राष्ट्रीय व्यापारी पार्टी ; राजस्थान में व्यापारियों की आवाज होगी बुलंद

० आशा पटेल ० 
जयपुर । दुकानदार- व्यापारियों से हो रहे उत्पीड़न के खिलाफ अब राजस्थान में भी आवाज बुलंद होगी। इस वर्ग को आए दिन आने वाली सभी समस्याओं को मंच से उठाया जाएगा। गोपालपुरा बायपास स्थित  होटल में संगठन की आगामी रूपरेखा पर चर्चा हुई और कार्यकारिणी का शपथ ग्रहण समारोह भी आयोजित हुआ।

राजस्थान के प्रदेशाध्यक्ष किशोर कुमार टाक ने बताया की कार्यकारिणी को राष्ट्रीय अध्यक्ष रवि प्रकाश अग्रवाल ने शपथ दिलाई। इस कार्यक्रम के माध्यम से राष्ट्रीय व्यापारी पार्टी ने राजस्थान में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। संगठन की रूपरेखा पर चर्चा करते हुए प्रदेश प्रभारी किशोर कुमार टाक ने बताया कि जल्दी ही संगठनात्मक कार्यों में तेजी लाई जाएगी। प्रदेश में संगठन को मजबूती से खड़ा कर विधानसभा चुनाव में अपनी भागीदारी भी निभाएंगे। विधानसभा चुनाव में पार्टी दुकानदार व्यापारियों के हितों की रक्षा हेतु अपने प्रत्याशी खड़े करेगी।

 टाक ने संगठन की रूपरेखा पर चर्चा करते हुए पांच मांगे रखी। उन्होंने बताया कि दुकानदार व्यापारियों को ऑनलाइन से भारी नुकसान हो रहा है अतः इस पर लगाम लगाई जाए।  दुकानदार व्यापारियों के बैंक ऋण माफ किए जायें। दुकानदार व्यापारियों की पेंशन चालू की जाए।  नई दुकान व्यापारिक प्रतिष्ठान खरीदने पर रजिस्ट्री शुल्क ना लगे क्यों कि सरकार को जीएसटी की आय मिलनी है ।
 दुकान पर साइन बोर्ड या किसी भी तरह के प्रचार बोर्ड, ग्लो साइन आदि पर लगने वाले विज्ञापन टैक्स पूर्ण रूप से मुक्त हों क्योंकि दुकानदार अपना नाम ही दुकान पर नहीं लिखेगा तो माल कैसे बेचेगा और सरकार को जीएसटी कैसे मिलेगी।

प्रदेश अध्यक्ष किशोर कुमार टाक ने राज्यभर से आए लोगों को शपथ ग्रहण करवायी। इसमें वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष के पद पर झामन टेकचंदानी अन्य प्रदेश उपाध्यक्ष सुरेश सैनी, हिमानी शर्मा, दीनदयाल तांबी, गुलशन भाटिया, हुकुमचंद अग्रवाल, प्रदेश महासचिव के पद पर सुरेश केदावत, प्रदेश सचिव के पद पर मुकुल जैन, विनोद एरन, अशोक शर्मा, इकराम उल हक, दीपक जग्गा, ऑडिटर के पद पर विपिन सिंघल, प्रदेश युवा अध्यक्ष के पद पर जितेंद्र गोयल, प्रदेश संगठन मंत्री के रूप में भंवर सिंह शेखावत, मीडिया प्रभारी नेहा शर्मा, प्रदेश महिला अध्यक्ष कंचन कच्छावा, कोषाध्यक्ष बसंत जैन और कार्यकारिणी सदस्य के पद पर राजेश शर्मा, बाबूलाल चतुर्वेदी ने संगठन के संविधान की शपथ लेते हुए अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करने का वादा किया।

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