नैक ने केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय को A++ ग्रेड की मान्यता दी

० योगेश भट्ट ० 
नयी दिल्ली - नैक (राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद ) ने केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय , दिल्ली को A++ (सीजीपीए 3.60) ग्रेड दिया है । यह श्रेष्ठ अंक प्राप्त करने से विश्वविद्यालय के लिए अनेक अकादमिक अवसरों के रास्ते खुल गये हैं । साथ ही साथ इस उपलब्धि के कारण समग्र अकादमिक स्वायत्तता भी मिल गयी है  । साथ ही साथ इससे भगनि भाषा के अध्ययन अध्यापन और नये नये नवाचारी पाठ्यक्रमों यथा एम .ए .सी. योग या ज्योतिष या आयुर्वेद वायोलौजी जैसे नये नये पाठ्यक्रमों का आरंभ किया जा सकेगा । इससे संस्कृत में निहित प्राचीन भारतीय ज्ञान परम्परा दुनिया के सामने आ सकती है ।

 कुलपति ने आगे यह भी कहा कि इस नितान्त चुनौतीपूर्ण सफलता सीएसयू के आईक्यूएसी तथा इससे जुड़े गण कार्य संस्कृति के कारण ही संभव हो सका है   ।इस अद्भुत उपलब्धि के लिए पूरा विश्वविद्यालय परिवार साभार धन्यवाद के पात्र हैं जिन्होंने दुनिया की सबसे बड़ी मल्टी कैम्पस विश्वविद्यालय सीएसयू को नैक के निरीक्षण में इतना श्रेष्ठ स्थान दिला कर देश के किसी भी पारम्परिक विश्वविद्यालय के लिए नैक निरीक्षण के लिए रोड मैप तैयार कर दिया है ।

कुलसचिव प्रो रणजित कुमार वर्मन् ने इस ऐतिहासिक उद्घोषणा पर हार्दिक हर्ष जताते कहा कि विश्वविद्यालय के लिए यह अनिवार्य निरीक्षण चिर प्रतीक्षित था और इसकी तैयारी के लिए अनेक बांधाएं भी आती रही। लेकिन नये कुलपति आने से अपना विश्वविद्यालय परिसर आशा के किरणों से जगमगा उठा और उनके दृढ संकल्प और ठोस लक्ष्य ही आज के इस भव्य उत्सव तथा देश विश्रूत यश का कारण बना ।

प्रो बनमाली विश्वाल ,डीन एकेडमिक ने कहा कि कुलपति प्रो वरखेड़ी यहां अपना कार्यभार संभालते ही नैक निरीक्षण की चुनौतियों को स्वीकार किया और इसे एक सशक्त तथा प्रगतिशील विश्वविद्यालय के रुप में कायाकल्प करने के लिए अनेक ठोस उठा रहें हैं । इन्हीं कदमों में इस विश्वविद्यालय में पहली बार अनेक मेमोरंडम औफ अन्डरस्टैगिंग,औडियेंंस तथा नीति निर्धारण के साथ साथ स्कूल और स्टडीज तथा वोर्ड औफ स्टडीज के गठन तथा उनके निर्णयों के क्रियान्वयन पर ठोस कदम उठाये गये ।प्रो बिश्वाल ने इस बात पर ज़ोर देते यह भी कहा कि अच्छे ग्रेड हासिल करने में इन नवाचारों की भी महत्त्वपूर्ण भूमिका रही होगी । पवन कुमार , परीक्षा नियंत्रक ने भी कहा कि किसी भी विश्वविद्यालय के लिए पाठ्यक्रमों को नवाचारी बना कर अद्यतन करना वोर्ड औफ स्टडीज का ही उत्तरदायित्व होता है और इसके गठन से अपने विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रमों बहुत ही समन्वित तथा छात्रोपयोगी बन सका है ।

डा मधुकेश्वर भट्ट , निदेशक ,प्रकाशन एवं कार्यक्रम ने कहा कि इस अच्छे ग्रेड को पाने में यहां के छात्र -छात्राओं की भी महत्त्वपूर्ण भूमिका रही ,जिन्होंने नैक पीयर टीम के समक्ष अपने कुलपति प्रो श्रीनिवास वरखेड़ी जी तथा विश्वविद्यालय परिवार के विविध कार्यक्रमों तथा अध्ययन अध्यापन पर भरोसा जताया । डा भट्ट इस सिलसिले में यह भी कहा कि ऐसे बहुत ही कम विश्वविद्यालय होते हैं जिन्हें छात्र छात्राओं, फैकेल्टी, अधिकारियों या कर्मचारियों से इतना व्यक्तिगत , सम्मानजनक और सहज संबंध बन पाता हो ।

प्रो गायत्री मुरली कृष्णन , निदेशक , योजनाएं ने भी आशा जताते यह कहा कि इस श्रेष्ठ ग्रेड पाने से विश्वविद्यालय का सरकारी आर्थिक अनुदान में बढ़ोतरी होने से योजना विभाग भी संस्कृत के लाभ को अन्त्योदय तक पहुंचाने में और अधिक प्रयास करेगा । श्री के.टी. कृष्ण कुमार ने कहा कि इस आर्थिक अनुदान में इजाफा तथा अकादमिक स्वायत्तता मिलने से नये परिसरों को खोलने में सहायता मिलेगी । उसी तरह डा रत्न मोहन झा ने कहा कि मुक्त स्वाध्याय केन्द्र (एम. एस.पी.) का डीईसी (Distance Learning Council) से मान्यता प्राप्त करने के लिए कुलपति के मार्गदर्शन में अब पहल किया जाएगा।

अनेक डीन, निदेशकों और अन्य अधिकारियों ने भी अपने विचार साझा किए। इस समारोह पर विचार। प्रोफेसर ईश्वर भट्ट समन्वयक आईक्यूएसी ने यह भी कहा कि कुलपति प्रोफेसर वराखेड़ी सर की दृष्टि ने हमें नैक निरीक्षण की तैयारी के दौरान विभिन्न चुनौतियों का सामना करने के लिए निर्देशित किया। नैक पीयर टीम के लिए एग्जिट कैंप सीएसयू, जयपुर परिसर को बनाया गया था जिसके निदेशक प्रो सुदेश शर्मा ने भी जयपुर परिसर में इस टीम की गतिविधियों का ज़िक्र किया । इस बैठक में प्रो सर्वनारायण झा , प्रो सीएसएसएन मूर्ति ,प्रो ललित कुमार साहू,प्रो लक्ष्मी निवास पाण्डेय, प्रो ललित त्रिपाठी, प्रो अतुल कुमार नन्दा , प्रो सुकान्त कुमार सेनापति, 

प्रो रमाकान्त पाण्डेय ,प्रो मदन मोहन झा, प्रो मदन मोहन पाठक, प्रो पीवीबी सुब्रमण्यम (सभी परिसरीय निदेशक) , परिसरीय सभी विभागाध्यक्ष के साथ साथ प्रो शिशिर पांडेय (कुलपति, जगद्गुरू रामभद्राचार्य दिव्यांग विश्वविद्यालय, चित्रकूट), प्रो मूर्ति ( सेवा निवृत्त ,आंग्ल भाषा),प्रो लोकमान्य मिश्र ,डा श्रीनिवासू मन्था , जगन्नाथ झा ,डा छोटीबाई मीना,डा सुनीति,डा, अमृता कौर,डा देवानन्द शुक्ल अरुण कुमार विद्यार्थी , रोहतास सिंह, जितेन्द्र कुमार,  रामजी लाल मीना बिपिन कुमार झा , गंगा शर्मा, लोकेश गुप्ता  आभा और अन्य अधिकारी तथा कर्मचारीगण भी उपस्थित थे। कुलपति के ओएसडी प्रो कुलदीप शर्मा तथा निदेशक ,प्रकाशन एवं कार्यक्रम, आचार्य मधुकेश्वर भट्ट ने इस हर्षोल्लास पूर्ण बैठक उत्सव संचालन किया ।

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