टीमलीज़ एडटेक ने एआई-पावर्ड वर्क-इंटिग्रेटेड डिग्री और कॅरियर डिस्कवरी प्लेटफॉर्म, डिजिवर्सिटी लॉन्च किया

० योगेश भट्ट ० 
मुंबई : टीमलीज़ एडटेक ने डिजिवर्सिटी को लॉन्च करने की घोषणा की  है। यह एक क्रांतिकारी टेक फर्स्ट प्लैटफॉर्म है, जो उच्च डिग्री प्राप्त कर रहे छात्रों को कॉलेज की पढ़ाई के साथ वास्तविक जिंदगी के अनुभवों से सहजता से रूबरू कराती है। इस प्लेटफॉर्म का उद्देश्य भारत में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति लाना और लंबी अवधि में करियर में सफलता हासिल करने के लिए छात्रों को रोजगार की उच्च क्षमता से लैस करना है। डिजिवर्सिटी ने पहले ही भारत की टॉप 10 यूनिवर्सिटीज और 150 से ज्यादा प्रमुख नियोक्ताओं के साथ साझेदारी की है। 

यह साझेदारी रोजगार से जुड़े नए डिग्री कोर्स ऑफर करती है और शिक्षा व रोजगार के बीच की दूरी को कम करती है। छात्रों को अपनी पढ़ाई के बारे में सोच-समझकर फैसले लेने में सक्षम बनाती है और उनको शिक्षा के साथ व्यवाहारिक जगत में कार्य करने का अनुभव भी देती है। 2020 की नई शिक्षा नीति (एनईपी) के अनुसार डिजिवर्सिटी भारत में उच्च शिक्षा के भविष्‍य के विजन का सच्चा प्रतीक है।

कंपनी ने इस नेक कार्य को आगे बढ़ाने तथा इन वर्क इंटीग्रेटेड डिग्री प्रोग्राम्‍स की पहुंच का विस्‍तार करने के लिए कई पीएसयू के साथ भी साझेदारी की है। बोर्ड ऑफ एप्रेंटिसशिप ट्रेनिंग (बोट-डब्‍लूआर), सीएससी एकेडमी, असम इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (एमट्रॉन), तेलंगाना सरकार, एपीएससीएचई (एपी स्‍टेट काउंसिल ऑफ हायर एजुकेशन) कुछ ऐसे पीएसयू हैं जिनके साथ कंपनी ने साझेदारी की है।

टीमलीज़ एडटेक के संस्थापक शांतनु रूज ने कहा, “डिजिवर्सिटी भारत में उच्च शिक्षा के भविष्य में क्रांतिकारी बदलाव लाने के लिए तैयार है। हमने इस प्लेटफॉर्म की पेशकश के लिए 100 करोड़ का निवेश किया है और हमारी पहुंच 10 लाख से ज्यादा छात्रों तक है। हमें पता है कि आजकल के नियोक्ता कर्मचारियों से जिस तरह की रोजगार की स्किल्स की मांग करते हैं, वह नियोक्ताओं के साथ साझेदारी में सीखने का माहौल बनाने से अच्छी तरह हासिल की जा सकती है। हमारा लक्ष्य स्टूडेंट्स को जॉब मार्केट के लिए जरूरी कौशल से लैस करना है और कर्मचारियों के भविष्य को आकार देना है।”

डिजिवर्सिटी की पेशकश से नियोक्ताओं और यूनिवर्सिटीज की ओर से समान रूप से झेली जा रही महत्वपूर्ण चुनौतियों का निपटारा होगा। कई नियोक्ताओं को शिकायत है कि वह अपने यहां नौकरी पर रखने के लिए कार्य में कुशल कर्मचारियों को नहीं खोज पाते। दूसरी तरफ यूनिवर्सिटीज बेहतरीन पढ़ाई और नौकरी के लायक स्किल्स छात्रों में विकसित करने के लिए संघर्ष करती हैं, जिससे वह अपना कोर्स पूरा करने तक नौकरी करने के योग्य जरूरी कौशल में अच्छी तरह दक्ष हो सके। यूनिवर्सिटी और नियोक्ता के बीच इस तरह की साझेदारी शैक्षणिक योग्यता और कार्यकुशलता की दूरी को कम करेगी और छात्रों के लिए वरदान साबित होगी। 

डिजिवर्सिटी नौकरी करने की कुशलता से लैस करने वाले डिग्री प्रोग्राम ऑफर कर बदलाव का प्रेरक बना है। भविष्य में यह टैलेंट सप्लाई चेन का काम करगा। यूनिवर्सिटीज की पहुंच और प्रभाव का विस्तार करने के लिए डिजिवर्सिटी उनकी मदद करती है। भविष्य में भारत की जीईआर को सुधारने के लिए डिजिवर्सिटी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगी।

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