बताया कि बिहार उत्सव 2023 में इस बार बिहार के प्रसिद्ध हैंडलूम एवं हैंडीक्राफ्ट के 120 स्टाल लगाया गया है जिसमे बिहार की प्रसिद्ध भागलपुरी सिल्क एवं बिहार के प्रसिद्ध हस्तशिल्प एवं हैंडीक्राफ्ट को प्रदर्शित किया गया है। उन्होंने बताया कि बिहार उत्सव के माध्यम से बिहार के कलाकारों को अपने हैंडलूम एवं हैंडीक्राफ्ट के उत्पादों के बिक्री एवं प्रदर्शनी तथा मार्केटिंग का अवसर मिलता है। इसके अलावा बिहारी स्वादिष्ट व्यंजनों का फूड स्टाल भी खास होगा। बिहार उत्सव में इस वर्ष पद्मश्री से सम्मानित किए गए दो कलाकारों बावन बूटी हस्तशिल्प कला के कपिल देव प्रसाद और पेपर मेसी एवं मधुबनी पेंटिंग की प्रसिद्ध कलाकार सुभद्रा देवी द्वारा निर्मित उत्पाद आकर्षण के प्रमुख केंद्र होंगे।बिहार उत्सव के दौरान विशेष तौर पर सजाया गए स्थानों पर विश्व प्रसिद्ध मधुबनी एवं मिथिला पेंटिंग, मंजूषा पेंटिंग, पटना टिकुली कला, भागलपुरी सिल्क, बिहार खादी के वस्त्र एवं उत्पाद, जूट निर्मित वस्तुएं यथा जूट ज्वेलरी, निपुरा हैंडलूम एवं हस्तकरघा से निर्मित बेड-सीट, चादर विशेष रूप से मेला का आकर्षण का केन्द्र होगा। अन्य स्टालों के माध्यम से मशहूर भागलपुरी सिल्क, मिथिला पेंटिंग, सिकी से निर्मित सामग्री, मोतीहारी का आकर्षक सीप से निर्मित आभूषण,
टेरा कोटा से निर्मित वस्तुएं, जूट निर्मित वस्तुएं यथा जूट ज्वेलरी टिकुली आर्ट के साथ-साथ नालंदा, बिहारशरीफ का नेपुरा सिल्क एवं हस्तकरघा से निर्मित बेड.सीट ,चादर विशेष रूप से मेला का आकर्षण का केन्द्र रहेंगे। इस बिहार दिवस के अवसर पर बिहार लोक कला एवं संगीत का सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन दिनांक 21,22 एवं 23 मार्च को संध्या 6 से 8 बजे तक किया जाएगा।
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