डॉ. कल्ला ने दिए ‘कामयाबी के टिप्स‘ बच्चों संग गुनगुनाया ‘हम होंगे कामयाब
० अशोक चतुर्वेदी ०
जयपुर । शिक्षा, कला, साहित्य और संस्कृति मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला जयपुर के जवाहर कला केन्द्र में चल रहे ‘जूनियर समर कैम्प‘ की गतिविधियों का अवलोकन करने पहुंचे। डॉ. कल्ला ने इस दौरान बच्चों द्वारा कैम्प में सीखी गई कलाओं के आधार पर नाटक, भरतनाट्यम, कत्थक और तबला वादन जैसी कलाओं पर आधारित प्रस्तुतियों को गहरी रुचि के साथ देखा। उन्होंने बच्चों को ‘बेस्ट परफोर्मेंस‘ के लिए बधाई देते हुए प्रेरणादायक संवाद किया और हौसला अफजाई की। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आयोजन बच्चों को आत्मविश्वास के साथ प्रस्तुति देने की कला सिखाते है, ये ‘स्टेज फीवर‘ को खत्म करने में काफी मददगार है। डॉ. कल्ला ने बच्चों के साथ देश और प्रदेश की कला और संस्कृति से जुड़ी कई महत्वपूर्ण बातें सरल अंदाज में साझा करते हुए ‘जूनियर समर कैम्प‘ में उनकी ‘लर्निंग‘ के बारे में सवाल भी पूछे। उन्होंने ‘अर्ली टू बैड, अर्ली टू राइज, मेक्स ए मैन हेल्दी, वेल्दी एंड वाइज‘ का महत्व बताते हुए बच्चों को जीवन में आयु, बुद्धि, बल, धन और यश पाने के लिए बड़ों का आदर और सम्मान करने के लिए प्रेरित किया। वहीं संस्कृत के श्लोकों के माध्यम से कॅरिअर में आगे बढ़ने और अपना अलग मुकाम बनाने लिए कौए की तरह चेष्टाशील, बगुले भांति एकाग्र एवं श्वान की तरह जाग निद्रा के नियमों का पालन करते हुए अल्पाहार एवं पौष्टिक भोजन के सेवन के बारे में कई टिप्स दिए।
जयपुर । शिक्षा, कला, साहित्य और संस्कृति मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला जयपुर के जवाहर कला केन्द्र में चल रहे ‘जूनियर समर कैम्प‘ की गतिविधियों का अवलोकन करने पहुंचे। डॉ. कल्ला ने इस दौरान बच्चों द्वारा कैम्प में सीखी गई कलाओं के आधार पर नाटक, भरतनाट्यम, कत्थक और तबला वादन जैसी कलाओं पर आधारित प्रस्तुतियों को गहरी रुचि के साथ देखा। उन्होंने बच्चों को ‘बेस्ट परफोर्मेंस‘ के लिए बधाई देते हुए प्रेरणादायक संवाद किया और हौसला अफजाई की। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आयोजन बच्चों को आत्मविश्वास के साथ प्रस्तुति देने की कला सिखाते है, ये ‘स्टेज फीवर‘ को खत्म करने में काफी मददगार है। डॉ. कल्ला ने बच्चों के साथ देश और प्रदेश की कला और संस्कृति से जुड़ी कई महत्वपूर्ण बातें सरल अंदाज में साझा करते हुए ‘जूनियर समर कैम्प‘ में उनकी ‘लर्निंग‘ के बारे में सवाल भी पूछे। उन्होंने ‘अर्ली टू बैड, अर्ली टू राइज, मेक्स ए मैन हेल्दी, वेल्दी एंड वाइज‘ का महत्व बताते हुए बच्चों को जीवन में आयु, बुद्धि, बल, धन और यश पाने के लिए बड़ों का आदर और सम्मान करने के लिए प्रेरित किया। वहीं संस्कृत के श्लोकों के माध्यम से कॅरिअर में आगे बढ़ने और अपना अलग मुकाम बनाने लिए कौए की तरह चेष्टाशील, बगुले भांति एकाग्र एवं श्वान की तरह जाग निद्रा के नियमों का पालन करते हुए अल्पाहार एवं पौष्टिक भोजन के सेवन के बारे में कई टिप्स दिए।
उन्होंने बच्चों के साथ ‘हम होंगे कामयाब, हम होंगे कामयाब एक दिन.... गीत भी गुनगुनाया। शिक्षा, कला, साहित्य और संस्कृति मंत्री ने कहा कि बच्चे ‘जूनियर समर कैम्प‘ में सीखी गई गतिविधियों का घर पर अभ्यास करे। साथ ही उन्होंने जेकेके के अधिकारियों से कहा कि इस कैम्प के बाद आगामी सर्दिर्यों में बच्चों के लिए एक ‘रिफ्रेशर कैम्प‘ और आयोजित करें, जिससे बच्चों को एक बार फिर इनकी बारीकियों को दोहराने का मौका मिलें। यह समर कैम्प गत 15 मई से चल रहा है और आगामी 18 जून तक चलेगा।
श्रीमती गायत्री राठौड़, प्रमुख शासन सचिव पर्यटन, कला, साहित्य, संस्कृति, पुरातत्व विभाग और महानिदेशक, जवाहर कला केंद्र ने भी बच्चों की प्रस्तुति देखी। उन्होंने कहा कि केन्द्र के समर कैम्प में बच्चे विभिन्न विधाएं सीख रहे हैं, इससे उनके समय का सदुपयोग भी हो रहा है। उन्होंने कहा कि परिजनों की तरफ से कैम्प की मियाद बढ़ाने की इच्छा व्यक्त की जा रही ही है जिस पर केन्द्र की ओर से विचार किया जा रहा है।
श्रीमती गायत्री राठौड़, प्रमुख शासन सचिव पर्यटन, कला, साहित्य, संस्कृति, पुरातत्व विभाग और महानिदेशक, जवाहर कला केंद्र ने भी बच्चों की प्रस्तुति देखी। उन्होंने कहा कि केन्द्र के समर कैम्प में बच्चे विभिन्न विधाएं सीख रहे हैं, इससे उनके समय का सदुपयोग भी हो रहा है। उन्होंने कहा कि परिजनों की तरफ से कैम्प की मियाद बढ़ाने की इच्छा व्यक्त की जा रही ही है जिस पर केन्द्र की ओर से विचार किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि केन्द्र, समर कैम्प व अन्य कार्यक्रमों के माध्यम से कला व कलाकारों को बढ़ावा देने का उद्देश्य पूरा कर रहा है। इस मौके पर जवाहर कला केन्द्र की अतिरिक्त महानिदेशक (प्रशासन) प्रियंका जोधावत सहित बच्चों के अभिभावक, कला और संस्कृति प्रेमी मौजूद रहे।
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