मान द वैल्यू फाउंडेशन ने जारी किया आधी आबादी के लिए 12सूत्री मांग पत्र
० आशा पटेल ०
जयपुर। मान द वैल्यू फाउंडेशन ने एक हजार से अधिक महिलाओं और बालिकाओं के सुझाव से तैयार किया 12 सूत्री चुनावी माँग पत्र , राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को सौंप कर कहा कि वह हमारी माँगे घोषणा पत्र में शामिल करें मान द वैल्यू फाउंडेशन की ओर से विधानसभा चुनाव में राजनीतिक महिलाओं के मुद्दे घोषणा पत्र में शामिल करें इसको लेकर एक 12 सूत्री माँग पत्र तैयार किया है . फाउंडेशन की ओर से राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. मान द वैल्यू फाउंडेशन की फाउंडर मनीषा सिंह ने बताया कि इस कार्यशाला के माध्यम से अलग अलग क्षेत्र में काम करने वाली महिलाओं और कॉलेज गर्ल्स की ओर से प्राप्त सुझावों के आधार पर तैयार किया गया एक 12 सूत्रीय चुनावी माँग पत्र राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को सौंपा गया, इस माँग पत्र के जरिए राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से आग्रह किया गया कि महिलाओं के इन मुद्दों को अपने घोषणा पत्र में शामिल करें. इस माँग पत्र में मुख्य रूप से महिला सुरक्षा , महिला स्वास्थ्य ,महिला शिक्षा और महिला आत्मनिर्भर कैसे बनें इसको लेकर सुझाव दिए जा रहे हैं।
फाउंडेशन की ओर से एक महीने तक चुनाव में महिलाओं और बालिकाओं से जुड़े मुद्दों पर सुझाव आमंत्रित किए गए थे , अलग अलग क्षेत्र की एक हजार से ज्यादा महिलाओं और कॉलेज गर्ल्स की और से प्राप्त हुए सुझाव के आधार पर एक 12 सूत्रीय माँग पत्र तैयार किया गया है , इस मांग पत्र को प्रदेश में चुनाव लड़ने वाले सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को सौंपा है और उनसे आग्रह किया गया गया है कि वो इन माँग पत्र के बिंदुओं को अपने अपने घोषणा पत्र में शामिल करें।
फाउंडेशन की ओर से एक महीने तक चुनाव में महिलाओं और बालिकाओं से जुड़े मुद्दों पर सुझाव आमंत्रित किए गए थे , अलग अलग क्षेत्र की एक हजार से ज्यादा महिलाओं और कॉलेज गर्ल्स की और से प्राप्त हुए सुझाव के आधार पर एक 12 सूत्रीय माँग पत्र तैयार किया गया है , इस मांग पत्र को प्रदेश में चुनाव लड़ने वाले सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को सौंपा है और उनसे आग्रह किया गया गया है कि वो इन माँग पत्र के बिंदुओं को अपने अपने घोषणा पत्र में शामिल करें।
मनीषा ने कहा कि आज हम सब एक ऐसे सब्जेक्ट पर चर्चा कर रहे हैं जिसकी बराबरी और उनके अधिकारों की बात तो हमेशा होती रही है , लेकिन धरातल पर उसे उतारने के लिए कभी कोई ज्यादा गंभीरता नहीं दिखाई गई। महिला देश की आधी आबादी है और इस आधी आबादी के पूरे अधिकारों की बात राजनीतिक दल भी करते रहे हैं , लेकिन क्या बाकी महिलाओं को उनके वह अधिकार मिल रहे हैं , जिसकी वह हकदार हैं ? शायद नहीं। आने वाले विधानसभा चुनाव में राजनीतिक दलों के लिए महिला एक चुनावी मुद्दा नहीं हो
और सरकार बनने के बाद में वह महिलाओं और बालिकाओं के लिए कुछ ऐसा करें जिससे कि उनका सर्वांगीण विकास हो और साथ में उनकी बराबरी की भागीदारी भी सुनिश्चित हो। हाल ही में केंद्र सरकार ने महिलाओं को राजनीति में 33 फीसदी आरक्षण देने का कानून लेकर आई है , हम सब इसका स्वागत भी करते हैं। निश्चित ही इससे महिलाओं की जब राजनीती में भागीदारी बढ़ेगी तो विधानसभा और संसद में महिलाओं की बात को मजबूती भी दी जाएगी , लेकिन राजस्थान में आज भी महिलाओं और बालिकाओं से अहम मुद्दे हैं जिन पर मजबूती से काम करने की जरूरत है।
मनीषा सिंह ने बताया कि फाउंडेशन की और से विधानसभा चुनाव, 2023 के चुनावी घोषणा-पत्र का हिस्सा बनाए जाने के लिए विभिन्न क्षेत्रों से महिलाओं नेकेराजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को अपना माँग -पत्र दिया गया है. इस दौरान राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों जिनमें भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी से स्वर्णिम , भारतीय जनता पार्टी से निधि शर्मा ,आम आदमी पार्टी से शालिनी मिश्रा ने इन माँगों को अपनी पार्टी के चुनावी घोषणा-पत्र में सम्मिलित की शपथ ली साथ ही शपथ-पत्र पर हस्ताक्षर भी किए ।ये रहे मौजूद - मान फाउंडेशन की अध्यक्ष अंजली , युवा अध्यक्ष कंचन कंवर, डॉक्टर शोभा तोमर , निशा पारीक, कशिश ललवानी, विजय लक्ष्मी , देवयानी शर्मा , वंशिका सिंह, यशिका शर्मा मौजूद रहें।
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