नेशनल रेड रिबन क्विज कॉम्पीटिशन-2024 : स्वस्थ भारत में ही समृद्ध भारत की संकल्पना-शुभ्रा सिंह
जयपुर। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती शुभ्रा सिंह ने कहा कि स्वस्थ भारत में ही समृद्ध भारत की संकल्पना निहित है। हमारी युवा पीढ़ी को स्वस्थ जीवन शैली अपना कर राष्ट्र निर्माण में भागीदार बनना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने विकसित भारत की संकल्पना की है। उनका विजन है कि विकसित भारत के लिए आर्थिक उन्नति के साथ-साथ देश के नागरिकों का स्वस्थ होना भी आवश्यक है।
नाको के उप महाप्रबंधक डॉ. अनूप पुरी ने एड्स के कारणों, रोकथाम एवं बचाव के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि नाको के प्रयासों से एचआईवी से बचाव को लेकर जागरूकता बढ़ी है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में भारत में एचआईवी पब्लिक हैल्थ प्रॉब्लम नहीं बनेगा। समारोह के दौरान राज्य की 145 जेलों, सुधार गृहों, नारी निकेतन, नशा मुक्ति केंद्रों और बाल सम्प्रेषण गृहों में सभी बंदियों के सतत सामान्य स्वास्थ्य जांच और उपचार के साथ एचआईवी, हेपेटाइटिस, टीबी एवं सिफलिस आदि रोगों की जांच परामर्श एवं उपचार सेवाओं के लिए आईएसएचटीएच (इंटीग्रेटेड
श्रीमती सिंह राजस्थान इंटरनेशल सेंटर में राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर राजस्थान एड्स कंट्रोल सोसायटी की ओर से आयोजित नेशनल रेड रिबन क्विज कॉम्पीटिशन-2024 समारोह को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि एड्स एक जटिल बीमारी है। बचाव ही इसका मुख्य उपचार है। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी एड्स से बचाव के लिए जागरूकता पैदा करने में अहम भूमिका निभा सकती है।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि आज युवाओं के आदर्श महापुरूष स्वामी विवेकानंद की जयंती है। स्वामी विवेकानंदजी का व्यक्तित्व सबके लिए प्रेरणादायी है। युवा पीढ़ी को उनके बताए मार्ग का अनुसरण कर आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि युवा समाज की सबसे बड़ी पूंजी है। यह गर्व की बात है कि आज भारत सबसे युवा राष्ट्र है। हमारी इस युवा पीढ़ी को स्वास्थ्य के संकल्पों को अंगीकार करना चाहिए। श्रीमती सिंह ने कार्यक्रम के आयोजन के लिए राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (नाको) एवं राजस्थान एड्स कंट्रोल सोसायटी के पदाधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि ऐसे आयोजनों से इस लाइलाज बीमारी से बचाव का सकारात्मक संदेश जाता है और जागरूकता बढ़ती है।
महानिरीक्षक, जेल विक्रम सिंह ने कहा कि जेल एवं चिकित्सा विभाग के संयुक्त प्रयासों से जेल सुधार गृहों, नारी निकेतन, बाल सुधार गृहों एवं नशा मुक्ति केंद्रों में एचआईवी, सिफलिस, हैपेटाइटिस, टीबी आदि रोगों की रोकथाम के लिए सार्थक कदम उठाए जा रहे हैं। इस दिशा में प्रदेश में 3 लाख 50 हजार से अधिक बंदियों एवं आवासियों की जांच की गई है। इन रोगों से पीड़ित बंदियों को परामर्श एवं उपचार उपलब्ध करवाया गया है।
नाको के उप महाप्रबंधक डॉ. अनूप पुरी ने एड्स के कारणों, रोकथाम एवं बचाव के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि नाको के प्रयासों से एचआईवी से बचाव को लेकर जागरूकता बढ़ी है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में भारत में एचआईवी पब्लिक हैल्थ प्रॉब्लम नहीं बनेगा। समारोह के दौरान राज्य की 145 जेलों, सुधार गृहों, नारी निकेतन, नशा मुक्ति केंद्रों और बाल सम्प्रेषण गृहों में सभी बंदियों के सतत सामान्य स्वास्थ्य जांच और उपचार के साथ एचआईवी, हेपेटाइटिस, टीबी एवं सिफलिस आदि रोगों की जांच परामर्श एवं उपचार सेवाओं के लिए आईएसएचटीएच (इंटीग्रेटेड
एसटीआई, एचआईवी, टीबी एण्ड हेपेटाइटिस) अभियान का शुभारम्भ भी किया गया। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, राजस्थान एड्स कंट्रोल सोसायटी, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, जेल विभाग तथा बाल अधिकारिता विभाग के सहयेाग से यह अभियान 12 जनवरी से 28 फरवरी तक चलाया जाएगा। अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं अन्य अतिथियों ने इस अवसर पर नेशनल रेड रिबन क्विज कॉम्पीटिशन के विजेता प्रतिभागियों को नकद राशि एवं ट्रॉफी प्रदान कर पुरस्कृत भी किया।
प्रथम पुरस्कार मिजोरम, द्वितीय पुरस्कार तेलंगाना, तृतीय पुरस्कार उत्तराखण्ड एवं सांत्वना पुरस्कार पुदुचैरी की टीम को प्रदान किया गया। निदेशक एड्स डॉ. सुशील कुमार परमार ने स्वागत संबोधन दिया। इस अवसर पर निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ. रवि प्रकाश माथुर, नाको उप निदेशक डॉ. भावना राव, नाको के प्रतिनिधि, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी, विभिन्न राज्यों से आए प्रतिभागी एवं रेड रिबन क्लब के सदस्य उपस्थित थे।
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