नमक’ नाटक से महिंद्रा एक्सीलेंस इन थिएटर अवार्ड्स का आरम्भ
० योगेश भट्ट ०
नई दिल्ली- महिंद्रा एक्सीलेंस इन थिएटर अवार्ड्स (मेटा ) की शुरुआत कमानी ऑडिटोरियम में नमक नाटक से हुई| एक हप्ते तक चलने वाले इस फेस्टिवल में चयनित टॉप 10 नाटकों में भारत के विभिन्न वर्गों और विविध विषयों के माध्यम से आशा, प्यार, गम, धोखा और बदले के भाव को प्रदर्शित किया जाएगा| इनमें प्राचीन कला लावणी से लेकर ब्रिटिश राज के अंतर्गत अस्तित्व का संघर्ष करते चाय आदिवासी, वैश्विक शरणार्थी संकट, लैंगिक मुद्दे, दलित दमन, ग्रामीण राजनीति, भोजन की राजनीति और ट्रांसजेंडर समुदाय की व्यथा पेश की जाएगी|इस सीजन के पहले नाटक, नमक का मंचन हुआ| इसके डायरेक्टर हैं श्रीनिवास बीसेट्टी और इसे प्रोड्यूस किया है| हिंदी के पूरे भारत से 395 आवेदन प्राप्त हुए थे, जिनमें महाराष्ट्र, दिल्ली, केरल, कर्नाटक, तेलंगाना, तमिलनाडु, असम, मणिपुर और राजस्थान का रंगमंच शामिल रहा| ओपनिंग के अवसर पर, महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड के वाईस प्रेसिडेंट, जय शाह ने कहा, “हालाँकि मेटा में हम मात्र 10 नाटकों का ही चयन कर सकते हैं, लेकिन ये देखना सुखद है कि हमने भारतीय रंगमंच के बहुरंगों में से सर्वश्रेष्ठ का चयन करके महिंद्रा ग्रुप की विविधता और समावेशिता के वादे को बरक़रार रखा है|
नई दिल्ली- महिंद्रा एक्सीलेंस इन थिएटर अवार्ड्स (मेटा ) की शुरुआत कमानी ऑडिटोरियम में नमक नाटक से हुई| एक हप्ते तक चलने वाले इस फेस्टिवल में चयनित टॉप 10 नाटकों में भारत के विभिन्न वर्गों और विविध विषयों के माध्यम से आशा, प्यार, गम, धोखा और बदले के भाव को प्रदर्शित किया जाएगा| इनमें प्राचीन कला लावणी से लेकर ब्रिटिश राज के अंतर्गत अस्तित्व का संघर्ष करते चाय आदिवासी, वैश्विक शरणार्थी संकट, लैंगिक मुद्दे, दलित दमन, ग्रामीण राजनीति, भोजन की राजनीति और ट्रांसजेंडर समुदाय की व्यथा पेश की जाएगी|इस सीजन के पहले नाटक, नमक का मंचन हुआ| इसके डायरेक्टर हैं श्रीनिवास बीसेट्टी और इसे प्रोड्यूस किया है| हिंदी के पूरे भारत से 395 आवेदन प्राप्त हुए थे, जिनमें महाराष्ट्र, दिल्ली, केरल, कर्नाटक, तेलंगाना, तमिलनाडु, असम, मणिपुर और राजस्थान का रंगमंच शामिल रहा| ओपनिंग के अवसर पर, महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड के वाईस प्रेसिडेंट, जय शाह ने कहा, “हालाँकि मेटा में हम मात्र 10 नाटकों का ही चयन कर सकते हैं, लेकिन ये देखना सुखद है कि हमने भारतीय रंगमंच के बहुरंगों में से सर्वश्रेष्ठ का चयन करके महिंद्रा ग्रुप की विविधता और समावेशिता के वादे को बरक़रार रखा है|
विविध भाषाओँ से आए इन नाटकों ने कई सामाजिक मुद्दों को छुआ है, इनमें, गरीबी, खाद्य सुरक्षा और ट्रांसजेंडर जैसे मुद्दे हैं, जो न सिर्फ जागरूकता पैदा करते हैं, बल्कि हमें समस्या पर और गहराई से सोचने के लिए प्रेरित करते हैं| रंगमंच की यही तो खासियत है| महिंद्रा ग्रुप में हम एक बराबरी का संसार बनाना चाहते हैं, जहाँ मेटा खुलकर अपनी बात कह सके|” टीमवर्क आर्ट्स के मैनेजिंग डायरेक्टर, संजॉय के रॉय ने इस अवसर पर कहा, “मेटा की ताकत नाटकों की विविधता में ही है, जो देश के भिन्न भौगोलिक क्षेत्रों से आते हैं| हमेशा की तरह, मेटा 2023 भारतीय रंगमंच के गहरे आयामों का जश्न मनाते हुए, समाज को जागरूक करने वाले विषयों को प्रस्तुत करेगा|”
टिप्पणियाँ