आई एच डबल्यू काउंसिल एवं ऐश्वर्या हेल्थकेयर द्वारा एनीमिया के बढ़ते मामलों को रोकने की पहल
नई दिल्ली। मूवमेंट अगेंस्ट एनीमिया" अभियान की शुरुआत के लिए आयोजित हुए राउंडटेबल कांफ्रेंस में स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने देश में एनीमिया के बढ़ते हुए मामलों को रोकने के लिए एक व्यापक और मल्टीलेटरल कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर दिया।
जीवन में बदलाव लाने और बेहतर स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध भारत के प्रमुख स्वास्थ्य थिंक टैंक इंटीग्रेटेड हेल्थ एंड वेलबीइंग काउंसिल और ऐश्वर्या हेल्थकेयर द्वारा देश में एनीमिया को बढ़ने से रोकने और इस पर जागरूकता पैदा करने के लिए संयुक्त रूप से स्वास्थ्य से संबंधित आंदोलन शुरू किया गया है।
इस अवसर पर मेदांता हॉस्पिटल, गुरुग्राम के यूरोलॉजी और किडनी इंस्टीट्यूट, नेफ्रोलॉजी, किडनी ट्रांसप्लांट एंड नेफ्रोलॉजी- डिपार्टमेंट हेड और सीनियर डॉयरेक्टर डॉ श्याम बंसल ने कहा, "क्रोनिक किडनी बीमारी में एनीमिया होना एक बहुत बड़ी समस्या है। क्रोनिक किडनी बीमारी के 70 प्रतिशत से ज्यादा मरीज एनीमिया से पीड़ित होते हैं।
आयरन की कमी से होने वाले एनीमिया के समाधान के लिए हमें लोगों को सुरक्षित और प्रभावी रूप से आयरन की उपलब्धता सुनिश्चित करनी चाहिए।" स्वास्थ्य से लेकर चिकित्सा पेशेवरों तक सभी विशेषज्ञों ने देश में एनीमिया के आंकड़ों और इसकी व्यापकता पर अपनी राय साझा की।
प्रमुख डॉक्टरों में सर गंगा राम हॉस्पिटल के नेफ्रोलॉजी डिपार्टमेंट के अध्यक्ष और एचओडी डॉ. विनंत भार्गव और डॉ. अनिल कुमार भल्ला, आईएमए के उपाध्यक्ष डॉ. जयेश लेले, मारेंगो एशिया हॉस्पिटल, गुड़गांव के हेमटोलॉजी और बीएमटी डिपार्टमेंट के डायरेक्टर और प्रमुख- डॉ. मीत कुमार और सर्वोदय अस्पताल की प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. वाणी पुरी शामिल थी।
नीति आयोग की डायरेक्टर वीसी ऑफिस डॉ उर्वशी प्रसाद ने कहा, "एनीमिया एक ऐसी समस्या है जिसका प्रभाव जीवन के कई क्षेत्रों में पड़ता हैं। इस समस्या का निवारण संगठित प्रयास से संभव हो सकता है। स्क्रीनिंग और पहचान विशेष रूप से वंचित और आदिवासी आबादी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
प्रसूति और स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. रितु जैन ने समाज द्वारा भोजन से सबंधित अच्छी आदतों और महिलाओं के स्वास्थ्य के प्राथमिकता देने की आवश्यकता पर जोर दिया। ऐश्वर्या ग्रुप ऑफ कंपनीज के चेयरमैन नीरज कुमार नीर ने इस मौके पर कहा, "स्थायी हेल्थकेयर इनोवेशन और सरकार के एनीमिया मुक्त दृष्टिकोण के माध्यम से सार्वजनिक स्वास्थ्य में सुधार करने के लिए हम एक सुलभ और सस्ता समाधान 'फेरिक कार्बोक्सिमाल्टोज़ (एफसीएम)' की पेशकश कर रहे हैं।
यह 21 अक्टूबर 2023 से पेटेंट से मुक्त हो जाएगा। आयरन की कमी की वजह से देश में एनीमिया सबसे ज्यादा होता है। एनीमिया के 70 प्रतिशत मरीज कई कारणों से आयरन की कमी से पीड़ित रहते हैं। लोग खानपान में आयरन की कमी के कारण आयरन की कमी से जूझते हैं।
इसके अलावा आयरन की कमी शरीर के अंदर आयरन के अवशोषण और परिवहन से संबंधित चुनौतियों या किसी बीमारी के कारण खून की कमी की वजह से हो सकता है।
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