वाराणसी शास्त्री घाट पर गांधीजन, संघर्षो की अगुवाई करने वाले नेता जुटे

० आशा पटेल ० 
वाराणसी । स्ंविधान के वास्ते, गांधी के रास्ते ˮविरासत बचाओ यात्राˮ शास्त्री घाट वाराणसी पंहुचकर एक भव्य जनपंचायत में तब्दील हो गयी। आंदोलनों की अगुवाई करने वाली नेता मेधा पाटेकर, मैग्सेसे पुरष्कार विजेता डॉ संदीप पांडेय , समाजविद प्रो आनंद कुमार , समाजवादी डॉ सुनीलम सहित अनेको समाजवादी गाँधीवादी जन दिन भर जनपंचायत में शामिल रहे। यात्रा के समर्थन में बनारस के बुद्धिजीवी संगठन के प्रतिनिधि छात्र, नौजवान ,महिला संगठन और राजनैतिक संगठन के कार्यकर्ता जुटे।
जनांदोलनों की नेता मेधा पाटेकर ने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में यंहा महिलाओ का शामिल होना बतला रहा है कि नरेंद्र मोदी की सरकार से जनता कितनी नाखुश है। बनारस शहरी ग्रामीण में आप बनारस के लोगो ने वार्ड वार्ड और गाँव गाँव यात्रा की। लोगो में इस बात को लेकर नाखुशी है जेपी विनोबा की विरासत सर्व सेवा संघ को तोडा गया है। मेरा आप सबसे अनुरोध है की सामाजिक सौहार्द का ताना बाना जोड़े रखें , सहिष्णुता बरकरार रखे। सर्वोदयी आप सब आपातकाल विरोधी आंदोलन के सिपाही हो , याद करो आप , आंदोलन के असल सिपाहियों में बहुत आशावादीता थी।
यात्रा में शामिल वरिष्ठ समाजवादी विचारक प्रोफेसर आनंद कुमार ने कहा कि देश आपातकाल से भी खतरनाक दौर से गुजर रहा है। सत्ता में बैठी पूंजीपतियों की तानाशाही सरकारें स्वतंत्र विचार रखने और सत्ता के खिलाफ आवाज उठाने, सवाल पूछने वालों पर न सिर्फ पाबंदी लगाई जा रही है, बल्कि ऐसे लोगों को टारगेट कर प्रताड़ित भी किया जा रहा है। बेवजह जेलों में ठूंसा जा रहा है। जाति तथा मजहब के आधार पर भेदभाव किया जा रहा है। अन्याय, उत्पीड़न लगातार बढ़ रहा है, जो लोकतंत्र के लिए खतरनाक है।
 बनारस में सर्व सेवा संघ पर सरकार द्वारा जबरन कब्जा किये जाने के बाद से ही गाँधीजन आंदोलित हैं। बनारस शहर और ग्रामीण में सघन यात्रा और संवाद कार्यक्रम हुए हैं। दूसरी और देश भर के कार्यकर्ताओ और गांधीजनों ने एक यात्रा दिल्ली राजघाट से वाराणसी तक के लिए निकाली जो की जयप्रकाश नारायण के जयंती के अवसर पर बनारस में शास्त्री घाट पर जनपंचायत के रूप में शोभायमान हुई।

किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष तथा पूर्व विधायक डा0 सुनीलम ने कहा कि मोदी सरकार गांधी, जयप्रकाश और विनोबा की विरासत के केंद्र सर्व सेवासंघ के परिसर को नष्ट कर उसे अडानी को सौंपना चाहती है जिसका प्रतिरोध पुरे देश में चल रहा है। उन्होंने कहा कि बनारस में महिलाओं के नेतृत्व में हुई सभा और ये यात्रा आने वाले समय में राजनीति की बदलाव को दर्शा रहा है। 
सर्व सेवा संघ के अध्यक्ष चंदन पाल ने कहा कि देश में तार्किक लोगों के वनिस्पत धर्मांध लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है। उन्होंने कहा कि सत्य, अहिंसा के गांधी विचार को माफी वीर कटरपंथी कभी नहीं मिटा पाएंगे। जरूरत है हमे धैर्य से काम करने की।

मैग्सेसे अर्वाड विजेता और चर्चित सामाजिक कार्यकर्ता संदीप पांडे ने कहा कि सत्ता पर काबिज पार्टी को संविधान पसंद ही नहीं है। लोकतंत्र, संविधान, समाजवाद, सामाजिक न्याय, बंधुता जैसे शब्दों से फासिस्टों को चिढ़ है। उन्होंने कहा कि अब जनता को तय करना होगा कि उन्हें नए समाज परिवर्तन का स्वप्न वाला हिंदुस्तान बनाना है या इन फिरका परस्तों के समक्ष आत्मसमर्पण करना है। सरकार पर कटाक्ष करते हुए संदीप भाई ने कहा कि सत्ता की हनक में सर्व सेवा संघ के भवन को तो बुल्डोजर से ध्वस्त कर सकते हो, लेकिन गांधी का विचार नहीं मिटा सकते। यह विचार पुरी दुनिया में फैल चुका है।

यात्रा की संयोजिका गुड्डी ने कहा कि गांधीवाद के विचार से ही पुरानी सोच के कटटरपंथी ताकतें घबड़ाती हैं। इसलिए उन सभी संस्थानों, व्यक्तियों को निशाना बनाया जा रहा है। समय रहते हमे चेतना होगा। संघ के भवन को गिराने की निंदा करते हुए कहा कि 2024 में मोदी सरकार को हटाना हमारा लक्ष्य होना चाहिए।

बनारस में चल रही यात्रा के संयोजक नन्दलाल मास्टर ने कहा कि एक तरफ विकराल महंगाई, बेरोजगारी बढ़ती जा रही है और दूसरी तरफ यह कॉर्पोरेट परस्त हुकूमत जन विरोधी नीतियों को थोप कर जनता की परेशानी में और इजाफा कर रही है। छात्र नौजवान बेरोजगार घूम रहा है। गांव समाज में हिन्दू मुस्लिम भेदभाव और घृणा बढ़ रही है। सबको खिलाने वाला किसान खुद भूखे पेट खुदकुशी करने को मजबूर हो रहा है।संविधान के वास्ते, गांधी के रास्ते यात्रा में दिल्ली, महाराष्ट्र, कर्नाटक, बंगाल, बिहार, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, उत्तराखंड से प्रतिनिधियों ने शिरकत की।

प्रेरणा कला मंच के रंगकर्मियों ने जनगीत सुनाए। कार्यक्रम का संचालन नन्दलाल मास्टर ने और अध्यक्षता चंदन पाल की। जनपंचायत में प्रमुख रूप से रामधीरज भाई , डॉ नीति भाई , अफलातून , रंजू सिंह , सोनी, अनिता ,पूनम शर्मिला , जागृति राही , वल्लभाचार्य पांडेय , सुरेंद्र , युद्धेश, राजेश , रामजनम , पारमिता , मैत्री , डॉ इंदु पांडेय , मुस्तफा , चौधरी राजेंद्र , डॉ अनूप श्रमिक , मनीष शर्मा , रवि शेखर , भगवान अवघड़े, तनूजा, झूला अमोल संकूडे, उत्तराखंड से जबरसिंह वर्मा, राजेश कुमार, बिहार से रविंद्र कुमार, अनुपम आशिश, बैंगलोर से क्लाईमस संजीव सिंह , कन्हैया, धनञ्जय आदि शामिल थे।

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