ऐतिहासिक समझौता बैंकिंग इतिहास में पहली बार बिना खडग बिना ढाल

० आशा पटेल ० 
जयपुर। 1986 से 12वें समझौते तक के वर्तमान एवं सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पेंशन में सुधार 5 दिवसीय बैंकिंग के लिए भारतीय बैंक संघ द्वारा केन्द्र सरकार को अनुशंसा कर दी है। बैंकिंग इतिहास में पिछले 11 द्विपक्षीय वेतन समझौते की तुलना में यह 12वाँ वेतन समझौता अनूठा, सर्वोत्तम एवं सबसे कम समय में सम्पन्न किया जाने वाला समझौता रहा। भारत सरकार के दिशा-निर्देशों पर बिना किसी संघर्ष के हड़ताल, बैंक कर्मचारी एवं संगठनों द्वारा विरोध प्रदर्शन एवं नाराजगी की संभावनाओं को नकारते हुऐ शातेि पूर्वक ढंग से सम्पन्न किया गया।
यह प्रथम अवसर है कि जब कर्मचारियों एवं उनके संगठनों को वेतन समझौते हेतु एक भी हड़ताल व विरोध प्रदर्शन नही करने पड़े और बैंककर्मियों की मांगों के अनुरूप वेतन, भत्तों एवं सुविधाओं में बढ़ोतरी का समझौता सम्पन्न हुआ। अभी तक कामरेड ट्रेड यूनियन्स द्वारा अपने निहित उद्देश्यों की पूर्ति एवं आकाओं के भरण पोषण के लिए वेतन समझौतों को लम्बे समय तक जबरन लटकाये रखा जाता था जिससे कर्मचारियों का एरियर अधिक बनता था एवं एरियर की राशि से भारी लेवी वसूली जाती थी। मोदी फेक्टर के चलते भारत सरकार के दृढ़, प्रभावशाली एवं सकारात्मक रवैये के कारण इन नेताओं के कुत्सित इरादे सफल नहीं हो सकें।

समझौते पर भारतीय बैंक संघ की ओर से वार्ता समिति के अध्यक्ष एम.वी. राव, सदस्य राकेश शर्मा एवं  रजनीक कनार्टक द्वारा; कामगार वार्ताकार संगठनों में एन.ओ.बी.डब्ल्यू., बेफी, एन.सी.बी.ई. एवं ए.आई.बी.ई.ए. के प्रतिनिधियों द्वारा तथा अधिकारी संगठनों से आईबोक, इनबोक एवं लोनों के प्रतिनिधियों द्वारा हस्ताक्षर किए गए।

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