समारोह में स्त्री शक्ति ने बढ़ चढ़ कर भाग लिया
० योगेश भट्ट ०
नई दिल्ली, स्त्री अस्मिता तथा सशक्तिकरण की समन्वित भावना प्राचीन काल से ही रही है और घर दीवारों या छतों मात्र से नहीं होता , बल्कि घर में महिलाओं का सम्मान,खुशी और सुरक्षा से होती है ।
केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, दिल्ली में एक सप्ताह का अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया जिसमें अनेक रचनात्मक प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया । इनमें महिला फोटो शूट और लड़कियों तथा महिलाओं पर व्यक्तिगत दुश्मनी के कारण उन पर तेजाब फेंकने की कुप्रथाओं को लेकर पर फोटो सेशन प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया । साथ ही साथ स्त्री शक्तिकरण से जुड़े मनोरम चित्रावली का भी सेशन रखा गया । कुलपति प्रो वरखेड़ी ने कहा कि इन प्रतियोगिताओं को नवोन्मेषी पहल माना जा सकता है । साथ ही साथ सर पर पुस्तक रख कर और उसे संतुलन बना कर दौरना भी श्रमसाध्य प्रतियोगिता रही ।
नई दिल्ली, स्त्री अस्मिता तथा सशक्तिकरण की समन्वित भावना प्राचीन काल से ही रही है और घर दीवारों या छतों मात्र से नहीं होता , बल्कि घर में महिलाओं का सम्मान,खुशी और सुरक्षा से होती है ।
केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, दिल्ली में एक सप्ताह का अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया जिसमें अनेक रचनात्मक प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया । इनमें महिला फोटो शूट और लड़कियों तथा महिलाओं पर व्यक्तिगत दुश्मनी के कारण उन पर तेजाब फेंकने की कुप्रथाओं को लेकर पर फोटो सेशन प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया । साथ ही साथ स्त्री शक्तिकरण से जुड़े मनोरम चित्रावली का भी सेशन रखा गया । कुलपति प्रो वरखेड़ी ने कहा कि इन प्रतियोगिताओं को नवोन्मेषी पहल माना जा सकता है । साथ ही साथ सर पर पुस्तक रख कर और उसे संतुलन बना कर दौरना भी श्रमसाध्य प्रतियोगिता रही ।
कुलपति ने सभी विजेताओं को सम्मानित करते यह भी कहा कि महिलाओं की स्वतंत्रत समिति ने श्रीमति गंगा शर्मा, श्रीमति उषा तलवार तथा श्रीमति रामवती को साल 2023 का श्रेष्ठ महिलाकर्मी की घोषणा की है । इसके लिए भी मैं अपने तथा विश्वविद्यालयका की तरह से हार्दिक बधाई देता हूं । उसकी इन उपलब्धयों सभी को प्रेरणा भी लेनी चाहिए । उसी प्रकार आंखों में पट्टी बांध कर तथा चम्मच में नींबू रख कर दौर लगाना भी अच्छा माना जा सकता है । श्रीमति पापिया दास, अनुभाग अधिकारी, प्रशासन अनुभाग, का मानना था कि हमारे दूरदर्शी वीसी सर प्रोफेसर वरखेड़ी जी की अध्यक्षता और इस प्रासंगिक कार्यक्रम के समन्वयक, प्रोफेसर बनमाली बिस्वाल सर, शैक्षणिक डीन के कारण सुनियोजित कार्यक्रम आयोजित किया जा सका ।
डॉ छोटी बाई मीना, डॉ अमृता कौर, श्रीमती स्नेहलता उपाध्याय, श्रीमती गंगा शर्मा, आभा, कंचन, श्रीमती अलका, श्रीमती सोनिया और कनिका ने कहा कि माननीय कुलपति, डीन अकादमी के साथ-साथ रजिस्ट्रार प्रोफेसर रंजीत कुमार वर्मन, परीक्षा नियंत्रक, के अलावा प्रो पवन कुमार, प्रो मुरली सर, निदेशक, योजना, माननीय वीसी के ओएसडी प्रो कुलदीप शर्मा, वी सी के पीएस श्री सोनराज पाटीदार, डा रत्नमोहन झा निदेशक,एम एस पी ,डॉ मधुकेवर भट्ट, निर्देशन, शोध व प्रकाशन ,
, पीओ डा एस मंथा और जगन्नाथ झा, सहायक प्रोफेसर, डॉ. गणेश पंडित, सहायक प्रोफेसर, कृष्ण कुमार के टी, उप निदेशक, प्रशासन, अनिल नोडियाल, सहायक निदेशक, वित्त, जितेंद्र कुमार, सहायक निदेशक, अनुसंधान और प्रकाशन के साथ-साथ डॉ. बिपिन कुमार झा, सहायक प्रोफेसर (कंनटेक्ट) और केयर टेकर अरुण कुमार ने अपने समय-समय पर जबरदस्त उत्साह को बढ़ावा देने के कारण यह सुनियोजित रुप से सफल हो सका । दिल्ली के साथ-साथ सभी परिसरों के लिए सीएसयू द्वारा वित्तीय सहायता के बावजूद, कुछ विशेष कार्यक्रमों के लिए इससे संबंधित धन भी सीएसयू , दिल्ली महिला समाज व्यक्ति गत वहन पर व्यवस्था की गयी थी जो अत्यधिक उत्साह और लोकप्रियता का ही सूचक है।
डॉ छोटी बाई मीना, डॉ अमृता कौर, श्रीमती स्नेहलता उपाध्याय, श्रीमती गंगा शर्मा, आभा, कंचन, श्रीमती अलका, श्रीमती सोनिया और कनिका ने कहा कि माननीय कुलपति, डीन अकादमी के साथ-साथ रजिस्ट्रार प्रोफेसर रंजीत कुमार वर्मन, परीक्षा नियंत्रक, के अलावा प्रो पवन कुमार, प्रो मुरली सर, निदेशक, योजना, माननीय वीसी के ओएसडी प्रो कुलदीप शर्मा, वी सी के पीएस श्री सोनराज पाटीदार, डा रत्नमोहन झा निदेशक,एम एस पी ,डॉ मधुकेवर भट्ट, निर्देशन, शोध व प्रकाशन ,
, पीओ डा एस मंथा और जगन्नाथ झा, सहायक प्रोफेसर, डॉ. गणेश पंडित, सहायक प्रोफेसर, कृष्ण कुमार के टी, उप निदेशक, प्रशासन, अनिल नोडियाल, सहायक निदेशक, वित्त, जितेंद्र कुमार, सहायक निदेशक, अनुसंधान और प्रकाशन के साथ-साथ डॉ. बिपिन कुमार झा, सहायक प्रोफेसर (कंनटेक्ट) और केयर टेकर अरुण कुमार ने अपने समय-समय पर जबरदस्त उत्साह को बढ़ावा देने के कारण यह सुनियोजित रुप से सफल हो सका । दिल्ली के साथ-साथ सभी परिसरों के लिए सीएसयू द्वारा वित्तीय सहायता के बावजूद, कुछ विशेष कार्यक्रमों के लिए इससे संबंधित धन भी सीएसयू , दिल्ली महिला समाज व्यक्ति गत वहन पर व्यवस्था की गयी थी जो अत्यधिक उत्साह और लोकप्रियता का ही सूचक है।
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