हरित क्रांति के जनक कृषि वैज्ञानिक पद्मविभूषण डॉ.एम.एस स्वामीनाथन के आकस्मिक निधन पर गहरा शोक

० योगेश भट्ट ० 
नयी दिल्ली -दिल्ली आदर्श मूल ग्रामीण समाज के अध्यक्ष शिक्षाविद् दयानंद वत्स ने भारत में हरित क्रांति के जनक कृषि वैज्ञानिक पद्मविभूषण डॉ.एम.एस स्वामीनाथन के आकस्मिक निधन पर गहरा शोक जताते हुए देश के लिए अपूर्णीय क्षति बताया है। वत्स ने कहा कि अकाल मुक्त भारत के नव-निर्माण में डा.स्वामीनाथन की अहम् भूमिका सदैव याद रखी जाएगी। 

 ऐसे में डा.स्वामीनाथन ने भारत के दो कृषि मंत्रियों स्वर्गीय सी. सुब्रमण्यम और बाबू जगजीवन के कार्यकाल में ऐसी रणनीति बनाई जिससे भारत में हरित क्रांति का सूत्रपात हुआ और देश ने इसका सारा श्रेय डॉ.एम.एस स्वामीनाथन को दिया। उन्होंने भारत में कृषि अनुसंधान और विकास को नई दिशा देकर देश को खाधान्न के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वत्स ने कहा कि उनके निधन से पूरे भारत के लोग ख़ासतौर से किसानों में शोक की लहर दौड़ गयी है। 

खेती और किसानी को समर्पित डॉ.एम.एस स्वामीनाथन सचमुच भारत के धरतीपुत्र थे। वे बेहद विनम्र और सहृदय व्यक्तित्व के धनी महान कृषि वैज्ञानिक थे। वे भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक और भारत सरकार के कृपा मंत्रालय में प्रधान सचिव भी रहे। उन्हें अनेकों राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से नवाजा गया था।

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