गीता जयन्ती पर होगा 1 लाख गीताप्रेमियों द्वारा 42 घंटों तक अखण्ड गीता पाठ

० आशा पटेल ० 
जयपुर। विश्व इतिहास में पहली बार अद्भुत घटना इस गीता जयन्ती पर होने वाली है जब गीता परिवार के तत्त्वाधान में विश्व के 180 देशों से एक लाख गीताप्रेमियों द्वारा लगातार 42 घंटों तक ऑनलाइन अखण्ड अष्टादश गीता पारायण जिसमें सम्पूर्ण श्रीमद्भगवदगीता के 18 अध्यायों का 18 बार शुद्ध संस्कृत पारायण किया जायेगा। श्रीमद्भगवद्गीता का प्राकट्य मोक्षदा एकादशी के दिन आज से 5160 वर्ष पूर्व हुआ था। इस वर्ष मोक्षदा एकादशी 22-23 दिसम्बर को रहेगी।

 इस अवसर पर गीता परिवार द्वारा गीता के सम्पूर्ण 18 अध्यायों का 18 बार अखण्ड पारायण ऑनलाइन ज़ूम एप्प पर 180 देशों के हिन्दी, अंग्रेजी, मराठी, गुजराती, बांग्ला, कन्नड़, तमिल, तेलुगु, उड़िया, नेपाली, असमिया, मलयालम, सिंधी भाषाओं के 1 लाख से भी अधिक गीता प्रेमियों के द्वारा किया जायेगा। कोई भी भक्तगण अपने स्थान से अपने समय की सुविधा से इस पारायण से Learngeeta.com एवं गीता परिवार के यूट्यूब चैनल Geeta Pariwar के माध्यम से लाइव जुड़ सकेंगे।

श्रीराममन्दिर जन्मभूमि के कोषाध्यक्ष व गीता परिवार के संस्थापक प.पू. स्वामी श्रीगोविन्ददेव गिरि जी महाराज द्वारा इस कार्यक्रम का शुभारम्भ किया जायेगा। विदित है कि वर्ष 1986 में संस्थापित गीता परिवार के लर्नगीता उपक्रम के अंतर्गत वर्तमान समय में विश्व की सबसे बड़ी गीता कक्षा पूर्णतः निःशुल्क चलायी जा रही है। जिसमें नित्य ज़ूम ऑनलाइन माध्यम से 8 लाख से अधिक लोग हिन्दी, अंग्रेजी, मराठी, गुजराती, बांग्ला, कन्नड़, तमिल, तेलुगु, उड़िया, नेपाली, 

असमिया, मलयालम, सिंधी आदि 13 भाषाओं में प्रातः 5 बजे से रात्रि 2 बजे तक 19 समय सत्रों में 8000 निष्काम गीता सेवियों द्वारा नित्य 2000 से भी अधिक ज़ूम कक्षाओं में निःशुल्क गीता सीख रहे हैं। 2020 में आरम्भ हुये लर्नगीता उपक्रम में तीन वर्ष में ही 3 वर्ष से लेकर 93 वर्ष तक के हज़ारों हज़ार लोग सम्पूर्ण गीता कण्ठस्थ कर चुके हैं।

श्रीभगवान ने स्वयं गीता के 18वें अध्याय के 68वें 69वें श्लोक में कहा है कि गीता पढ़ने और पढ़ाने वाले सभी लोग भगवान को अत्यंत प्रिय हो जाते हैं। गीता जयन्ती के उत्तम अवसर पर ऑनलाइन Learngeeta.com पर घर बैठे जुड़कर इस महायज्ञ में गीता के अध्यायों का पठन कर अलौकिक आनंद का अनुभव कर सकते हैं। स्क्रीन पर लिखित रूप में श्लोक रहेंगे। ऑनलाइन के अतिरिक्त ऑफलाइन भी देश विदेश में 1000 से भी अधिक स्थानों पर भक्तगण एकत्रित होकर गीता पारायण करेंगे। 

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