एल्स्टॉम ने भोपाल-इंदौर मेट्रो रेल प्रोजेक्ट्स के लिए ट्रेनसेट की डिलीवरी की

० योगेश भट्ट ० 
भोपाल : एल्सटॉम (Alstom) द्वारा भोपाल-इंदौर मेट्रो प्रोजेक्ट्स के लिए अपने पहले ट्रेनसेट की सफलतापूर्वक डिलीवरी कर दी गई है। इस ट्रेनसेट को अपने नोटिस टू प्रोसीड (एनटीपी) से साढ़े चौदह महीने के रिकॉर्ड समय में निर्मित किया गया है। इसका परिचालन अप्रैल 2024 से शुरू हो जाएगा। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा एमपीएमआरसीएल, जनरल कंसल्टेंट और एल्सटॉम की उपस्थिति में मॉक-अप कार का अनावरण स्मार्ट सिटी पार्क, भोपाल में किया गया था।

दूसरे ट्रेनसेट को भोपाल के लिए जारी किया जाएगा, जिसकी डिलीवरी 20 सितंबर तक होने की उम्मीद है। ये ट्रेनें अत्याधुनिक तकनीक से परिपूर्ण हैं और बेहद कम वजनी हैं। यह भोपाल में 30 स्टेशन्स वाली 31 किमी लाइन और इंदौर में 29 स्टेशन्स वाली 31.5 किमी लाइन पर 80 किमी/घंटा की तेज़ रफ्तार से संचालित होगी। 3 कार कॉन्फिगरेशन ट्रेनसेट्स में से 27 ट्रेनसेट्स भोपाल के लिए होंगे, जबकि 25 ट्रेनसेट्स इंदौर के लिए होंगे। इन ट्रेनों में 50 यात्रियों के बैठने और 300 यात्रियों के खड़े होने की क्षमता है।

 डिलीवरी अपडेट पर ओलिवर लोइसन, मैनेजिंग डायरेक्टर, एल्सटॉम इंडिया, ने कहा, "एल्सटॉम इंडिया में, भोपाल-इंदौर मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए पहले ट्रेनसेट की अग्रिम डिलीवरी करना हमारे लिए बेहद गर्व की बात है। भोपाल और इंदौर को भारत में स्मार्ट शहर के रूप में मान्यता प्राप्त है। इस प्रकार, मेट्रो के जुड़ने से शहर के इंफ्रास्ट्रक्चर में आधुनिकीकरण को उल्लेखनीय रूप से बढ़ावा मिलेगा। ये ट्रेनें न सिर्फ सुरक्षित, विश्वसनीय, कुशल और किफायती जन परिवहन प्रणाली को स्थापित करना सुनिश्चित करेंगी, बल्कि शहर की आर्थिक गतिविधि को भी बढ़ावा देंगी। 

एल्सटॉम भारत की सुदृढ़ गतिशीलता की यात्रा में दीर्घकालिक भागीदार है और हम उम्मीद करते हैं कि मध्य प्रदेश की जन परिवहन आवश्यकताओं को पुनः परिभाषित करके इस साझेदारी को और भी अधिक मजबूत करने में सक्षम होंगे।"भोपाल-इंदौर मेट्रो ट्रेनसेट का निर्माण 'मेक इन इंडिया' अभियान के तहत किया जा रहा है। इसे गुजरात के सावली में एल्सटॉम की अत्याधुनिक रोलिंग स्टॉक मैन्युफैक्चरिंग सुविधा में शत-प्रतिशत स्वदेशी रूप से निर्मित किया जा रहा है। 

जुलाई 2022 में दिए गए अनुबंध के एक भाग के रूप में, एल्स्टॉम ने 15 वर्ष के व्यापक रखरखाव के साथ ही साथ 3-कार कॉन्फिगरेशन वाले 52 स्टैण्डर्ड गेज मोविया मेट्रो यात्री ट्रेनसेट्स के डिज़ाइन, निर्माण, आपूर्ति, इंस्टॉलेशन, परीक्षण और कमीशनिंग का जिम्मा उठाया है।387 मिलियन यूरो (3200 करोड़ रुपए से अधिक) मूल्य के इस ऑर्डर में नवीनतम पीढ़ी की संचार आधारित ट्रेन नियंत्रण (सीबीटीसी) सिग्नलिंग प्रणाली के साथ ही साथ सात साल के व्यापक रखरखाव सहित ट्रेन नियंत्रण और दूरसंचार प्रणालियों की स्थापना शामिल है।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

उर्दू अकादमी दिल्ली के उर्दू साक्षरता केंद्रों की बहाली के लिए आभार

राजा बहिरवाणी बने सिंधी काउंसिल ऑफ इंडिया दुबई चैप्टर के अध्यक्ष

स्वास्थ्य कल्याण होम्योपैथी व योगा कॉलेजों के दीक्षांत में मिली डिग्रियां

"मुंशी प्रेमचंद के कथा -साहित्य का नारी -विमर्श"