दिल्ली के उप-महापौर से वकीलों व क़ब्रिस्तान कमेटी ने जगह की कमी को लेकर की मुलाकात

० संवाददाता द्वारा ० 
नयी  दिल्ली - दिल्ली एमसीडी सिविक सेंटर में डिप्टी मेयर आले मोहम्मद इकबाल से दिल्ली हाई कोर्ट के एडवोकेट मसरूर हसन सिद्दीकी, व एडवोकेट रईस अहमद के साथ द्वारका-डाबड़ी क़ब्रिस्तान कमेटी  के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की। गौरतलब है कि डाबड़ी गांव के खसरा न. 27/19 पर स्थित मुस्लिम क़ब्रिस्तान पर कुछ स्थानीय भूमाफिया क़ब्ज़ा करने की कोशिश कर रहे हैं। यह अवैध कब्ज़ा दिल्ली नगर निगम के एक कर्मचारी की मिलीभगत से करने की कोशिश जारी है।

क़ाबिले गौर बात यह है कि यहां एक एकड़ के क़ब्रिस्तान की ज़मीन में से सिर्फ 800 वर्ग मीटर ही इस क्षेत्र के लगभग डेढ़ लाख की आबादी के लिए प्रयोग किया जा रहा था। जबकि बाक़ी 4000 वर्गमीटर पर भूमाफिया अपने जानवरों व गाड़ियों को खड़ा कर कब्ज़ा करने की कोशिश कर रहे हैं, और निजी क़ब्रिस्तान होने का दावा करते हैं, जबकि ये ज़मीन पूर्व में ग्रामसभा व शहरीकरण के पश्चात वक़्फ़ बोर्ड के अंतर्गत आती है। जिसके लिए वक़्फ़ बोर्ड द्वारा एनओसी भी छोटे कब्रिस्तान की कमिटी को मिली हुई है। जिसपर डाबड़ी, सागरपुर, जनकपुरी, महावीर एन्क्लेव, सीतापुरी, पालम व आसपास की मुस्लिम समुदाय की एक बड़ी आबादी निर्भर करती है।

800 वर्गमीटर के छोटे क़ब्रिस्तान में जगह भर जाने के कारण पिछले साल ही दफन बंद करना पड़ा था, जबकि 4000 वर्गमीटर की जगह पर पहले दफन होता रहा है, और कुछ पक्की क़ब्रे भी मौजूद हैं और एक बहुत बड़ा हिस्सा खाली पड़ा है। अब तक तो इन भूमाफियाओं में मुस्लिम चेहरे ही सामने थे, परंतु अब अन्य धर्म के माफियाओं को भी खुले आम शामिल करके फ़ोटो और पोस्टर लगाकर साम्प्रदायिक माहौल खराब करने की कोशिश की जा रही है। इन्ही सब समस्याओं को लेकर उप-महापौर श्री आले मोहम्मद इक़बाल को अवगत कराया गया है, जिसपर उप-महापौर ने समस्या के समाधान करने का आश्वासन दिया है।

प्रतिनिधि मंडल में शामिल कमिटी के अध्यक्ष मोहम्मद इक़बाल, उपाध्यक्ष अहमद अली व महासचिव अज़ीज़ू रहमान शामिल रहे। जिन्होंने बताया कि इन भूमाफियाओं ने 4 साल पहले हम पर ही एक झूंठा मुक़दमा दायर कर दिया था, जिसे हमारे वकील रईस अहमद ने खारिज कराकर अब हमारी तरफ से मुक़दमा दायर कर रखा हैं, जहां हमे कोर्ट से जल्द बड़े क़ब्रिस्तान में दफन की इजाज़त के साथ इंसाफ मिलने की उम्मीद है। जिसके चलते ही बड़े क़ब्रिस्तान पर कब्ज़ा करने की कोशिश कर रहे भूमाफियाओं में खलबली मची हुई है और वो साम्प्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने को कोशिश कर रहे हैं।

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