अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस विश्व में भारतीय ज्ञान विज्ञान तथा दर्शन का अनुगुंज है
नयी दिल्ली -9वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस में सीएसयू के सभी परिसरों ने मिलकर श्री रघुनाथ कीर्ति परिसर ,देव प्रयाग, हिमाचल में सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास के रुप मनाया गया । इसमें लगभग 350 छात्र-छात्राओं, कर्मचारियों तथा अकादमिक सदस्यों ने बढ़ चढ़ कर भाग लिया । साथ ही जगद्गुरू रामभद्राचार्य दिव्यांग विश्वविद्यालय तथा पतंजलि योग विद्यापीठ के विद्यार्थियों ने भी अपने योग से जुड़े कलाओं का प्रदर्शन किया । कुलपति प्रो.वरखेडी़ ने योग के समापन अवसर पर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके माध्यम से भारत को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलायी है । इससे अक्षुण्ण भारतीय परम्परा, अध्यात्म तथा दर्शन की ओर विश्व का ध्यान फिर से गया है । इसका कारण यह भी है कि आज विश्व भौतिक उन्नति की पराकाष्ठा पर तो ज़रूर पहुंच गया है। लेकिन इसके कारण असंतोष तथा मानसिक अशान्ति तथा तनाव भी अत्यधिक बढ़ता जा रहा है । इसको कम करने में योग की बहुत ही महत्त्वपूर्ण भूमिका होगी । इस बात की समझ अब दुनिया को ठीक से आ रही है । कुलपति ने कहा है कि अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस को विश्व में भारतीय ज्ञान विज्ञान तथा दर्शन का अनुगुंज माना जाना चाहिए ।
कुलपति की इस तरह की यात्रा सीएसयू के सभी परिसरों में होना सुनिश्चित हुआ है ,ताकि सत्र २०२३-२०२४ को गुणोत्कर्षवर्ष को और कैसे नवाचारी रुप में छात्र-छात्राओं, अधिकारियों तथा कर्मचारियों के साथ मिल कर विमर्श के बाद मनाया जा सके यह भी कहा कि किसी संस्था की उन्नति उसके सर्वोच्च अधिकारी के सिर्फ़ आदेश से ही उन्नयनी होती है , बल्कि मिलजुल कर सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय के आधार पर ही अवलंबित होता है । शैक्षणिक संस्थानों में तो विद्यार्थियों का हित सर्वोच्च समझा जाना चाहिए क्योंकि भारतीय परम्परा में शिष्यों को मानस संतति के रुप में स्वीकार किया गया है और वे अपने संस्थानों के प्रबल यश वाहक भी होते हैं ।
नैक द्वारा केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय को सर्वोत्कृष्ट ग्रेट A++दिया गया है जो देश के किसी भी संस्कृत विश्वविद्यालय को अभी तक नहीं मिला है । लेकिन इस गुणवत्ता तथा श्रेष्ठता को बनाये रखने का उत्तरदायित्व और बढ़ गया है । सत्र २०२३-२०२४ को गुणोत्कर्षवर्ष के रुप में यह विश्वविद्यालय परिवार ने मनाने का निर्णय लिया है । प्रत्येक परिसर में इस तरह की यात्रा करने से परिसरीय समस्याओं को साक्षात अनुभव किया जा सकता है और मिल जुल कर समाधान भी निकाला जा सकता है । इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए 9वें अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस पर देवप्रयाग परिसर को चयनित किया गया है ।
कुलपति के इस अकादमिक दौरे पर सीएसयू , दिल्ली मुख्यालय से प्रो बनमाली बिश्वाल, शैक्षणिक, छात्र कल्याण तथा योग विज्ञान के डीन , जगन्नाथ झा , अकादमिक विभाग तथा कुलपति के पी एस सोनराज पाटीदार और अन्य सदस्यों के अतिरिक्त प्रो सुदेश शर्मा , निदेशक ,जयपुर परिसर भी उपस्थित हैं । देव प्रयाग परिसर के निदेशक प्रो पीवीसी सुब्रह्मण्यम ने बताया है कि कुलपति प्रो वरखेड़ी ने इस परिसर के निर्माण कार्य के लिए लगी एजेंसी केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों से भी ठोस बातें की हैं ।
कुलपति की इस तरह की यात्रा सीएसयू के सभी परिसरों में होना सुनिश्चित हुआ है ,ताकि सत्र २०२३-२०२४ को गुणोत्कर्षवर्ष को और कैसे नवाचारी रुप में छात्र-छात्राओं, अधिकारियों तथा कर्मचारियों के साथ मिल कर विमर्श के बाद मनाया जा सके यह भी कहा कि किसी संस्था की उन्नति उसके सर्वोच्च अधिकारी के सिर्फ़ आदेश से ही उन्नयनी होती है , बल्कि मिलजुल कर सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय के आधार पर ही अवलंबित होता है । शैक्षणिक संस्थानों में तो विद्यार्थियों का हित सर्वोच्च समझा जाना चाहिए क्योंकि भारतीय परम्परा में शिष्यों को मानस संतति के रुप में स्वीकार किया गया है और वे अपने संस्थानों के प्रबल यश वाहक भी होते हैं ।
नैक द्वारा केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय को सर्वोत्कृष्ट ग्रेट A++दिया गया है जो देश के किसी भी संस्कृत विश्वविद्यालय को अभी तक नहीं मिला है । लेकिन इस गुणवत्ता तथा श्रेष्ठता को बनाये रखने का उत्तरदायित्व और बढ़ गया है । सत्र २०२३-२०२४ को गुणोत्कर्षवर्ष के रुप में यह विश्वविद्यालय परिवार ने मनाने का निर्णय लिया है । प्रत्येक परिसर में इस तरह की यात्रा करने से परिसरीय समस्याओं को साक्षात अनुभव किया जा सकता है और मिल जुल कर समाधान भी निकाला जा सकता है । इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए 9वें अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस पर देवप्रयाग परिसर को चयनित किया गया है ।
कुलपति के इस अकादमिक दौरे पर सीएसयू , दिल्ली मुख्यालय से प्रो बनमाली बिश्वाल, शैक्षणिक, छात्र कल्याण तथा योग विज्ञान के डीन , जगन्नाथ झा , अकादमिक विभाग तथा कुलपति के पी एस सोनराज पाटीदार और अन्य सदस्यों के अतिरिक्त प्रो सुदेश शर्मा , निदेशक ,जयपुर परिसर भी उपस्थित हैं । देव प्रयाग परिसर के निदेशक प्रो पीवीसी सुब्रह्मण्यम ने बताया है कि कुलपति प्रो वरखेड़ी ने इस परिसर के निर्माण कार्य के लिए लगी एजेंसी केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों से भी ठोस बातें की हैं ।
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