संस्कृत विश्वविद्यालयों का उत्कर्ष महोत्सव-2023 तिरुपति में

० योगेश भट्ट ० 
नयी दिल्ली -  संस्कृत विश्वविद्यालयों की स्थापना दिवस भारतीय काल गणना के अनुसार प्रत्येक वर्ष मनाएगा जिसकी मेजबानी प्रत्येक वर्ष इनमें से अलग अलग विश्वविद्यालय करेगा , ताकि इस उत्सव के आयोजन में केन्द्रीय विश्वविद्यालय के रुप में घोषित केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, दिल्ली,श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, दिल्ली तथा राष्ट्रिय संस्कृत विश्वविद्यालय , तिरुपति में शैक्षणिक तथा प्रशासनिक गतिविधियों का मिल कर उत्तरोत्तर सामंजस्य तथा विकास की स्थिति बनीं रहे ।  इस बार राष्ट्रिय संस्कृत विश्वविद्यालय, तिरुपति में इसका आयोजन किया जा रहा है । सीएसयू , दिल्ली के कुलपति प्रो वरखेड़ी ने इसके आयोजन की शुभकामना देते कहा है कि इस कार्यक्रम में सिर्फ सांस्कृतिक महोत्सव ही नहीं आयोजित किया जाता है , बल्कि बौद्धिकोत्सव का भी आयोजन किया जाता है

 जिसमें इन तीनों विश्वविद्यालय की न केवल अकादमिक मण्डली तथा प्रशासनिक टोली ,अपितु विश्व के लब्धप्रतिष्ठ संस्कृत विद्वानों के साथ साथ भगनी भाषाओं से जुड़े विद्वानों को भी आमंत्रित किया जाता है । इससे संस्कृत भाषा के अध्ययन ,अध्यापन शोध के बहुमुखी वातायन खुलने का मार्ग प्रशस्त होता है जो संस्कृत के लिए समय की वैश्विक मांग है । प्रो वरखेड़ी ने यह भी कहा कि इस तरह बहुविषयक अध्ययन अध्यापन से राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को और संबलित करने में बहुत ही सहायता मिलेगी ।प्रो मुरली मनोहर पाठक, कुलपति ,श्रीलाबशारासंवि, दिल्ली ने कहा है कि भारत सरकार ने इन तीनों विश्वविद्यालयों को केन्द्रीय स्वरुप के रुप में जो मान्यता दिया है ,  उससे संस्कृत समाज का और अधिक उत्तरदायित्व बढ़ गया है , संस्कृत के ज्ञान विज्ञान को वैश्विक स्तर पर प्रकाश में लाना हमलोगों का उत्तरदायित्व है । 

इस उत्कर्ष महोत्सव के आयोजक, राष्ट्रिय संस्कृत विश्वविद्यालय,तिरुपति के कुलपति प्रो गुल्लपल्लि श्रीरामकृष्ण मूर्ति ने कहा है कि इस कार्यक्रम को लेकर संस्कृत समाज तथा भारतीय संस्कृति के संपोषकों में बहुत ही उत्साह देखा जा रहा है । विश्व ख्यात धर्म स्थली में इसका होना बहुत ही महत्त्वपूर्ण अवसर है । इसके उद्घाटन सत्र का सन्देश श्रीव्यासराज मठाधीश श्रीश्री श्रीविद्याश्रीशतीर्थश्रीपा के द्वारा किया जाएगा और इसके मुख्य अतिथि , सारस्वत अतिथि और अध्यक्ष क्रमशः अर्जुन राम मेघवाल, माननीय राज्यमन्त्री, संस्कृति मन्त्रालय ,भारत सरकार , महासहस्र अवधानी , माडुगुलनागफणि शर्मा, अवधान सरस्वती पीठ ,भाग्य नगर तथा  नीडामंगल , उत्तर गोपालस्वामि, पद्मभूषण तथा कुलाधिपति , राष्ट्रिय संस्कृत विश्वविद्यालय, तिरुपति रहेंगे । उद्घाटन सत्र का स्वागत भाषण प्रो गुल्लपल्लि श्रीरामकृष्णमूर्ति, कुलपति , राष्ट्रिय संस्कृत विश्वविद्यालय,तिरुपति करेंगे ।

इस महोत्सव में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के अतिरिक्त राष्ट्रीय शिक्षा नीति में संस्कृत की भूमिका ,शैक्षिक उपार्जन में धन की व्यवस्था,, भारतीय ज्ञान परम्परा और संस्कृत भाषा ,वेद वेदांग संगोष्ठी, दर्शन चिन्तन, साहित्य संगोष्ठी ,शिक्षा शास्त्र और नवीन विचार, संस्कृत भाषा के संवर्धन के उपाय,शिक्षण प्रशिक्षण प्रविधि के उपाय , संस्कृत विश्वविद्यालय के सामाजिक उत्तरदायित्व ( योग आदि), भारतीय पारम्परिक संस्कृति संरक्षण के उपाय जैसे विषयों को लेकर महत्त्वपूर्ण संगोष्ठियां तथा परिसंवाद का भी आयोजन होना सुनिश्चित है जिनके सत्रों के अध्यक्षों के रुप में ,

 प्रो श्रीनिवास वरखेड़ी, कुलपति , केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, दिल्ली,प्रो मुरलीमनोहर पाठक , कुलपति , श्रीलाबशारासंवि, दिल्ली ,प्रो गुल्लपल्लि श्रीरामकृष्णमूर्ति, कुलपति , राष्ट्रिय संस्कृत विश्वविद्यालय , तिरुपति,प्रो श्रीपाद सत्य नारायणमूर्ति, प्रभारी पूर्व कुलपति,रा.सं . विश्वविद्यालय, तिरुपति,प्रो का. ई.देवनाथन्, पूर्व कुलपति ,प्रो हरेकृष्ण शतपथी,, पूर्व कुलपति ,रा.सं. वि., तिरुपति ,प्रो प्रह्लाद आर. जोशी, कुलपति ,कु.भा.व.सं प्रा.अ.विश्वविद्यालय ,गौहटी तथा प्रो राणि सदाशिवम मूर्ति ,कुलपति , श्रीवेंकटेश्वर विश्वविद्यालय,तिरुपति की गरिमामय उपस्थिति रहेगी ।इसमें प्रो सी.जी.विजय कुमार ,प्रो वाई. एस. रमेश, आचार्य के.भारत भूषण, पीयूष कान्त दीक्षित,

प्रो सर्वनारायण झा,प्रो जयकान्त सिंह शर्मा, आचार्य राणी लक्ष्मी नरसिंह शास्त्री ,प्रो सुकान्त कुमार सेनापति ,प्रो राम कुमार शर्मा,प्रो देवदत्त सरोदे,श्री दिनेश कामत,डा उपद्रष्टा वेंकटरमण मूर्ति ,श्री जनार्दन हेगडे, प्रो सुदेश कुमार शर्मा ,प्रो चन्द्रशेखर ,प्रो रमाकान्त पाण्डेय तथा प्रो ललित कुमार साहू जैसे संस्कृत के दिग्गज विद्वान अपने अपने विचार रखेंगे ।साथ ही साथ प्रो पवन कुमार , प्रो गायत्री मुरली कृष्ण और प्रो कुलदीप शर्मा भी अपना विचार रखेंगे ।

एक सत्र श्रीनृसिंह जयन्ति उत्सव के रूप में भी आयोजन होगा जिसमें अनुग्रह भाषण विशाखा शारदा पीठेश्वर श्रीश्रीश्रीजगद्गगुरु स्वरुपानन्देन्द्र सरस्वती स्वामि तथा श्रीश्रीश्री स्वात्मानन्देन्द्र सरस्वती स्वामि,बाल स्वामि,विशाखा शारदा पीठ देंगे और एक सान्द्र मुद्रिका का भी विमोचन किया जाएगा ।इसके साथ साथ टेली फिल्म्स,इण्डोनेशिया नृत्य, पाला ,कथकली ,ओडिसी, मणिपुरी तथा रवीन्द्र नृत्य का भी आयोजन किया जाएगा ।इन संस्कृत विश्वविद्यालयों के पूर्व कुलपतियों तथा अधिकारियों का सम्मेलन ,प्रो वि. कुटुम्ब शास्त्री , पूर्व कुलपति की अध्यक्षता में होगा और आचार्य सिहेच् पि. सत्यनारायण की अध्यक्षता में एक एल्युमनी मीट भी होना तय हुआ है जिसका संचालन प्रो सत्यनारायण आचार्य , इस विश्वविद्यालय के कुलानुशासक करेंगे ।

इस महोत्सव के समापन समारोह को स्वस्तिवाचनिक महोत्सव के रूप में मनाया जाएगा जिसमें महामहोपाध्याय श्रीश्रीश्रीसाधुभद्रेशदास स्वामि , प्रमुख आचार्य,बि.ए. पि.एस्.,अक्षर पुरुषोत्तम स्वामि नारायण संस्था ,नव दिल्ली अनुग्रह भाषण देंगें तथा डा वि. आर्.पंचमुखी पूर्व कुलपति, राष्ट्रिय संस्कृत विश्वविद्यालय ,तिरुपति तथा कुलपति , श्रीगुरू सार्वभौम संस्कृत विद्यापीठ सभाध्यक्ष रहेंगे । आचार्य ई. सुरेश कुमार , कुलपति आंग्ल वैदेशिक भाषा विश्वविद्यालय,भाग्य नगर , मुख्य अतिथि तथा दिनेश कामत ,अखिल भारतीय संगठन मंत्री , संस्कृत भारती ,नयी दिल्ली , 

सारस्वत अतिथि तथा गौरव अतिथि के रुप में श्री एम्.वि.एस.स्वामि, पूर्व आरक्षी अधीक्षक (अपराध-सीआईडी) में उपस्थित रहेंगे ।इस सत्र का स्वागत भाषण प्रो गुल्लपल्लि श्रीरामकृष्णमूर्ति, कुलपति ,राष्ट्रिय संस्कृत विश्वविद्यालय , तिरुपति करेंगे । इस उत्कर्ष महोत्सव के प्रो चक्रवर्ती रंगनाथन संयोजक और डा शिवराम आर.भट्ट तथा डा एस.एल. सीताराम शर्मा दोनों सहायक संयोजक हैं ।

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