प्यार के लिए उपवास एक अभिनव सत्याग्रह अभियान
० आशा पटेल ०
पूना। एक व्यक्ति से शुरू हुए इस व्रत में महाराष्ट्र के अलग अलग जिल्हो से लगभग 127 लोग शामिल हो चुके हैं। 15 अगस्त तक ये मुहिम चलने वाली है जिसमे अन्य राज्य याने अरुणाचल प्रदेश, इदौर और अन्य देश जैसे जर्मनी, अमरीका, UAE से भी लोग जुड़कर उपवास कर रहे है । धीरे- धीरे इसमें सत्याग्रहीयो की संख्या बढ़ रही है और आप भी जुड़ सकते है। पूना के एक गांधीयन संकेत मुनोत ने बताया कि देश में इस वक्त जिस तरह से नफरत और हिंसा का माहौल चल रहा है वो परेशान करने वाला है। और मैं गांधी विचार का होकर और पता होकर भी असत्य, नफरत और हिंसा फैलानेवाले लोगो को रोक ना पाया और अहिंसा सत्य और प्रेम बड़े पैमाने पर फैला ना सका ये मेरी भी गलती है।
नीचे की कुछ घटनाएं भी आपने पढ़ी होगी। मनोज साने नाम के एक शख्स ने अपनी गर्लफ्रेंड को मारकर उसके टुकड़े कर मिक्सर में डाल दिए , आफताब ने श्रद्धा को मारकर उसके टुकड़े कर फ्रिज रख दिए, गाझियाबाद में सविता नामकी महिला ने अपने पति चंद्रवीर का खून कर उसके टुकड़े कर बाल्टी में डाल दिए और उसके हात तोड़कर उसे घर के जमीन मेंही गाड़ दिया| ये सब मनमे हिंसा और क्रूरता बढ़ने के ही लक्षण है।
पूना। एक व्यक्ति से शुरू हुए इस व्रत में महाराष्ट्र के अलग अलग जिल्हो से लगभग 127 लोग शामिल हो चुके हैं। 15 अगस्त तक ये मुहिम चलने वाली है जिसमे अन्य राज्य याने अरुणाचल प्रदेश, इदौर और अन्य देश जैसे जर्मनी, अमरीका, UAE से भी लोग जुड़कर उपवास कर रहे है । धीरे- धीरे इसमें सत्याग्रहीयो की संख्या बढ़ रही है और आप भी जुड़ सकते है। पूना के एक गांधीयन संकेत मुनोत ने बताया कि देश में इस वक्त जिस तरह से नफरत और हिंसा का माहौल चल रहा है वो परेशान करने वाला है। और मैं गांधी विचार का होकर और पता होकर भी असत्य, नफरत और हिंसा फैलानेवाले लोगो को रोक ना पाया और अहिंसा सत्य और प्रेम बड़े पैमाने पर फैला ना सका ये मेरी भी गलती है।
उन्होनें बताया कि इसके लिए खुदके आत्मपरीक्षण हेतु तथा मन में प्यार, सत्य और अहिंसा प्रसार करने की शक्ति बढ़ाने हेतु उपवास सत्याग्रह शुरू किया है। ये उपवास किसी व्यक्ति, संगठन के खिलाफ या समर्थन में ना होकर इससे जो ये नफरत फैला रहे है उनके मनमे भी प्यार और अहिंसा के भाव आए ये प्रार्थना भी हम कर रहे है।उपवास बोला तो हमें याद आता है फ्रूट्स और कई चीजे खाना लेकिन यह उपवास जैन उपवास की तरह 24 घंटे का उपवास है जो पहले दिन सूर्योदय (06.00 am) से लेके दूसरे दिन सूर्योदय (06.00 am) तक का बिना कुछ खाए करना है। इसमें सूर्यास्त से पूर्व (( before 06.00 pm) केवल पानी पीने की अनुमति है। कुछ लोग एक दिन का उपवास कर रहे है तो कुछ लोग अपने इच्छा और शक्ति अनुसार उससे ज्यादा दिन भी कर रहे है। यह उपवास या सत्याग्रह किसी व्यक्ति, राजनीतिक दल के खिलाफ या समर्थन में ना होकर आत्म-परीक्षण के लिए है।
मणिपुर में एक झुंड ने 2 महिलाओं को नंगा कर रास्ते से घुमाते हुए उनके बॉडी पार्ट्स को अलग अलग तरीकेसे छेड़ा और बलात्कार कर फेंक दिया और ऐसा कई महिलाओं के साथ हुआ वहा बहुत बडे दंगे हो रहे हैं जिसमे हजारो लोग मारे जा चुके हैं।हरियाणा, राजस्थान और अन्य कई राज्यों में भी धीरे-धीरे हिंसा बढ़ रही है। ऊपर की सब घटनाएं हिंसा और नफरत का बढ़ता प्रभाव दिखाती है।
नीचे की कुछ घटनाएं भी आपने पढ़ी होगी। मनोज साने नाम के एक शख्स ने अपनी गर्लफ्रेंड को मारकर उसके टुकड़े कर मिक्सर में डाल दिए , आफताब ने श्रद्धा को मारकर उसके टुकड़े कर फ्रिज रख दिए, गाझियाबाद में सविता नामकी महिला ने अपने पति चंद्रवीर का खून कर उसके टुकड़े कर बाल्टी में डाल दिए और उसके हात तोड़कर उसे घर के जमीन मेंही गाड़ दिया| ये सब मनमे हिंसा और क्रूरता बढ़ने के ही लक्षण है।
महाराष्ट्र में संभाजी भिडे उर्फ मनोहर कुलकर्णी ने गांधीजी की माताजी पर झूठे और निम्न स्तर पे जाकर बयान कर हजारों युवाओं को उनके खिलाफ भड़काया है। हम सभी गांधीजी की माता पिता को जानते है की वे कितने धार्मिक और सच्चे थे। भिड़े ने किसी घटिया किताब का संदर्भ देके आरोप किया की करमचंद गांधी किसी मुस्लिम जमीदार की जमीन चोरी कर भाग गया और वो जमीदार पुतलीबाई को लेकर चला गया जिसे उसने पत्नी की तरह रखा और उससे मोहनदास का जन्म हुआ।
ये कितना घटिया स्तर का आरोप है। कुछ दिन पहले जेम्स लेन ने छ. शिवाजी महाराज के बारे में भी ऐसी झूठी किताब छापी गई थी जिनमें उनके पिता शहाजी महाराज ना होकर दादोजी कोंडदेव को बताया गया। जब किसी महामानव को आप विचार और कृति से हरा ना सको तो उसका और उसके माता पिता का चरित्र हनन करना बहुत ही निचले स्तर का निंदनीय कृत्य है। हम किस दिशाकी ओर जा रहे है?
हम अब शांत रहे तो कल को मेरी और आपकी माँ और अन्य महिलाओं की भी ऐसी आलोचना हो सकती । और मणिपुर जैसी स्थिति हमारे यहां भी आ सकती है जहा कोई सुरक्षित नही होगा। इसके अलावा वाराणसी, पू. विनोबा भावे ने गांधी विचार प्रसार और प्रकाशन हेतु स्थापित किए सर्व सेवा संघ प्रकाशन के जमीन को वहा के राज्य सरकार द्वारा हड़पा गया और वहा की लाखो किताबे और अन्य सामग्री बाहर फेंक दी गई वही इस अन्याय को विरोध करनेवालो को जेल में दिया गया। इसलिए हम इस 30 जुलाई से 15 अगस्त के बीच जितना संभव हो सके उतने दिन उपवास कर रहे हैं आप भी ईसमें सहभागी हो
उपवास के दौरान हम कुछ अन्य activities भी करेंगे. जैसे मणिपुर, वाराणसी के बारे में कलेक्टर और जन प्रतिनिधियों को निवेदन देना। संभाजी भिडे को Get well soon के ग्रीटिंग और फूल भेजना जिसमे लिखा हुआ है "नफरत फैलाना बीमारी है और तू बीमार है भिड़े, Get Well soon Mamu"। गांधीजी के विचारों के वैश्विक प्रभाव और आज की प्रासंगिकता पर पत्रक एवम किताबो का वितरण और समाज में प्यार और अहिंसा फैलाने के कई प्रोग्राम्स इसके साथ लिए जाएंगे।
उपवास के दौरान हम कुछ अन्य activities भी करेंगे. जैसे मणिपुर, वाराणसी के बारे में कलेक्टर और जन प्रतिनिधियों को निवेदन देना। संभाजी भिडे को Get well soon के ग्रीटिंग और फूल भेजना जिसमे लिखा हुआ है "नफरत फैलाना बीमारी है और तू बीमार है भिड़े, Get Well soon Mamu"। गांधीजी के विचारों के वैश्विक प्रभाव और आज की प्रासंगिकता पर पत्रक एवम किताबो का वितरण और समाज में प्यार और अहिंसा फैलाने के कई प्रोग्राम्स इसके साथ लिए जाएंगे।
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