डिजिटल प्रमोशन हेतु पर्यटन विभाग और एफएचटीआर के बीच हुए एमओयू पर हस्ताक्षर

० आशा पटेल ० 
जयपुर । राजस्थान में पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिए जाने के साथ-साथ विभिन्न दूरदर्शी नीतियों और योजनाओं के साथ, राजस्थान राज्य में निवेश के लिए अनुकूल वातावरण प्रदान करता है। अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए डोमेस्टिक टूरिज्म महत्वपूर्ण है। पर्यटकों की मांगों को अलग-अलग करने और सभी प्रकार के पर्यटन जैसे लक्जरी टूरिज्म, नीश टूरिज्म, धार्मिक पर्यटन आदि को पूरा करने की आवश्यकता है। इन स्थलों पर उपलब्ध बुनियादी ढांचे का एसडब्ल्यूओटी विश्लेषण भी किया जाना चाहिए, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पर्यटन में कोई कमी नहीं है।
यह बात राजस्थान सरकार के पर्यटन विभाग की प्रमुख शासन सचिव, गायत्री राठौड़ ने कही। वह आगामी राजस्थान डोमेस्टिक ट्रैवल मार्ट (आरडीटीएम) 2023 के लिए पहले प्रमोशनल रोड शो में विशेष संबोधन दे रहीं थी। यह आयोजन पर्यटन विभाग, राजस्थान सरकार और फेडरेशन ऑफ हॉस्पिटैलिटी एंड टूरिज्म इन राजस्थान (एफएचटीआर) द्वारा संयुक्त रूप से किया जा रहा है। इसे होटल्स एंड रेस्टोरेंट्स एसोसिएशन ऑफ राजस्थान (एचआरएआर), इंडियन हेरिटेज होटल्स एसोसिएशन (आईएचएचए) और राजस्थान एसोसिएशन ऑफ टूर ऑपरेटर्स (राटो) का भी समर्थन प्राप्त है।

प्रमुख शासन सचिव ने आगे कहा कि राजस्थान एक महत्वपूर्ण ‘माईस’ और वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में भी विकसित हो रहा है। राज्य में कई हेरिटेज प्रॉपर्टीज शादियों और ‘माईस’ कार्यक्रमों के लिए श्रेष्ठ वेन्यू के रूप में काम कर रही हैं। गोल्फ पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए गोल्फ कोर्स भी विकसित किए जा रहे हैं। आगामी आरडीटीएम के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि यह पर्यटन को बढ़ावा देने के प्रयासों को समन्वित करने के लिए पीपीपी मॉडल एक आदर्श उदाहरण है।

इस अवसर पर पर्यटन विभाग और एफएचटीआर के बीच एमओयू भी साईन किया गया। यह एमओयू पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप में राजस्थान में टूरिज्म के डिजिटल प्रमोशन के लिए है। विभाग की ओर से, निदेशक डॉ. रश्मि शर्मा और एफएचटीआर की ओर से अध्यक्ष अपूर्व कुमार ने दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए।

राजस्थान सरकार की पर्यटन निदेशक, डॉ. रश्मि शर्मा ने कहा कि हम प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग कैसे करते हैं और हम पर्यावरण को क्या देते हैं, इसके बीच एक अच्छा संतुलन बनाए रखने के लिए सावधानी बरतने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि 'वोकल फॉर लोकल' के ज्ञान और कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के लिए रिड्यूस, रीयूज और रीसायकल के तीन 'आर' पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है।

आरडीटीएम 2023 की थीम के रूप में 'सस्टेनेबल टूरिज्म' पर प्रकाश डालते हुए, एफएचटीआर के अध्यक्ष, अपूर्व कुमार ने कहा कि सस्टेनेबल टूरिज्म तेजी से महत्वपूर्ण होता जा रहा है, क्योंकि विश्व भर में अधिक से अधिक लोग ज्यादा लोकप्रिय स्थलों की तलाश में हैं। हर वर्ष इन स्थानों पर आने वाले पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी होने के साथ, प्राकृतिक संसाधनों के कम होने और स्थानीय समुदायों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने का खतरा है। आने वाली पीढ़ियों के लिए पर्यटन स्थलों की प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के लिए, यह आवश्यक है कि पर्यटन उद्योग के सभी हितधारक सस्टेनेबल प्रैक्टिस को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम करें। 

इसमें पर्यटन के पर्यावरणीय प्रभाव को कम करना, स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं का समर्थन करना और यह सुनिश्चित करना शामिल है कि स्थानीय समुदाय पर्यटकों से लाभान्वित हो सकें। एफएचटीआर के पूर्व अध्यक्ष, रणधीर विक्रम सिंह ने अपनी समापन संबोधन में कहा कि कोविड-19 के दौर में पर्यटन और आतिथ्य उद्योग के लिए घरेलू पर्यटन बहुत महत्वपूर्ण रहा है। सभी पर्यटन हितधारक घरेलू पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए आरडीटीएम के सफल मंच का लाभ उठाएंगे और अपना अटूट समर्थन जारी रखेंगे।

इस अवसर पर स्वागत संबोधन एफएचटीआर के महासचिव, मोहन सिंह द्वारा दिया गया। वहीं एफएचटीआर के वरिष्ठ उपाध्यक्ष, कुलदीप सिंह चंदेला ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर राजस्थान एसोसिएशन ऑफ टूर ऑपरेटर्स (राटो) के प्रेसिडेंट, महेंद्र सिंह राठौड़ भी उपस्थित रहे।
उल्लेखनीय है कि पिछले साल आरडीटीएम के दूसरे संस्करण का सफलतापूर्वक आयोजन हुआ था, जिसमें 2 दिनों के दौरान 5000 से अधिक बी2बी मीटिंग्स हुईं थी। 

लगभग 200 सेलर्स ने 800 से अधिक प्रॉपर्टीज, एजेंसी और एक्सपीरिएंस को प्रदर्शित किया था। नॉलेज सेशंस के अतिरिक्त, मार्ट के बाद 60 से अधिक ट्रैवल एजेंटों के लिए 4 एफएएम ट्रिप्स आयोजित की गई थी। इस आयोजन से घरेलू पर्यटन को काफी बढ़ावा मिला है।

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