जगतपुरा श्री कृष्ण बलराम मंदिर में पानीहाटी चिड़ा दही महोत्सव
० आशा पटेल ०
जयपुर | श्री कृष्ण बलराम मंदिर में पानीहाटी चिड़ा दही महोत्सव की भव्य तैयारियां की गयी | ठाकुर जी का पांच हजार कमल पुष्पों द्वारा भव्य पद्म अलंकार किया गया एवं 21 प्रकार के चिड़ा दही एवं रबड़ी से बने विभिन्न व्यंजनों को तैयार करके ठाकुर जी को भोग लगाया गया | ठाकुर जी को जल विहार के लिए मंदिर के मथुरा गार्डन में एक भव्य कमल कुंड बनाया गया जिसे फूलो से सजाया गया , हरीनाम संकीर्तन के साथ भगवान का जल विहार कराया गया | भक्तो ने संकीर्तन में नृत्य कर भगवान की जल विहार लीला का आनंद लिया एवं भगवान का आशीर्वाद प्राप्त किया | वृंदावन के 6 गोस्वामी में से एक रघुनाथ दास गोस्वामी इसी दिन भगवान नित्यानद प्रभु को चिड़ा दही का विशेष भोग लगाते हैं एवं हरी नाम संकीर्तन के साथ यह महोत्सव मनाते है ।
जयपुर | श्री कृष्ण बलराम मंदिर में पानीहाटी चिड़ा दही महोत्सव की भव्य तैयारियां की गयी | ठाकुर जी का पांच हजार कमल पुष्पों द्वारा भव्य पद्म अलंकार किया गया एवं 21 प्रकार के चिड़ा दही एवं रबड़ी से बने विभिन्न व्यंजनों को तैयार करके ठाकुर जी को भोग लगाया गया | ठाकुर जी को जल विहार के लिए मंदिर के मथुरा गार्डन में एक भव्य कमल कुंड बनाया गया जिसे फूलो से सजाया गया , हरीनाम संकीर्तन के साथ भगवान का जल विहार कराया गया | भक्तो ने संकीर्तन में नृत्य कर भगवान की जल विहार लीला का आनंद लिया एवं भगवान का आशीर्वाद प्राप्त किया | वृंदावन के 6 गोस्वामी में से एक रघुनाथ दास गोस्वामी इसी दिन भगवान नित्यानद प्रभु को चिड़ा दही का विशेष भोग लगाते हैं एवं हरी नाम संकीर्तन के साथ यह महोत्सव मनाते है ।
यह पश्चिम बंगाल में कोलकाता के पास पानीहाटी नाम के एक गाँव में पहली बार नित्यानंद प्रभु के साथ रघुनाथ दास गोस्वामी की मुलाकात के उपलक्ष्य में पानीहटी चिड़ा-दही उत्सव मनाया जाता है रघुनाथ दास को नित्यानंद प्रभु से दंड मिला कि उनको यहाँ आये सभी हजारों भक्तो के लिए चिड़ा-दही प्रसादम की व्यवस्था करनी है यह सुनकार रघुनाथ दास गोस्वामी बड़े प्रसन्न हुए और अत्यधिक मात्रा में चिड़ा-दही प्रसाद की व्यवस्था की एवं भगवान को भोग लगाया तब से इस त्योहार को दंड महोत्सव (दंड का त्योहार) के रूप में भी जाना जाता है। यह ज्येष्ठ (मई-जून) के महीने में शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाता है।
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