हज पर गए 600 हाजी बिना ख़ादिम उल उज्जाज के हुए परेशान

० संवाददाता द्वारा ० 
नयी दिल्ली -  दिल्ली स्टेट हज कमिटी की अध्यक्ष व केन्द्रीय मंत्री के महिला होने के बावजूद, दिल्ली स्टेट हज कमेटी में महिला ख़ादिम उल हुज्जाज आवेदक के साथ भेदभावपूर्ण सुलूक करने का बेहद गंभीर मामला सामने आया है। दरअसल इस बार केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के अंतर्गत भारतीय हज कमेटी ने केवल सरकारी कर्मचारियों को ही हाजियों की खिदमत में जाने वाले ख़ादिम उल हुज्जाज के लिए 12 लोगों के नाम हज कमेटी ऑफ़ इंडिया को भेजे थे

 जिसमें सरकारी कर्मचारियों के अलावा स्वायत्तशासी (ऑटोंनोमस) सरकारी संस्थानों जिसमे दिल्ली स्टेट हज कमिटी व दिल्ली वक़्फ़ बोर्ड के कर्मचारियों के नाम भी सर्क्युलर के मुताबिक शामिल थे। जिसके अनुसार 12 में 3 कर्मचारियों को वेटिंग लिस्ट में रखा गया था। हर साल इसी प्रकार चयन होता रहा है, परंतु इस बार सिर्फ सरकारी कर्मचारियों को केंद्रीय हज कमेटी द्वारा योग्य क़रार देते हुए अन्य कर्मचारियों को अयोग्य घोषित कर दिया गया।

 जिसमें 5 को चयनित व 1 को वेटिंग लिस्ट से लिया गया। जब दिल्ली स्टेट हज कमिटी ने ये देखा तो आनन फानन में 1 अन्य आवेदक मोहम्मद नईम अब्बास, (जिनका नाम न तो चयनित लिस्ट में था और न ही वेटिंग लिस्ट में था,) नाम भेजकर अलग से आदेश निकाल कर भेजा गया। कोटे के मुताबिक 9 ख़ादिम उल हुज्जाज भेजे जाने थे परंतु कुल 7 ही भेजे गए, महिला ख़ादिम उल हुज्जाज आवेदक होने के बावजूद उनके नाम नहीं भेजे गये। जिसके चलते 600 हाजी बिना ख़ादिम उल हुज्जाज इस वक़्त सऊदी अरब में इस बदइंतज़ामी का खामियाज़ा भुगतने को मजबूर है। 

मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो दिल्ली से गये हाजियों को न खाना मिल पा रहा है और न दूसरी सहूलियत मिल पा रही हैं। बिना ख़ादिम उल हुज्जाज के चलते दिल्ली से जाने वाली ग़ैर मेहरम (बिना रिश्तेदार) महिला हाजी को 15 दिन तक कपड़ो का सूटकेस तक नही मिल पाया। बिना किसी रिश्तेदार के महिला हाजी को 15 दिन तक कपड़े न मिलना कितनी परेशानी की बात होगी इसका सिर्फ अंदाज़ा लगाया जा सकता है। सोचिये 600 हाजी बिना ख़ादिम उल हुज्जाज किस तरह परेशानियों का सामना कर रहे होंगे। 

सरकारी महिला ख़ादिम उल हुज्जाज आवेदक होने के बावजूद मर्द ख़ादिम उल हुज्जाज भेजा जाना हज कमिटी के भेदभावपूर्ण रवैया का तो खुलासा करता ही हैं, केंद्रीय मंत्री व दिल्ली स्टेट की अध्यक्ष महिला होने के बावजूद इस तरह का महिला सरकारी कर्मचारी के साथ भेदभावपूर्ण रवैया संवैधानिक अधिकारों का हनन है। हाजियों की खिदमत के लिए ख़ादिम उल हुज्जाज के तौर पर अभी भी भेजा जा सकता है। जिससे उन 600 हाजियों की परेशानियों को कुछ कम करके उनके हज को आसान बनाया जा सके।

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