फिल्मी सितारों को दर्शकों के साथ जोड़ने, वैश्विक सिनेमाई कलात्मकता का उत्सव
० संवाददाता द्वारा ०
नयी दिल्ली - 20 से 28 नवंबर तक गोवा में होने जा रहे 54वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में ब्लॉकबस्टर फ़िल्मों और वेब सीरीज़ का भव्य मेला दिखने वाला है। इफ्फी महोत्सव के लिए राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम लिमिटेड (एनएफडीसी) "गाला प्रीमियरों" का फिल्मी सितारों को दर्शकों के साथ जोड़ने, वैश्विक सिनेमाई कलात्मकता का उत्सव मनाने और इस महोत्सव के मूल सिद्धांतों को बरकरार रखते हुए फिल्मों की शानदार शृंखला सामने लाने के लिए इस सेगमेंट को बेहद सतर्कता से तैयार किया गया है।
नयी दिल्ली - 20 से 28 नवंबर तक गोवा में होने जा रहे 54वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में ब्लॉकबस्टर फ़िल्मों और वेब सीरीज़ का भव्य मेला दिखने वाला है। इफ्फी महोत्सव के लिए राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम लिमिटेड (एनएफडीसी) "गाला प्रीमियरों" का फिल्मी सितारों को दर्शकों के साथ जोड़ने, वैश्विक सिनेमाई कलात्मकता का उत्सव मनाने और इस महोत्सव के मूल सिद्धांतों को बरकरार रखते हुए फिल्मों की शानदार शृंखला सामने लाने के लिए इस सेगमेंट को बेहद सतर्कता से तैयार किया गया है।
इफ्फी में कई फीचर फ़िल्मों के वर्ल्ड प्रीमियर होंगे। इनमें युवा अभिनेताओं से युक्त और सलमान खान द्वारा निर्मित 'फर्रे' (हिंदी); अरविंद स्वामी, विजय सेतुपति और अदिति राव हैदरी अभिनीत और ए.आर. रहमान द्वारा संगीतबद्ध 'गांधी टॉक्स' (साइलेंट); पंकज त्रिपाठी और पार्वती थिरुवोथु द्वारा अभिनीत 'कड़क सिंह' (हिंदी); सिद्धार्थ रंधेरिया अभिनीत ‘हर्री ओम हर्री’ (गुजराती); नवाजुद्दीन सिद्दीकी अभिनीत ‘रौतू की बेली’ (हिंदी);
विजय राघवेंद्र अभिनीत 'ग्रे गेम्स' (कन्नड़); और अमेज़ॅन ओरिजिनल्स की दो सीरीज - नाग चैतन्य, पार्वती थिरुवोथु अभिनीत 'दूता' (तेलुगु) और आर्या अभिनीत 'द विलेज' (तमिल) शामिल हैं। इसके अलावा अक्षय ओबेरॉय और उर्वशी रौतेला अभिनीत 'दिल है ग्रे' (हिंदी) और तरसेम सिंह की 'डियर जस्सी' (पंजाबी) का एशिया प्रीमियर भी होने वाला है।
फिल्म 'ऐ वतन मेरे वतन' का विशेष प्रदर्शन किया जाएगा, जहां करण जौहर और सारा अली खान के बीच बातचीत का सत्र होगा। सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, “मैं सलमान खान द्वारा निर्मित 'फर्रे', अरविंद स्वामी और विजय सेतुपति के साथ ज़ी बैनर द्वारा निर्मित 'गांधी टॉक्स', पंकज त्रिपाठी अभिनीत 'कड़क सिंह', नाग चैतन्य और पार्वती थिरुवोथु के साथ अमेज़ॅन ओरिजिनल्स की सीरीज 'दूता', आर्या और दिव्या पिल्लई अभिनीत 'द विलेज' के काबिल अभिनेताओं और प्रतिष्ठित फिल्मकारों तथा ए.आर. रहमान और उर्वशी रौतेला सहित अन्य प्रसिद्ध कलाकारों का तहेदिल से स्वागत करता हूं।
फिल्म 'ऐ वतन मेरे वतन' का विशेष प्रदर्शन किया जाएगा, जहां करण जौहर और सारा अली खान के बीच बातचीत का सत्र होगा। सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, “मैं सलमान खान द्वारा निर्मित 'फर्रे', अरविंद स्वामी और विजय सेतुपति के साथ ज़ी बैनर द्वारा निर्मित 'गांधी टॉक्स', पंकज त्रिपाठी अभिनीत 'कड़क सिंह', नाग चैतन्य और पार्वती थिरुवोथु के साथ अमेज़ॅन ओरिजिनल्स की सीरीज 'दूता', आर्या और दिव्या पिल्लई अभिनीत 'द विलेज' के काबिल अभिनेताओं और प्रतिष्ठित फिल्मकारों तथा ए.आर. रहमान और उर्वशी रौतेला सहित अन्य प्रसिद्ध कलाकारों का तहेदिल से स्वागत करता हूं।
प्रसिद्ध तरसेम सिंह की मौजूदगी इस सिनेमाई मेले में उत्कृष्टता का एक और स्पर्श जोड़ती है। गाला प्रीमियर हमारे नवीनतम अभियान 'मेरी मिट्टी मेरा देश' के अनुरूप उत्तर, पूर्व, दक्षिण और पश्चिम की मिट्टी के सिनेमा का उत्सव मनाता है। साथ मिलकर, हम गोवा में सर्वोत्कृष्ट सिनेमा के जादू को सेलिब्रेट करते हैं।"
एनएफडीसी के एमडी और महोत्सव निदेशक पृथुल कुमार ने कहा, ''हम दुनिया भर के सिनेमा की कला का जश्न मनाने के लिए इफ्फी में इकट्ठा हो रहे हैं और इस वक्त हमें स्मृति होती है कि फिल्म एक ऐसी सार्वभौमिक भाषा है जो सीमाओं और संस्कृतियों से भी परे जाती है। गाला प्रीमियर सेगमेंट स्टोरीटेलिंग की ताकत का एक प्रमाण है, और हम इन अनूठी फिल्मों को प्रस्तुत करते हुए सम्मानित महसूस कर रहे हैं जो दर्शकों को प्रेरित और भावुक करेंगी। हमारी कामना है कि सिल्वर स्क्रीन का यह जादू हमें स्टोरीटेलिंग के आनंद में एकजुट करे।”
सौमेंद्र पधी द्वारा निर्देशित "फर्रे" एक थ्रिल भरी यात्रा का वादा करती है, वहीं किशोर पांडुरंग बेलेकर की "गांधी टॉक्स" एक सामाजिक टिप्पणी करती है और व्यापक तौर पर पूंजीवाद, नस्लवाद और सामाजिक गहराइयों में गोता लगाती है। इसमें हिंदू पौराणिक कथाओं और समुद्र मंथन की कहानी के दिलचस्प संदर्भ भी हैं।
अनिरुद्ध रॉय चौधरी द्वारा निर्देशित फिल्म "कड़क सिंह" वित्तीय अपराध विभाग के एक अधिकारी ए. के. श्रीवास्तव की कहानी है जिसे भूलने की बीमारी 'रेट्रोग्रेड एम्नीशिया' हैं। अपनी इस हालत के बावजूद वह चिट फंड घोटाले के जटिल मामले को अलग-अलग दृष्टिकोण सुनकर सुलझाता है कि वह कौन था और अस्पताल में कैसे पहुंचा। मिलिंद राऊ द्वारा निर्देशित "द विलेज" दर्शकों को एक रोड ट्रिप पर ले जाती है, जो तब भयावह हो जाती है जब एक परिवार, म्यूटेंट्स के एक समूह का शिकार हो जाता है।
"हर्री ओम हर्री," "डियर जस्सी," "रौतू की बेली," "दूता," "दिल है ग्रे," और "ग्रे गेम्स" जैसी कई उल्लेखनीय फिल्मों के साथ 54वें इफ्फी महोत्सव का गाला प्रीमियर सेक्शन ऐसा विविधता भरा और मनोरम सिनेमाई अनुभव प्रदान करता है जो तय धारणाओं को चुनौती देता है, मानवीय भावनाओं को टटोलता है और सस्पेंस तथा मिस्ट्री में गोते लगाता है।
54वां भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (इफ्फी) दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण फिल्म महोत्सवों में से एक है जो विश्व सिनेमा की सर्वश्रेष्ठ फ़िल्मों का प्रदर्शन करता है। यह महोत्सव स्थापित और उभरते दोनों तरह के फिल्मकारों को मंच प्रदान करता है जहां वे अपना असाधारण काम वैश्विक दर्शकों के साथ साझा कर पाते हैं। विविध फिल्मों और कार्यक्रमों के साथ इफ्फी सिनेमा की कला का जश्न मनाने और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने को प्रतिबद्ध है।
एनएफडीसी के एमडी और महोत्सव निदेशक पृथुल कुमार ने कहा, ''हम दुनिया भर के सिनेमा की कला का जश्न मनाने के लिए इफ्फी में इकट्ठा हो रहे हैं और इस वक्त हमें स्मृति होती है कि फिल्म एक ऐसी सार्वभौमिक भाषा है जो सीमाओं और संस्कृतियों से भी परे जाती है। गाला प्रीमियर सेगमेंट स्टोरीटेलिंग की ताकत का एक प्रमाण है, और हम इन अनूठी फिल्मों को प्रस्तुत करते हुए सम्मानित महसूस कर रहे हैं जो दर्शकों को प्रेरित और भावुक करेंगी। हमारी कामना है कि सिल्वर स्क्रीन का यह जादू हमें स्टोरीटेलिंग के आनंद में एकजुट करे।”
सौमेंद्र पधी द्वारा निर्देशित "फर्रे" एक थ्रिल भरी यात्रा का वादा करती है, वहीं किशोर पांडुरंग बेलेकर की "गांधी टॉक्स" एक सामाजिक टिप्पणी करती है और व्यापक तौर पर पूंजीवाद, नस्लवाद और सामाजिक गहराइयों में गोता लगाती है। इसमें हिंदू पौराणिक कथाओं और समुद्र मंथन की कहानी के दिलचस्प संदर्भ भी हैं।
अनिरुद्ध रॉय चौधरी द्वारा निर्देशित फिल्म "कड़क सिंह" वित्तीय अपराध विभाग के एक अधिकारी ए. के. श्रीवास्तव की कहानी है जिसे भूलने की बीमारी 'रेट्रोग्रेड एम्नीशिया' हैं। अपनी इस हालत के बावजूद वह चिट फंड घोटाले के जटिल मामले को अलग-अलग दृष्टिकोण सुनकर सुलझाता है कि वह कौन था और अस्पताल में कैसे पहुंचा। मिलिंद राऊ द्वारा निर्देशित "द विलेज" दर्शकों को एक रोड ट्रिप पर ले जाती है, जो तब भयावह हो जाती है जब एक परिवार, म्यूटेंट्स के एक समूह का शिकार हो जाता है।
"हर्री ओम हर्री," "डियर जस्सी," "रौतू की बेली," "दूता," "दिल है ग्रे," और "ग्रे गेम्स" जैसी कई उल्लेखनीय फिल्मों के साथ 54वें इफ्फी महोत्सव का गाला प्रीमियर सेक्शन ऐसा विविधता भरा और मनोरम सिनेमाई अनुभव प्रदान करता है जो तय धारणाओं को चुनौती देता है, मानवीय भावनाओं को टटोलता है और सस्पेंस तथा मिस्ट्री में गोते लगाता है।
54वां भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (इफ्फी) दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण फिल्म महोत्सवों में से एक है जो विश्व सिनेमा की सर्वश्रेष्ठ फ़िल्मों का प्रदर्शन करता है। यह महोत्सव स्थापित और उभरते दोनों तरह के फिल्मकारों को मंच प्रदान करता है जहां वे अपना असाधारण काम वैश्विक दर्शकों के साथ साझा कर पाते हैं। विविध फिल्मों और कार्यक्रमों के साथ इफ्फी सिनेमा की कला का जश्न मनाने और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने को प्रतिबद्ध है।
सीधे ओटीटी पर प्रदर्शित होने वाली सीरीज और अप्रदर्शित फिल्में इस महोत्सव के दर्शकों के लिए अपना कॉन्टेंट प्रीमियर करने को लेकर उत्साहित हैं। सबसे पहले इन्हें देखने के लिए पंजीकरण करवाने वाले दर्शकों का उत्साह एक ऐसी नवीनता है जिसे इफ्फी इस बार फिर से लाने जा रहा है।
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