26वां शहीद किसान स्मृति सम्मेलन : शहीद किसानों के परिजनों का सम्मान
० आशा पटेल ०
मुल्ताई । किसान संघर्ष समिति द्वारा आयोजित 26 वां शहीद किसान स्मृति सम्मेलन वरिष्ठ नत्थू डडोरे ग्राम परमंडल की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। सम्मेलन में शहीद किसानों के परिजनों के साथ-साथ किसान संघर्ष समिति के 70 वर्ष से अधिक आयु के 15 किसान नेताओं को सम्मानित किया गया। सम्मेलन में 50 सूत्रीय मुलतापी घोषणा पत्र जारी किया गया। सम्मेलन में संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रीय सम्मेलन में 26 जनवरी के ट्रैक्टर मार्च तथा दिल्ली कूच के कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर भागीदारी करने का निर्णय लिया गया।
सम्मेलन को संबोधित करते हुए डॉ सुनीलम ने कहा कि आजादी के 76 वर्ष बाद भी किसानों के साथ भेदभाव, लूट और दमन जारी है। किसानों को अपनी राजनीतिक ताकत खड़ी कर अपनी समस्याओं को हल कराना होगा। जब तक किसान अपने मुद्दों पर सरकारों को हराना और जिताना शुरू नहीं करेगा तब तक किसानों को हक और सम्मान नहीं मिलेगा।
डॉ सुनीलम ने कहा कि मुलताई के गांव गांव में नशा मुक्त भारत आंदोलन चलाया जाएगा तथा बड़ी संख्या में आंदोलन के कार्यकर्ता 3 मार्च को अमृतसर में होने वाले राष्ट्रीय सम्मेलन में शामिल होंगे। जगदीश दोड़के ने जिला अध्यक्ष के तौर पर घोषणा की कि हर महीने की 12 तारीख को किसी न किसी गांव में किसान पंचायत का आयोजन किया जाएगा हालांकि ऑनलाइन किसान महापंचायत भी जारी रहेगी।
मुल्ताई । किसान संघर्ष समिति द्वारा आयोजित 26 वां शहीद किसान स्मृति सम्मेलन वरिष्ठ नत्थू डडोरे ग्राम परमंडल की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। सम्मेलन में शहीद किसानों के परिजनों के साथ-साथ किसान संघर्ष समिति के 70 वर्ष से अधिक आयु के 15 किसान नेताओं को सम्मानित किया गया। सम्मेलन में 50 सूत्रीय मुलतापी घोषणा पत्र जारी किया गया। सम्मेलन में संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रीय सम्मेलन में 26 जनवरी के ट्रैक्टर मार्च तथा दिल्ली कूच के कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर भागीदारी करने का निर्णय लिया गया।
सम्मेलन में सभी फसलों की एमएसपी पर खरीद की कानूनी गारंटी लागू करने, सभी किसानों का सम्पूर्ण कर्जा माफी, प्रत्येक किसान परिवार के एक सदस्य को शासकीय नौकरी उपलब्ध कराने, कृषि योग्य भूमि के अधिग्रहण पर रोक लगाने की माँग की गई। सम्मेलन में मणिपुर हिंसा को समाप्त करने, फिलिस्तीन पर हमला करने वाले राष्ट्रों के प्रमुखों पर युद्ध अपराधी होने का मुकदमा चलाने वीवीपीएटी पर्चियों की 100% गिनती कराने संबंधी प्रस्ताव के साथ-साथ समाजवादी नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव को उनकी पहली पुण्यतिथि पर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
सम्मेलन के दौरान मुलताई विधानसभा क्षेत्र में सिंचाई के पानी की व्यवस्था को लेकर वर्धा जलाशय परियोजना, चंदोरा एवं वर्धा बांध परियोजना से विभिन्न ग्रामों में सिंचाई का पानी उपलब्ध कराने तथा परमंडल, भिलाई, मोही चांदोरा और वलनी को पाइप लाइन से सिंचाई का पानी उपलब्ध कराने की मांग विशेष तौर पर की गई। सम्मेलन में 24 शहीद किसानों की स्मृति में 30 प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत किया गया। इस बार सम्मेलन की विशेषता फलदार पौधों का वितरण रहा। विभिन्न ग्रामों से आए किसानों को फलदार वृक्ष वितरण करने के साथ-साथ परमंडल के सामुदायिक भवन परिसर में वृक्षारोपण किया गया।
सम्मेलन को दिल्ली से आए किसान संघर्ष समिति के राष्ट्रीय सचिव शशिभूषण चौहान, छतरपुर से किसान क्रांति के अध्यक्ष दिलीप शर्मा, किसान संघर्ष समिति के प्रदेश उपाध्यक्ष कटनी से डॉ एके खान एवं छिंदवाड़ा से एड.आराधना भार्गव, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के अभिनव गर्ग, आकृति गर्ग, देवास से आए किसंस के प्रदेश सचिव लीलाधर चौधरी, सिलवानी से आए प्रदेश सचिव श्रीराम सेन, सागर के जिला अध्यक्ष, पूर्व सैनिक अभिनय श्रीवास, किसान श्रमिक जनशक्ति यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष संदीप ठाकुर, सिवनी के जिला अध्यक्ष रामकुमार सनोडिया, पवन सनोडिया,
छिंदवाड़ा से सतीश जैन, श्रीकांत वैष्णव ग्वालियर जिला उपाध्यक्ष शत्रुघ्न यादव एवं बैतूल बाजार से डॉ राधिका वर्मा, शिवकुमार लोनारे, किसान आदिवासी संगठन केसला से फागराम, कपिल खंडेरवार, बैतूल जिला अध्यक्ष जगदीश दोड़के, तहसील अध्यक्ष कृपाल सिंह सिसोदिया, भैंसदेही तहसील अध्यक्ष मदन विजयकर, जिला उपाध्यक्ष लक्ष्मण बोरबन आदि ने संबोधित किया।
सम्मेलन को संबोधित करते हुए डॉ सुनीलम ने कहा कि आजादी के 76 वर्ष बाद भी किसानों के साथ भेदभाव, लूट और दमन जारी है। किसानों को अपनी राजनीतिक ताकत खड़ी कर अपनी समस्याओं को हल कराना होगा। जब तक किसान अपने मुद्दों पर सरकारों को हराना और जिताना शुरू नहीं करेगा तब तक किसानों को हक और सम्मान नहीं मिलेगा।
डॉ सुनीलम ने कहा कि मुलताई के गांव गांव में नशा मुक्त भारत आंदोलन चलाया जाएगा तथा बड़ी संख्या में आंदोलन के कार्यकर्ता 3 मार्च को अमृतसर में होने वाले राष्ट्रीय सम्मेलन में शामिल होंगे। जगदीश दोड़के ने जिला अध्यक्ष के तौर पर घोषणा की कि हर महीने की 12 तारीख को किसी न किसी गांव में किसान पंचायत का आयोजन किया जाएगा हालांकि ऑनलाइन किसान महापंचायत भी जारी रहेगी।
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