मुस्लिम काउंसिल ऑफ इंडिया ने मजदूरों की जान बचाने वाले जांबाज मजदूरों का किया सम्मान
० नूरुद्दीन अंसारी ०
नई दिल्ली - जब सारी कोशिशें नाकाम हो गई और मशीनों ने जवाब दे दिया तब जिन मजदूरों ने दिन रात मेहनत करके उत्तरकाशी टनल में फंसे 41 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला उन्हें मुस्लिम काउंसिल ऑफ इंडिया ने सम्मानित किया और इनके बहादुरी भरे कारनामे को सलाम पेश किया। मुस्लिम काउंसिल आफ इंडिया की ओर से सर्टिफिकेट्स देकर सम्मानित किया गया और इनको शाबाशी दी। ज्ञात रहे कि पिछले महीने उत्तरकाशी निर्माणाधीन एक टनल में 41 मजदूर फंस गए थे
नई दिल्ली - जब सारी कोशिशें नाकाम हो गई और मशीनों ने जवाब दे दिया तब जिन मजदूरों ने दिन रात मेहनत करके उत्तरकाशी टनल में फंसे 41 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला उन्हें मुस्लिम काउंसिल ऑफ इंडिया ने सम्मानित किया और इनके बहादुरी भरे कारनामे को सलाम पेश किया। मुस्लिम काउंसिल आफ इंडिया की ओर से सर्टिफिकेट्स देकर सम्मानित किया गया और इनको शाबाशी दी। ज्ञात रहे कि पिछले महीने उत्तरकाशी निर्माणाधीन एक टनल में 41 मजदूर फंस गए थे
जिनको बाहर निकालने के लिए देश-विदेश से बहुत कोशिश करने के बावजूद भी वापस नहीं निकाला जा सका था। फिर 17 दिनों की निरंतर कोशिश के बाद इन 12 मजदूरों को यह टास्क दिया गया जिनको इन जांबाज मजदूरों ने बड़ी मेहनत और लगन के साथ अपनी जान की परवाह न करते हुए, बग़ैर किसी भेदभाव के अंजाम दिया, जिसकी वजह से आज हिंदुस्तान ही नहीं दूसरे देशों में भी उनके कामों की चर्चा और प्रशंसा हो रही है।
इन 12 मजदूरों की टीम के लीडर मुन्ना कुरैशी, वकील हसन रंगरेज भी इस सम्मान समारोह में शामिल रहे। मुस्लिम काउंसिल आफ इंडिया के अध्यक्ष मौलाना अब्दुल रशीद ने इस अवसर पर अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि यह कोई तकरीर या भाषण का काम नहीं है बल्कि मानवता के लिए इन्होंने जो काम किया है उसकी जितनी तारीफ़ की जाए कम है। हम अपने आप में गौरव महसूस कर रहे हैं कि हमें इन लोगों को सम्मानित करने का मौका मिला।
मुस्लिम काउंसिल आफ इंडिया के इस सम्मान समारोह में अनेक बुद्धिजीवी, लेखक पत्रकार और गणमान्य नागरिकों ने भाग लिया। वेबवार्ता के संपादक सईद अहमद,वरिष्ठ पत्रकार शाहिद अहमद, लतीफ भाई, शमशाद अली मसूदी, रिज़वान खान प्रमुख रूप से शामिल रहे। संचालन मशहूर संपादक जावेद रहमानी ने किया। सिम्स के डायरेक्टर मोहम्मद बिलाल इस पूरे समारोह के संयोजक रहे।
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