सर्व सेवा संघ की भूमि हथियाने और गांधी विद्या संस्थान को सौंपे जाने के विरोध में 'प्रतिरोध सम्मेलन'

० आशा पटेल ० 
नयी दिल्ली - वाराणसी में सर्व सेवा संघ की भूमि हथियाने और गांधी विद्या संस्थान को इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र को सौंपे जाने के विरोध में गांधीवादी संगठनों द्वारा 'प्रतिरोध सम्मेलन' आयोजित किया गया। सभी वक्ताओं ने विचार व्यक्त किया कि इस निर्लज्ज कृत्य का वास्तविक लक्ष्य जमीन का टुकड़ा नहीं है, बल्कि यह केवल गांधीवादी मूल्यों पर हमला करने और कुचलने के आरएसएस के इरादों का प्रतीक है।
 सर्वसम्मति से पारित किये गये एक प्रस्ताव में सम्मेलन ने घोषणा की कि वे झुकेंगे नहीं बल्कि अहिंसात्मक तरीके से इसका मुकाबला करेंगे। वक्ताओं ने कहा कि यह हिंसा की ताकतों के खिलाफ अहिंसा की लड़ाई है। उन्होंने दृढ़ विश्वास व्यक्त किया कि हिंसा की ताकतों पर अहिंसक तरीकों की जीत होगी।
गांधीवादी संगठनों ने 3 राज्यों के आगामी चुनावों में और बाद में लोकसभा चुनावों में भाजपा को हराने के लिए सक्रिय रूप से काम करने का संकल्प लिया। सम्मेलन में गांधीवादियों के अलावा लोहियावादी नेताओं ने भी भाग लिया। प्रोफेसर आनंद कुमार (संगठनकर्ता), मेधा पाटकर, योगेंद्र यादव, जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सतपाल मलिक, पूर्व सांसद डी.पी. रॉय, आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह, समाजवादी नेता डॉ. सुनीलम, लोहियावादी नेता रघु ठाकुर,
रमा शंकर सिंह, फैसल खान, रामचंद्र राही व कुमार प्रशांत व अन्य ने सभा को संबोधित किया। सभी वक्ताओं ने इस बात का स्वागत किया कि गांधीवादी अब आगे आ रहे हैं, जो कि बहुत खुशी की बात है। सभी वक्ताओं ने इस बात पर जोर दिया कि इस सरकार को हराना जरूरी है। सम्मेलन के अंत में, प्रतिभागियों ने राष्ट्रपिता को श्रद्धांजली देने के लिए सभा स्थल से राजघाट तक मार्च किया,

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