G20 का अंतर्राष्ट्रीय महिला महाकुम्भ जयपुर में हुआ शुरू
० आशा पटेल ०
जयपुर। जयपुर में दो दिन तक चलने वाली जी 20 (डब्ल्यू20) की दूसरा अंतर्राष्ट्रीय महाकुम्भ का भव्य शुभारम्भ हुआ । इस अंतर्राष्ट्रीय बैठक की थीम है-महिलाओं के नेतृत्व में विकासः समावेशी विकास और सतत भविष्य को गति देने के लिए महिलाओं की अप्रयुक्त क्षमता का लाभ उठना। बैठक में अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधियों की उत्साहपूर्ण भागीदारी देखी गई और महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास से संबंधित महत्वपूर्ण और आवश्यक मुद्दों पर चर्चा की गई।डब्ल्यू20 इंडिया की अंतर्राष्ट्रीय बैठक का उद्घाटन 13 अप्रैल को जयपुर में डॉ संध्या पुरेचा, अध्यक्ष महिला20 इंडिया, महिला 20 इंडोनेशिया की अध्यक्ष सुश्री हद्रियानी उली सिलालाही, प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद की सदस्य प्रो. शमिका रवि, जी20 इंडिया के शेरपा अमिताभ कांत, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सचिव इंदेवर पांडे, सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट और महिला20 की भारतीय प्रतिनिधि बांसुरी स्वराज,महिला20 सचिवालय की मुख्य समन्वयक श्रीमती धरित्री पटनायक समेत कई प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में किया गया डब्ल्यू20 इंडिया की मुख्य समन्वयक सुश्री धरित्री पटनायक ने डब्ल्यू20 के उद्देश्यों और महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास को साकार करने की पहल के बारे में जानकारी देते हुए शुरुआती उद्बोधन दिया। सुश्री पटनायक ने डब्ल्यू20 का आधिकारिक विवरण और जी20 नेताओं की घोषणाओं पर कार्रवाई-उन्मुख सिफारिशों के महत्व पर जोर देकर सत्र की दिशा तय की। सुश्री पटनायक ने यह भी कहा कि डब्ल्यू20 बहुत जल्द ही दुनिया भर में महिलाओं तक अपने उद्देश्यों को पहुंचाने के लिए कॉल टू एक्शन पहल शुरू करेगा।
डब्ल्यू20 इंडिया की अध्यक्ष संध्या पुरेचा ने लैंगिक समानता हासिल करने पर जोर देते हुए कहा कि यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि उन मुद्दों के प्रति सम्मान को भी बढ़ावा देता है जो आज विश्व से संबंधित हैं। उन्होंने उद्देश्यों को प्राप्त करने और महिला20 के विजन को पूरा करने के लिए पिछले 4 महीनों में डब्ल्यू20 द्वारा जमीनी स्तर पर किए गए प्रयासों के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी।डॉ. पुरेचा ने डब्ल्यू20 प्रतिनिधियों की उपस्थिति की सराहना करते हुए कहा कि लैंगिक समानता के लिए प्रयास करने में उनकी कोशिशें बेमिसाल हैं।
उन्होंने जानकारी दी कि समावेशी विकास और लैंगिक समानता की भावना से डब्ल्यू20 इंडिया ने अब तक अपने जनभागीदारी कार्यक्रमों के माध्यम से पूरे भारत में पांच लाख से अधिक महिलाओं को घनिष्ठ रूप से सम्बद्ध किया है। डॉ. पुरेचा ने महिलाओं को सामाजिक, आर्थिक और डिजिटल रूप से सशक्त बनाने
के लिए डब्ल्यू20 इंडिया में एक रूपरेखा तैयार करने पर जोर देते हुए महिला विकास से संबंधित मुद्दों को समझने के पर भी बल दिया। डॉ. पुरेचा ने अगले कुछ वर्षों में दस लाख से अधिक महिलाओं को डिजिटल रूप से सशक्त बनाने का लक्ष्य तय किया है। डॉ. पुरेचा ने इस बात पर जोर दिया कि डब्ल्यू 20 भारत का एजेंडा समावेशी,महत्वाकांक्षी, निर्णायक और कार्रवाई-उन्मुख है और यह प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुसार है।
अंतर्राष्ट्रीय बैठक के मंच से डॉ. पुरेचा ने कार्रवाई योग्य उन समाधानों को भी पेश करने का आह्वान किया जिनसे महिलाओं को सशक्त और समावेशी एवं टिकाऊ भविष्य की दिशा में प्रगति को गति दी जा सके। सुश्री हद्रियानी उली सिलालाही, महिला20 इंडोनेशिया की अध्यक्ष ने ऐतिहासिक गुलाबी नगरी, जयपुर में गर्मजोशी से स्वागत के लिए डॉ. संध्या पुरेचा को धन्यवाद दिया। सुश्री सिलालाही ने महिलाओं को सशक्त बनाने की जरूरत पर बल दिया ताकि भविष्य को सशक्त बनाया जा सके।भारत के प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद की सदस्य डॉ. शमिका रवि ने जी 20 शेरपा श्री अमिताभ कांत को धन्यवाद दिया कि उन्होंने आगे बढ़कर नेतृत्व किया है।
डॉ. रवि ने उन पांच प्रमुख क्षेत्रों पर काम करने के लिए जोर दिया जिन पर डब्ल्यू20 इंडिया ने महिला सशक्तिकरण पर फोकस किया है। ये क्षेत्र हैं: महिला उद्यमिता, जमीनी स्तर पर महिला नेतृत्व, लैंगिक डिजिटल असमानता को कम करना, शिक्षा और कौशल विकास, और जलवायु परिवर्तन की दिशा में काम करने के लिए महिलाओं की भागीदारी। जी20इंडिया के शेरपा अमिताभ कांत ने अपने सम्बोधन में कहा कि महिला-20, जी-20 के अन्तर्गत एक आधिकारिक और महत्वपूर्ण कार्य समूहों में से एक है। इस समूह की सामाजिक बदलाव और महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास को समर्थ बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका है।
विशेषकर आर्थिक मंदी और अन्य संकटों की पृष्ठभूमि में महिलाएं प्रमुख संचालक के रूप में हैं। अमिताभ कांत ने आगे कहा कि महिलाओं का नेतृत्व इस समय विश्व को बेहतर भविष्य की ओर ले जा सकता है। सतत विकास हासिल करने और विकास के मार्ग में आने वाली चुनौतियों को पार करने में भारत सरकार महिलाओं को अग्रणी भूमिका के रूप में देखती है। उन्होंने वह ब्यौरा साझा किया कि भारत में किस तरह एकल महिला को डिजिटल पहचान दी गई, महिलाओं के बैंक खाते खोले गए और विभिन्न कार्यक्रमों के अन्तर्गत सीधा लाभ महिलाओं के खातों में अंतरित किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री जन धन योजना के जरिए उन्हें वित्तीय रूप से सशक्त बनाया गया है। उन्होंने अपने उस विश्वास को साझा किया कि तेज और समावेशी विकास के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकी तक पहुंच जरूरी है। कांत ने इस बात पर भी जोर दिया कि कोविड बाद अर्थव्यवस्था को फिर से डिजाइन करने का अवसर हमें यह अवसर सुलभ कराता है कि समावेशी और सतत विकास के लिए महिलाओं को केंद्रस्थल में रखें। कांत ने लीक से हटकर सिफारिशें करने का सुझाव दिया और आश्वासन दिया कि वे G20 नेताओं की घोषणा में भी एक रास्ता खोज लेंगे। कांत ने डब्ल्यू20 के आधिकारिक विवरण में लीक से हटकर सिफारिश करने का सुझाव दिया औरआश्वस्त किया कि वे इसे जी 20 नेताओं के घोषणा में रास्ता खोज लेंगे।
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार के सचिव इंदेवर पांडे, आईएएस ने भी आयोजन को संबोधित किया। पांडे ने महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास पर फोकस करते हुए डब्ल्यू20 के नवाचारों की सराहना की। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के उस विजन पर जोर दिया जिसमें उन्होंने नीति निर्माण और विकास में महिलाओं की अधिक से अधिक भागीदारी की बात कही है। उन्होंने शिक्षा को पहला कदम बताया कि वित्तीय और सामाजिक रूप से महिला सशक्तिकरण के लिए शिक्षा जरूरी है। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि प्राथमिक शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) में लड़कियों का नामांकन लड़कों की तुलना में अधिक है।
पांडे ने प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान योजना के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इस योजना में प्रशिक्षण लेने वालों की संख्या में 54 फीसद महिलाएं हैं। यह डिजिटल साक्षरता और महिला सशक्तिकरण में एक महत्वपूर्ण कदम है। लघु पीएम मुद्रा योजना के तहत ऋण वित्त योजना के लिए 68 फीसद लाभार्थी महिलाएं हैं। उन्हें 89 बिलियन डॉलर काऋण दिया गया है। श्री पांडे ने स्थानीय स्तर की राजनीतिक प्रक्रिया में महिलाओं की भारी भागीदारी होने पर भी चर्चा की।
सुश्री बंसुरी स्वराज ने अपने भाषण में अमिताभ कांत के सुझाव का ही अनुकरण किया जिसमें उन्होंने वित्तीय, सशक्तिकरण के लिए महिलाओं के हाथों में धन देने की बात कही थी। स्वराज ने डिजिटल साक्षरता के जरिए महिलाओं के वित्तीय समावेशन आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि सशक्त विश्व का अहसास कराने में सशक्त महिलाएं ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। उन्होंने लीडर्स के शिखर सम्मेलन के लिए पूर्वाग्रह खत्म करने औरसमाधान-उन्मुख तथा कार्रवाई योग्य बिंदुओं को स्पष्ट करने का आह्वान किया।
इस मिशन का उद्देश्य महिलाओं को वह जरूरी कौशल और जानकारी प्रदान करना है ताकि वे डिजिटल अर्थव्यवस्था में पूरी तरह से सक्रिय हो सकें। इस पहल ने वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा और महिलाओं को उद्यमी बनने के लिए आवश्यक कौशल विकसित करने में मदद करने पर भी फोकस किया है। हमारा बचपन ट्रस्ट और अन्य हितधारकों द्वारा समर्थित मिशन डिजिटल वुमेन, डिजिटल साक्षरता के जरिए महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाएगा। इसे पहले भारत में शुरू किया जाएगा और बाद में आगे बढ़ाया जाएगा।
महिलाओं के कौशल निर्माण के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराए गए वर्चुअल रियलिटी कंटेट, मिशन डिजिटल वुमेन में शामिल किए जाएंगे। सुश्री धरित्री पटनायक ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कुल मिलाकर, यह आयोजन एक अंतर्दृष्टिपूर्ण था जिसने जी20 शों में डिजिटल अर्थव्यवस्था में महिला सशक्तिकरण और भागीदारी को बढ़ावा देने से जुड़ी चुनौतियों और अवसरों को भावपूर्ण अंतर्दृष्टि प्रदान की।पहला सत्र महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण पर बहुप्रतीक्षित पैनल चर्चा का था। सत्र का उद्देश्य उत्तरदायी अर्थव्यवस्था पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण के महत्व पर चर्चा करना था। इसे यूनिसेफ में सामाजिक नीति की प्रमुख ने संचालित किया गया था।
प्रमुख सचिव सहकारिता एवं डब्ल्यूसीडी, राजस्थान सरकार सुश्री श्रेया गुहा ने पैनलिस्ट में गेट्स फाउंडेशन की उपनिदेशक सुश्री मधु कृष्णा, बेकर एंड यॉर्क की प्रबंध निदेशक और महिला20 ऑस्ट्रेलिया की एटओडी डॉ एरिन वाटसन, अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन में केयर इकोनॉमी की राष्ट्रीय परियोजना समन्वयक विशिष्टा सैम, प्रिंसिपल, डीप वाटर पॉइंट्स एंड एसोसिएट्स, डब्ल्यू20 यूएसए की सह-प्रमुख सुश्री ऐनी सीमन्स-बेंटन, डिजिटल लीडरशिप इंस्टीट्यूट, यूरोपीय संघ की संस्थापक निदेशक चेरिल मिरल वान डॉक शामिल थीं।
पैनल में शामिल महिलाओं ने महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए केयर इकोनॉमी में निवेश के महत्व पर अंतर्दृष्टि साझा की। कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी का समर्थन करने के लिए विभिन्न सरकारी पहलों और निजी क्षेत्र के प्रयासों का लाभ कैसे लिया जा सकता है, चर्चा इस बात पर भी केंद्रित थी। विश्वस्तर पर महिलाओं को सशक्त बनाने वाले केयर इकोनॉमी पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण की दिशा में एक साथ काम करनेके आह्वान के साथ हुआ।
दूसरे सत्र में लैंगिक डिजिटल असमानता पाटने और महिलाओं के लिए डिजिटल अवसरों की शुरुआत करने पर चर्चा हुई। सत्र की शुरुआत यूआईडीएआई के सीईओ डॉ. सौरभ गर्ग ने की। पैनल चर्चा का संचालन जीएसएमए में वरिष्ठ अंतरराष्ट्रीय संबंध प्रबंधक और डब्ल्यू20 ईयू प्रतिनिधि सुश्री तमारा बी. डेनचेवा ने किया। पैनलिस्ट में यूनेस्को की लैंगिक समानता और सामाजिक समावेशन विशेषज्ञ सुश्री यूनसोंग किम, क्षेत्रीय तकनीकी विशेषज्ञ - यूएनसीडीएफ में डिजिटल वित्त और नवाचार जसप्रीत सिंह, प्रधानाचार्य और पीकेएफ ओ;कॉनर डेविस, यूएसए में डिजिटल परिवर्तन की प्रमुख सुश्री सुमा रोनांकी चंदर, डब्ल्यू20 इंडिया की प्रतिनिधि और सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट सुश्री बंसुरी राज थीं।
सुश्री किम ने लिंग-परिवर्तनकारी नीति सिफारिशों के तत्काल कार्यान्वयन की सिफारिश की। सुश्री सुमा जी20 देशों में ऑडिट प्रक्रियाओं के हिस्से के रूप में डिजिटल शासन और लिंग समावेशन को शामिल करने कीसिफारिश की। सुश्री स्वराज ने कहा कि वित्तीय और डिजिटल साक्षरता स्कूलों में पाठ्यक्रम का हिस्सा होना चाहिए ताकि प्रारंभिक अवस्था में ही इन अवधारणाओं को शामिल किया जा सके। तीसरे सत्र के दौरान महिला20 की दूसरी अंतर्राष्ट्रीय बैठक में स्थायी भविष्य के लिए उद्देश्यों और लक्ष्यों कोनिर्धारित करने पर एक पैनल चर्चा का आयोजन किया गया।
इस सत्र का संचालन प्रो. नार्निया बोहलर-मुलर, एचएसआरसी के डेवलपमेंटल, कैपेबल और एथिकल स्टेट डिवीजन की डिविजनल एक्जीक्यूटिव और एडवोकेट दक्षिण अफ्रीका ने किया। अभिनेत्री और समाजसेवी महिला20 प्रतिनिधि सुश्री रवीना टंडन ने सत्र की शुरुआती टिप्पणी की और महिलाओं पर जलवायु परिवर्तन के असंगत प्रभावों पर प्रकाश डाला। एक्यूएएल कैपिटल और संयुक्त राष्ट्र की लैंगिक और जलवायु पर वरिष्ठ सलाहकार सुश्री टेस मेटो ने अक्षय ऊर्जा और स्थायी खाद्य श्रृंखलाओं को सबसे ज्यादा प्राथमिकता देने पर जोर दिया। हेड ऑफ बिजनेस डेवलपमेंट ऑफ दि वर्ल्ड ओसन इनीसिएटिव यूके और एचकेएसडब्ल्यूएन की सह-अध्यक्ष तातियाना डेर एवेदिसियन ने जवाबदेही और कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए रिपोर्टिंग प्रक्रिया की सिफारिश की।
दक्षिण एशिया सस्टेनेबिलिटी निदेशक, यूनिलीवर सुश्री कनिका पाल ने महिलाओं को घरेलू कार्यों से मुक्त करने और उन्हें पेशेवर रूप से विकसित करने में सक्षम बनाने के लिए स्वचालित तकनीकों के बारे में बात की। ग्रासरूट इको-चेंज मेकर श्रीमती हरि प्रिया मोहंती और हमारा बचपन ट्रस्ट की कार्यकारी निदेशक अर्पिता पटनायक ने जलवायु परिवर्तन की दिशा में जमीनी स्तर की महिलाओं और लड़कियों के योगदान पर प्रकाश डाला। सुश्री हरि प्रिया मोहंती ने कहा कि महिला स्वयं सहायता समूहों ने समुद्र के स्तर में वृद्धि के कारण खतरे का सामना कर रहे दो गांवों के तटीय इलाकों में काफी काम किया है।
केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने जी20 के महत्व पर जोर देते हुए प्रतिनिधियों का स्वागत किया। उन्होंने पीएम मोदी द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढाओ, सुकन्या समृद्धि योजना और पीएम आवास योजना जैसे महिला सशक्तिकरण के लिए शुरू किए गए कार्यक्रमों के बारे में बताया। उन्होंने आगे कहा कि स्वयं सहायता समूह (एसएचजी), जो नाबार्ड द्वारा समर्थित महिलाओं के समूह हैं, उत्पाद निर्माण और बाजार सहित कई क्षेत्रों में काम कर रहे हैं।
टिप्पणियाँ