पीडब्ल्यू की महिला टॉपर्स, रूढ़िवादिता को तोड़ते हुए देश की सेवा करने के लिए तत्पर
० योगेश भट्ट ०
नयी दिल्ली - यूपीएससी एनडीए और एनए। फाइनल रिजल्ट 2023 : यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) द्वारा नेशनल डिफेन्स एकेडमी और नेवल एकेडमी- यूपीएससी एनडीए व एनए परीक्षा (1), 2023 के लिए प्रवेश परीक्षा के अंतिम परिणामों की घोषणा कर दी गई है। सितंबर 2021 तक लड़कियों को एनडीए की परीक्षा देने की अनुमति नहीं थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट द्वारा उन्हें इसकी अनुमति प्रदान की गई। तब से, लड़कियाँ न सिर्फ इस क्षेत्र में शानदार प्रदर्शन कर रही हैं, बल्कि कई उपलब्ध सीटें भी अर्जित कर चुकी हैं। इस वर्ष की एनडीए परीक्षा में महिला उम्मीदवारों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। PW छात्राओं ने सफलतापूर्वक 6 अच्छे रैंक अर्जित किए हैं, जिनमें शामिल हैं वंशिका चौधरी ( 47वीं रैंक), ऋतुजा यादव (53वीं रैंक), पायल सिंह (275वीं रैंक), ज्योत्सना यादव (391वीं रैंक), पूनम ढाका (436वीं रैंक) और अंजू लक्ष्मी (208वीं रैंक)। यही नहीं वंशिका चौधरी और ऋतुजा यादव ने सातवा और आठवा स्थान हासिल किया महिला मेरिट लिस्ट ऑफ़ एनडीए में। परीक्षा में पीडब्ल्यू के अव्वल स्कोर पाने वाले छात्रों में अनुराग सांगवान (रैंक 1), अंकित अभिनव (रैंक 7), अमन सिंह (रैंक 78), आर्यन शर्मा (रैंक 83), साहिल झा (रैंक 96) और अश्विनी कुमार (रैंक 100) शामिल हैं।
इस वर्ष एनडीए (नेशनल डिफेन्स एकेडमी) परीक्षा के लिए कुल 575,000 छात्रों ने खुद को रजिस्टर किया था, जिनमें से 177,000 लड़कियाँ थीं। भारतीय सशस्त्र बलों की विभिन्न शाखाओं में इस परीक्षा के लिए सीटों को विभाजित किया गया था, जो इस प्रकार हैं: सेना: 198 सीटें, जिनमें से 10 महिला उम्मीदवारों के लिए आरक्षित थीं नौसेना: 39 सीटें, जिनमें से 3 महिला उम्मीदवारों के लिए आरक्षित थीं नेवल एकेडमी: सभी सीटें पुरुष उम्मीदवारों के लिए आरक्षित थीं वायु सेना: 114 सीटें, जिनमें से 6 महिला उम्मीदवारों के लिए आरक्षित थीं
विगत वर्ष, पुणे स्थित नेशनल डिफेन्स एकेडमी (एनडीए) की प्रवेश परीक्षा में शानन ढाखा ने शीर्ष स्थान प्राप्त किया था और साथ ही डिफेन्स क्षेत्र में लड़कियों को शामिल करने के महत्व पर ज़ोर दिया था। परीक्षा में अच्छी रैंक की प्राप्ति ने लड़कियों को डिफेंस में शामिल करने के इस मुद्दे को और भी तेज कर दिया। एनडीए और एनए परीक्षा (1), 2023 में महिला उम्मीदवारों का शानदार प्रदर्शन यह स्पष्ट करता है कि महिलाएँ किसी-भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं और वे देश की सेवा करने और रक्षा बलों में योगदान देने में भी सक्षम हैं।
इस वर्ष एनडीए (नेशनल डिफेन्स एकेडमी) परीक्षा के लिए कुल 575,000 छात्रों ने खुद को रजिस्टर किया था, जिनमें से 177,000 लड़कियाँ थीं। भारतीय सशस्त्र बलों की विभिन्न शाखाओं में इस परीक्षा के लिए सीटों को विभाजित किया गया था, जो इस प्रकार हैं: सेना: 198 सीटें, जिनमें से 10 महिला उम्मीदवारों के लिए आरक्षित थीं नौसेना: 39 सीटें, जिनमें से 3 महिला उम्मीदवारों के लिए आरक्षित थीं नेवल एकेडमी: सभी सीटें पुरुष उम्मीदवारों के लिए आरक्षित थीं वायु सेना: 114 सीटें, जिनमें से 6 महिला उम्मीदवारों के लिए आरक्षित थीं
विगत वर्ष, पुणे स्थित नेशनल डिफेन्स एकेडमी (एनडीए) की प्रवेश परीक्षा में शानन ढाखा ने शीर्ष स्थान प्राप्त किया था और साथ ही डिफेन्स क्षेत्र में लड़कियों को शामिल करने के महत्व पर ज़ोर दिया था। परीक्षा में अच्छी रैंक की प्राप्ति ने लड़कियों को डिफेंस में शामिल करने के इस मुद्दे को और भी तेज कर दिया। एनडीए और एनए परीक्षा (1), 2023 में महिला उम्मीदवारों का शानदार प्रदर्शन यह स्पष्ट करता है कि महिलाएँ किसी-भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं और वे देश की सेवा करने और रक्षा बलों में योगदान देने में भी सक्षम हैं।
शिक्षा को सुलभ बनाने के प्रयासों में टेक्नोलॉजी अहम् भूमिका निभा रही है, खासकर भारत की उन बेटियों के लिए, जिनके पार घर से बाहर अध्ययन करने के लिए बेहद सीमित अवसर होते हैं। टेक्नोलॉजी एक ऐसी शक्ति है, जिसके माध्यम से देश की बेटियाँ अब अपने घरों में रहकर ही एजुकेशनल रिसोर्सेस का उपयोग करने में सक्षम हैं। यह कहीं न कहीं उन्हें अपने शिक्षा संबंधी लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कई सुविधाएँ प्रदान करता है।
अलख पांडे, सीईओ और फाउंडर, फिजिक्स वाला, ने कहा, "पीडब्लू में, हम अद्वितीय परिणाम प्राप्त करके बेहद खुश हैं और पीडब्लू के छात्रों, विशेषकर लड़कियों के अद्भुत प्रदर्शन, कड़ी मेहनत और सफलता पर गर्व करते हैं। यह परिणाम निश्चित ही देश की अन्य लड़कियों को भी एनडीए परीक्षा में शामिल होने के लिए प्रेरित करेगा। डिफेन्स वाला टीम की सफलता पीडब्लू के छात्रों और शिक्षकों के समर्पण भाव को दर्शाती है। पीडब्लू का दृष्टिकोण हमेशा से ही शिक्षा को सुलभ और प्रभावशाली बनाना रहा है, जिसमें यह खरा उतरा है।
हम छात्रों को सीखने के उत्कृष्ट परिणाम देने के लिए तत्पर हैं। इसके साथ ही सभी परीक्षाओं की तैयारी को सर्वश्रेष्ठ बनाते हुए अपने छात्रों को बेहतर समझ के अनुरूप स्टडी मटेरियल प्रदान करना जारी रखेंगे।"
रितुजा यादव बैच का नाम: शौर्य 1.0 रैंक: 53 "बाधाओं को तोड़ते हुए, रितुजा यादव के अटूट संकल्प ने उन्हें एक छोटे से कमरे से बड़ी एनडीए सफलता तक का सफर तय कराया" उत्तर प्रदेश स्थित मुरादाबाद की रहने वाली एक युवा महिला से, जिनका नाम रितुजा यादव है। रितुजा ने सिर्फ अपने परिवार को ही गौरवान्वित नहीं किया है, बल्कि वे देश भर के हजारों छात्रों के लिए प्रेरणा स्त्रोत बन चुकी हैं।
रितुजा ने हाल ही में एनडीए में ऑल इंडिया 53 रैंक और महिला मेरिट लिस्ट में एआईआर 8 अर्जित किया है। उनकी इस उपलब्धि को जो बात और भी अधिक प्रभावशाली बनाती है, वह है अपने ग्रेजुएशन के दौरान यह मुकाम हासिल करना, जिसे उन्होंने दिल्ली के लेडी श्रीराम कॉलेज से पूरा किया। निरंतरता, कड़ी मेहनत और कभी हार न मानने वाला रवैया ही रितुजा की सफलता का राज़ है। रितुजा ने पीडब्लू डिफेंस वाला के स्टडी मटेरियल के प्रति विशेष आभार व्यक्त किया है, क्योंकि इसके माध्यम से अध्ययन में उन्हें काफी मदद मिली।
रितुजा को उनके माता-पिता ने शिक्षा के मूल्य और हमेशा प्रेरित रहने के महत्व से अवगत कराया और बताया कि पढ़ाई के साथ बिताया गया हर एक क्षण भविष्य के लिए निवेश है। यह एक ऐसा प्रयास है, जो कभी व्यर्थ नहीं जाता। ज्ञान की ये बातें रितुजा ने अपने ज़हन में उतार लीं और इसी राह पर चलने का निर्णय लिया। रितुजा दिल्ली में ऐसे कमरे में रहती थीं, जहाँ अध्ययन के लिए उनके पास बहुत सीमित स्थान था। उन्हें अपने रूममेट्स के साथ बारी-बारी से अध्ययन क्षेत्र का उपयोग करना पड़ता था। लेकिन यह स्थिति कभी-भी उनकी कड़ी मेहनत और लक्ष्यों के आड़े नहीं आई।
रितुजा यादव बैच का नाम: शौर्य 1.0 रैंक: 53 "बाधाओं को तोड़ते हुए, रितुजा यादव के अटूट संकल्प ने उन्हें एक छोटे से कमरे से बड़ी एनडीए सफलता तक का सफर तय कराया" उत्तर प्रदेश स्थित मुरादाबाद की रहने वाली एक युवा महिला से, जिनका नाम रितुजा यादव है। रितुजा ने सिर्फ अपने परिवार को ही गौरवान्वित नहीं किया है, बल्कि वे देश भर के हजारों छात्रों के लिए प्रेरणा स्त्रोत बन चुकी हैं।
रितुजा ने हाल ही में एनडीए में ऑल इंडिया 53 रैंक और महिला मेरिट लिस्ट में एआईआर 8 अर्जित किया है। उनकी इस उपलब्धि को जो बात और भी अधिक प्रभावशाली बनाती है, वह है अपने ग्रेजुएशन के दौरान यह मुकाम हासिल करना, जिसे उन्होंने दिल्ली के लेडी श्रीराम कॉलेज से पूरा किया। निरंतरता, कड़ी मेहनत और कभी हार न मानने वाला रवैया ही रितुजा की सफलता का राज़ है। रितुजा ने पीडब्लू डिफेंस वाला के स्टडी मटेरियल के प्रति विशेष आभार व्यक्त किया है, क्योंकि इसके माध्यम से अध्ययन में उन्हें काफी मदद मिली।
रितुजा को उनके माता-पिता ने शिक्षा के मूल्य और हमेशा प्रेरित रहने के महत्व से अवगत कराया और बताया कि पढ़ाई के साथ बिताया गया हर एक क्षण भविष्य के लिए निवेश है। यह एक ऐसा प्रयास है, जो कभी व्यर्थ नहीं जाता। ज्ञान की ये बातें रितुजा ने अपने ज़हन में उतार लीं और इसी राह पर चलने का निर्णय लिया। रितुजा दिल्ली में ऐसे कमरे में रहती थीं, जहाँ अध्ययन के लिए उनके पास बहुत सीमित स्थान था। उन्हें अपने रूममेट्स के साथ बारी-बारी से अध्ययन क्षेत्र का उपयोग करना पड़ता था। लेकिन यह स्थिति कभी-भी उनकी कड़ी मेहनत और लक्ष्यों के आड़े नहीं आई।
वे जानती थी कि सफलता के लिए बलिदान की जरुरत होती है, जो कि उन्होंने डटकर किया। अब रितुजा सेना में शामिल होकर देश की सेवा करना चाहती हैं। वे उनके घर की पहली सदस्य होंगी, जो सेना का हिस्सा बनेंगी और यह उनके लिए किसी सपने के सच होने की तरह है। इच्छुक छात्रों के लिए, रितुजा ने कहा, "हमेशा बेसिक्स से शुरुआत करें और निरंतर रूप से विगत वर्षों के प्रश्नपत्रों को हल करते चलें।" उनके अनुसार जनरल एप्टीट्यूड टेस्ट भी एक महत्वपूर्ण पहलू है।
वंशिका चौधरी बैच का नाम: शक्ति रैंक: 47 "बॉक्सिंग रिंग से लेकर नेशनल डिफेन्स एकेडमी तक: वंशिका चौधरी की दृढ़ता और जीत का प्रेरक सफर" जम्मू और कश्मीर के उधमपुर जिले की रहने वाली दृढ़ निश्चयी और प्रेरित वंशिका चौधरी का बचपन से ही भारतीय सशस्त्र बलों में शामिल होकर देश की सेवा करने का सपना था। उनके पिता की बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसएफ) में सेवा ने उन्हें इस क्षेत्र में कदम रखने के लिए प्रेरित किया।
वंशिका चौधरी बैच का नाम: शक्ति रैंक: 47 "बॉक्सिंग रिंग से लेकर नेशनल डिफेन्स एकेडमी तक: वंशिका चौधरी की दृढ़ता और जीत का प्रेरक सफर" जम्मू और कश्मीर के उधमपुर जिले की रहने वाली दृढ़ निश्चयी और प्रेरित वंशिका चौधरी का बचपन से ही भारतीय सशस्त्र बलों में शामिल होकर देश की सेवा करने का सपना था। उनके पिता की बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसएफ) में सेवा ने उन्हें इस क्षेत्र में कदम रखने के लिए प्रेरित किया।
छोटी उम्र में बॉक्सिंग की ट्रेनिंग लेने के बाद उन्होंने नेशनल डिफेन्स एकेडमी (एनडीए) में शामिल होने की इच्छा जताई। हालाँकि, वे तब तक यह नहीं जानती थी कि परीक्षा की तैयारी कैसे की जाए। इसके बाद उनके बॉक्सिंग कोच ने उन्हें पीडब्लू डिफेंस वाला के बारे में जानकारी दी, जो कि डिफेन्स संबंधित परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए एक आदर्श प्लेटफॉर्म है।
पहले अटेम्प्ट में, वंशिका ने अपने दम पर अध्ययन करने का प्रयास किया और जीएटी में 346 और गणित में 52 अंक प्राप्त किए। फिर अपने दूसरे अटेम्प्ट में, उन्होंने गणित पर विशेष ध्यान केंद्रित किया और अपने कुल स्कोर में सुधार कर 342 अंक प्राप्त किए। अपने तीसरे और चौथे अटेम्प्ट में भी वंशिका ने अच्छा प्रदर्शन किया। लेकिन पाँचवे अटेम्प्ट ने उन्होंने एआईआर 47 और फीमेल मेरिट लिस्ट एआईआर 7 अर्जित किया।
अपनी तैयारी के दौरान, वंशिका ने पीडब्लू डिफेंस के रिसोर्सेस का उपयोग किया। इसमें शक्ति नाम के फ्री बैच से तैयारी भी शामिल थी, जो मॉक टेस्ट, टेस्ट सीरीज़ और मैराथन आयोजित करता है। उन्होंने प्लेटफॉर्म टीचर- आसिम सर से मार्गदर्शन भी प्राप्त किया और डिफेन्स तैयारी के लिए शौर्य बैच को सब्सक्राइब किया।
चयन प्रक्रिया के दौरान वंशिका को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। अपने जीटीओ के बारे में अनिश्चितता और अपने इंटरव्यू के प्रति अस्पष्ट सलाह मिलने के बावजूद, वंशिका अपनी गलतियों से सीखकर आगे बढ़ती चली गईं। उन्होंने उन मुद्दों पर डटकर काम किया, जिनमें वे कमजोर थी और ब्रह्मास्त्र सीरीज़ सहित मॉक टेस्ट के साथ निरंतर रूप से अभ्यास किया।
वंशिका का समर्पण और कड़ी मेहनत आखिरकार रंग लाई। वे एआईआर 47 अर्जित करके अपने क्षेत्र से सशस्त्र बलों में शामिल होने वाली पहली व्यक्ति हैं। उनकी सफलता की यह कहानी, रक्षा सेवाओं के माध्यम से अपने देश की सेवा करने के इच्छुक तमाम युवा छात्रों के लिए एक प्रेरणा स्त्रोत है। इच्छुक छात्रों के लिए, वंशिका ने कहा, "देश की सेवा करने का सपना देखने वाली सभी लड़कियों से मैं बस यही कहना चाहूँगी कि लोगों की बातों को सुनकर नज़रअंदाज कर दें। और अंत में कड़ी मेहनत करके उन्हें गलत साबित कर दें।"
पहले अटेम्प्ट में, वंशिका ने अपने दम पर अध्ययन करने का प्रयास किया और जीएटी में 346 और गणित में 52 अंक प्राप्त किए। फिर अपने दूसरे अटेम्प्ट में, उन्होंने गणित पर विशेष ध्यान केंद्रित किया और अपने कुल स्कोर में सुधार कर 342 अंक प्राप्त किए। अपने तीसरे और चौथे अटेम्प्ट में भी वंशिका ने अच्छा प्रदर्शन किया। लेकिन पाँचवे अटेम्प्ट ने उन्होंने एआईआर 47 और फीमेल मेरिट लिस्ट एआईआर 7 अर्जित किया।
अपनी तैयारी के दौरान, वंशिका ने पीडब्लू डिफेंस के रिसोर्सेस का उपयोग किया। इसमें शक्ति नाम के फ्री बैच से तैयारी भी शामिल थी, जो मॉक टेस्ट, टेस्ट सीरीज़ और मैराथन आयोजित करता है। उन्होंने प्लेटफॉर्म टीचर- आसिम सर से मार्गदर्शन भी प्राप्त किया और डिफेन्स तैयारी के लिए शौर्य बैच को सब्सक्राइब किया।
चयन प्रक्रिया के दौरान वंशिका को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। अपने जीटीओ के बारे में अनिश्चितता और अपने इंटरव्यू के प्रति अस्पष्ट सलाह मिलने के बावजूद, वंशिका अपनी गलतियों से सीखकर आगे बढ़ती चली गईं। उन्होंने उन मुद्दों पर डटकर काम किया, जिनमें वे कमजोर थी और ब्रह्मास्त्र सीरीज़ सहित मॉक टेस्ट के साथ निरंतर रूप से अभ्यास किया।
वंशिका का समर्पण और कड़ी मेहनत आखिरकार रंग लाई। वे एआईआर 47 अर्जित करके अपने क्षेत्र से सशस्त्र बलों में शामिल होने वाली पहली व्यक्ति हैं। उनकी सफलता की यह कहानी, रक्षा सेवाओं के माध्यम से अपने देश की सेवा करने के इच्छुक तमाम युवा छात्रों के लिए एक प्रेरणा स्त्रोत है। इच्छुक छात्रों के लिए, वंशिका ने कहा, "देश की सेवा करने का सपना देखने वाली सभी लड़कियों से मैं बस यही कहना चाहूँगी कि लोगों की बातों को सुनकर नज़रअंदाज कर दें। और अंत में कड़ी मेहनत करके उन्हें गलत साबित कर दें।"
टिप्पणियाँ