हिमालया बेबीकेयर ने बैंगलुरू के केम्पेगौड़ा इंटरनेशनल हवाई अड्डे पर 150वां बेबी फीडिंग रूम बनाया

० योगेश भट्ट ० 
नई दिल्ली : हर घर में तंदुरुस्ती, हर दिल में ख़ुशी लाने की जिम्मेदारी को लेते हुए, भारत के जाने-माने ब्रांड हिमालया वैलनेस कंपनी ने सफ़र करने वाली माताओं को आराम पहुँचाने के इरादे को और भी मजबूत कर लिया है, हिमालया बेबीकेयर के 150वें बेबी फीडिंग रूम का उद्घाटन केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (BLR हवाई अड्डे) टर्मिनल 2 पर हवाई अड्डे के अधिकारियों और हिमालया बेबीकेयर टीम की उपस्थिति में किया गया। 

इसके निर्माण के बाद हिमालया ने 150 से भी अधिक बेबी फीडिंग रूम प्रमुख भारतीय हवाई अड्डों, रेलवे स्टेशन तथा कई अस्पतालों में बना लिए हैं, जिससे रोज हज़ारो माताओं को फ़ायदा मिल रहा है। हिमालया का ही एक हिस्सा, हिमालय बेबी केअर छोटे बच्चों की देखभाल के लिए ऐसे उत्पाद बनाता है, जो शिशुओं के लिए कोमल और सुरक्षित होते हैं। हिमालया ने हमेशा से बच्चों और माताओं को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। पहला बेबी फीडिंग रूम, एक ऐसा साफ़ और आरामदायक स्थान जहाँ माताएं अपने बच्चों को निजता के साथ स्तनपान करा सकें, वर्ष 2012 में BLR हवाई अड्डे पर बनाया गया।

यह पहल माताओं को समर्थन और प्रोत्साहन देने के लिए कंपनी के निरंतर प्रयासों का एक हिस्सा है, जिससे ज्यादा से ज्यादा माताएं अपने बच्चों को स्तनपान करा सकें। हिमालया बेबीकेयर ने बेबी फीडिंग रूम कई बड़े शहरों जैसे दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, बैंगलुरू, हैदराबाद, लखनऊ, अहमदाबाद, जयपुर, गुवाहाटी, मैंगलोर, त्रिवेंद्रम, इंदौर, कोयम्बटूर, शिरडी, नागपुर, पुणे, भोपाल, कन्नूर, कालीकट और त्रिची आदि में बनाए हैं।

 बेबी फीडिंग रूम के फायदे के बारे में बताते हुए, चक्रवर्ती एन.वी., बिजनेस हेड - बेबीकेयर, हिमालया वैलनेस कंपनी ने कहा कि, "हिमालया हमेशा से ही स्वस्थ और खुशहाल जीवन जीने के लिए मज़बूत और सक्षम समाज बनाने में विश्वास रखता है। हम उन सारी परेशानियों को समझते हैं, जिनका सामना शिशुओं के साथ सफ़र करती माताओं को करना पड़ता है। शिशुओं के साथ यात्रा करने वाले नए माता-पिता की जरूरतों को पूरा कर उनके सफ़र को तनाव मुक्त और अधिक आरामदायक बनाने के लिए यह पहल कंपनी के प्रयासों का एक हिस्सा है। 

यह पहल कंपनी की प्रतिबद्धता के अनुसार देशभर में परिवारों के कल्याण तथा खुशियाँ बाँटने से जुड़ी हुई है। अनुमान है कि इससे छोटे शिशुओं के माता-पिता सफर का आनंद ले सकेंगे। हमारा लक्ष्य माताओं को एक स्वच्छ, आरामदायक वातावरण देना है, जहाँ वे अपने बच्चों को एकांत में स्तनपान करा सकें।"

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

उर्दू अकादमी दिल्ली के उर्दू साक्षरता केंद्रों की बहाली के लिए आभार

राजा बहिरवाणी बने सिंधी काउंसिल ऑफ इंडिया दुबई चैप्टर के अध्यक्ष

स्वास्थ्य कल्याण होम्योपैथी व योगा कॉलेजों के दीक्षांत में मिली डिग्रियां

"मुंशी प्रेमचंद के कथा -साहित्य का नारी -विमर्श"