मिथिलांचल की भाषा,कला,संस्कृति की पहचान के लिए विद्यापति पर्व समारोह

० आरिफ जमाल ० 
नयी दिल्ली : बिहार के मिथिलांचल की भाषा,संस्कृति और कला का प्रदर्शन दिल्ली के द्वारका सेक्टर 7 के { पालम } दादा देव मेला ग्राउंड में भव्य रूप से आयोजित किया गया।। जन जागृति मंच द्वारा,मैथिली,भोजपुरी अकादमी,दिल्ली के सौजन्य से विद्यापति पर्व समारोह के रूप में मनाया गया।। जिस में मिथिलांचल के लोगों ने उत्साह के साथ अपनी भाषा,संस्कृति तथा कला का प्रदर्शन किया। इस भव्य आयोजन में दिल्ली तथा आसपास के मैथिली भाषा के लोगों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया और इस कार्यक्रम में अपनी भाषा संस्कृति की प्रदर्शनी लगाई 

साथ दैनिक उपयोग में आने वाली कला,खानपान के अलावा शादी ब्याह में दैनिक तथा रीति रिवाज के सामानों का भी प्रदर्शन किया। जान जाग्रति मंच काफी समय से मैथिलि भाषा भाषी के लोगों को जोड़ने और उनकी भाषा ,संस्कृति को लेकर अपना जन अभियान चला रही है और उनके बीच कार्य कर रही है।
इस अवसर पर लोगों ने बताया कि मिथिलांचल एक अलग राज्य होना चाहिए ताकि मिथिलांचल की भाषा,संस्कृति तथा कला को विश्व स्तर पर अलग पहचान मिल सके और इसकी पहचान के लिए हम राज्य तथा केंद्र सरकार से इस धरोहर को बचाने के लिए जरूर प्रयास करने की मांग करते हैं.

टिप्पणियाँ

जहान ने कहा…
आपने मिथिलांचल के बारे में बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारी सांझा की है। यह जानकारी मिथिला को समझने में उसको जानने में बहुत उपयोगी है खासकर उनके लिए जो मिथिलांचल की आत्मा से अनभिज्ञ हैं।

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

उर्दू अकादमी दिल्ली के उर्दू साक्षरता केंद्रों की बहाली के लिए आभार

"मुंशी प्रेमचंद के कथा -साहित्य का नारी -विमर्श"

स्वास्थ्य कल्याण होम्योपैथी व योगा कॉलेजों के दीक्षांत में मिली डिग्रियां

वाणी का डिक्टेटर – कबीर