मेटा फेस्टिवल में नाटकों का मंचन दिल्ली में 23-28 मार्च

० योगेश भट्ट ० 
नई दिल्ली- महिंद्रा एक्सीलेंस इन थिएटर अवार्ड्स (मेटा) और फेस्टिवल कल से कमानी सभागार में शुरू हो रहा है.फेस्टिवल की शुरुआत श्रीनिवास बीसेट्टी द्वारा निर्देशित ‘नमक’ नाटक से होगा. सप्ताहभर चलने वाले फेस्टिवल में देशभर से 10 नाटकों का मंचन कमानी सभागार और श्रीराम सेंटर में होगा. हमेशा की तरह इस साल भी फेस्टिवल में विविधता को ध्यान में रखते हुए देशभर के नाटकों को शामिल किया गया है. इस साल मेटा ने 400 आवेदनों में से असमी, अंग्रेजी, हिंदी, कन्नड़, मलयालम, मराठी, मारवाड़ी और तमिल भाषी नाटकों का चयन किया है.नाटकों का मंचन प्रतिष्ठित ज्यूरी सदस्यों और थिएटर प्रेमियों के सम्मुख होगा.
इस साल ज्यूरी में थिएटर डायरेक्टर नीलम मानसिंह चौधरी, संगीत नाटक अकादमी अवार्ड से सम्मानित अभिनेता मोहन अगाशे, पुरस्कृत थिएटर कलाकार और अभिनेत्री शेर्नाज़ पटेल, इंडियन थिएटर डायरेक्टर अमल अल्लाना,पुरस्कृत थिएटर डायरेक्टर ब्रूस गुथ्रे, भारतीय थियेटर एवं फिल्म अभिनेत्री अरुंधति नाथ और डाइरेक्टर इंडिया हेबिटेट सेंटर सुनीत टंडन शामिल हैं.
इस साल लाइफटाइम अवार्ड से सम्मानित अभिनेत्री, सुषमा सेठ को दिया जाएगा मेटा 2023 में लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड सहित 14 श्रेणियों में अवार्ड प्रदान किया जायेगा. 13 प्रतिस्पर्धात्मक श्रेणियां हैं: बेस्ट प्ले, बेस्ट डायरेक्टर, बेस्ट स्टेज डिज़ाइन, बेस्ट लाइट डिज़ाइन, बेस्ट इनोवेटिव साउंड डिज़ाइन, बेस्ट कॉस्टयूम डिज़ाइन, बेस्ट एक्टर (मेल), बेस्ट एक्टर (फीमेल), बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर (मेल), बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर (फीमेल), बेस्ट ओरिजिनल स्क्रिप्ट, बेस्ट एन्सेम्बल और बेस्ट कोरियोग्राफी.

थिएटर फेस्टिवल के समानांतर ही, लर्निंग@मेटा में थिएटर से जुड़ी कई वर्कशॉप होंगी, जिनमें थिएटर जगत की हस्तियाँ आकर कई महत्वपूर्ण चीजें सिखाएंगी. इसका मकसद थिएटर के प्रति आम लोगों की रुचि बढ़ाना और इसके भिन्न रूपों और तकनीक के प्रति जागरूकता बढ़ाना है| इस साल की वर्कशॉप में सीनोग्रफी, आंदोलनों और अभिव्यक्ति की कला, रंगमंच की रचना, रंगमंच की आलोचना और लाइट व साउंड डिजाइन पर आधारित होगी| ये वर्कशॉप ऑनलाइन होगी.

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