'एडवांसिंग हेल्थ केयर एनालिटिक्स फॉर बेटर हेल्थ आउटकम्स' पर नेशनल कॉन्फ्रेंस
० आशा पटेल ०
जयपुर, । आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी की ओर से 'एडवांसिंग हेल्थ केयर एनालिटिक्स फॉर बेटर हेल्थ आउटकम्स' विषय पर नेशनल कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई। इसमें देशभर से स्टूडेंट्स, रिसर्चर्स और इंडस्ट्री विशेषज्ञों सहित 500 से अधिक प्रतिनिधि शामिल हुए। आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी, जयपुर के प्रेसीडेंट डॉ. पी. आर. सोडानी द्वारा बताया कि आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी द्वारा स्कूल ऑफ डिजीटल हेल्थ की शुरूआत की गई है,
भारत सिरम्स एंड वैक्सीन्स लि के प्रबंध निदेशक एवं सीईओ संजीव नवांगुल ने कॉन्फ्रेंस में उन्होंने बेहतर स्वास्थ्य परिणामों को आकार देने में हेल्थ केयर एनालिटिक्स की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग (सीडीएसी) के प्रोजेक्ट डायरेक्टर डॉ. संजय सूद ने डिजिटल हेल्थ में बेहतरी के लिए रणनीतिक गठबंधनों की जानकारी दी, जिससे प्रतिभागियों को उभरते हुए परिदृश्य की व्यापक समझ मिली। डिजिटल हेल्थ और हेल्थ इन्फोर्मेटिक्स के विशेषज्ञ प्रोफेसर सुप्तेंद्र नाथ सर्बाधिकारी ने भारतीय हेल्थकेयर क्षेत्र में हो रहे डिजीटल बदलावों की जानकारी दी।
जयपुर, । आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी की ओर से 'एडवांसिंग हेल्थ केयर एनालिटिक्स फॉर बेटर हेल्थ आउटकम्स' विषय पर नेशनल कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई। इसमें देशभर से स्टूडेंट्स, रिसर्चर्स और इंडस्ट्री विशेषज्ञों सहित 500 से अधिक प्रतिनिधि शामिल हुए। आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी, जयपुर के प्रेसीडेंट डॉ. पी. आर. सोडानी द्वारा बताया कि आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी द्वारा स्कूल ऑफ डिजीटल हेल्थ की शुरूआत की गई है,
जहां हेल्थकेयर एनालिटिक्स क्षेत्र के भविष्य के लीडर्स को प्रशिक्षित किया जाएगा और देश का पहला एमबीए प्रोग्राम चलाया जाएगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हमने कोविड-19 से कई चीजें सीखी हैं, खासकर किफायती दरों पर स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच और उपलब्धता बढ़ाने के लिए तकनीक का उपयोग करना। डॉ. सोडानी ने कहा कि तेजी से बढ़ते स्वास्थ्य क्षेत्र का नेतृत्व एवं प्रबंधन करने के लिए वर्तमान में हेल्थकेयर एनालिटिक्स प्रोफेशनल्स की भारी मांग है। इस कॉन्फ्रेंस में दो टेक्निकल सैशन आयोजित किए गए। इनमें विषय 'डिजीटल ट्रांसफोर्मेशन ऑफ हेल्थ केयर इन इंडिया' और 'डेटा ड्राइवन हेल्थकेयर' थे।
भारत सिरम्स एंड वैक्सीन्स लि के प्रबंध निदेशक एवं सीईओ संजीव नवांगुल ने कॉन्फ्रेंस में उन्होंने बेहतर स्वास्थ्य परिणामों को आकार देने में हेल्थ केयर एनालिटिक्स की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग (सीडीएसी) के प्रोजेक्ट डायरेक्टर डॉ. संजय सूद ने डिजिटल हेल्थ में बेहतरी के लिए रणनीतिक गठबंधनों की जानकारी दी, जिससे प्रतिभागियों को उभरते हुए परिदृश्य की व्यापक समझ मिली। डिजिटल हेल्थ और हेल्थ इन्फोर्मेटिक्स के विशेषज्ञ प्रोफेसर सुप्तेंद्र नाथ सर्बाधिकारी ने भारतीय हेल्थकेयर क्षेत्र में हो रहे डिजीटल बदलावों की जानकारी दी।
महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ इंफॉर्मेटिक्स के पूर्व प्रिंसिपल मेजर जनरल (डॉ.) ए. के. सिंह (रिटायर्ड) ने हेल्थ केयर की परिवर्तनकारी यात्रा साझा की। एपीएएमआई व साथी एसएटीएचआई के प्रेसीडेंट डॉ. शशि भूषण गोगिया ने डेटा-ड्राइवन हेल्थकेयर क्षेत्र की गहन जानकारी साझा करते हुए इसकी क्षमताओं व चुनौतियों के बारे में बताया। एडवांस डिजिटल सॉल्यूशन के को-फाउंडर व वाइस प्रेसीडेंट (प्रोडक्ट्स) दर्शित उपाध्याय ने डिजिटल हेल्थ और डेटा-ड्राइवन हेल्थ से जुड़े अपने अनुभव साझा किए।
कॉन्फ्रेंस के समन्वयक और आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ डिजिटल हेल्थ के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. स्वप्निल गढ़वे ने 'एडवांसिंग हेल्थ केयर एनालिटिक्स फॉर बैटर हैल्थ आउटकम्स' विषय पर आयोजित इस नेशनल कॉन्फ्रेंस के निष्कर्ष साझा किए। उन्होंने कहा कि यह कॉन्फ्रेंस नवाचार को आगे बढ़ाने और भारत में हेल्थ केयर के भविष्य को आकार देने का महत्वपूर्ण मंच साबित हुई है।
कॉन्फ्रेंस के दौरान इंडस्ट्री विशेषज्ञों, विचारकों और शिक्षा जगत के प्रमुख व्यक्तियों द्वारा हेल्थ केयर एनालिटिक्स की परिवर्तनकारी शक्ति पर गहन चर्चा की गई। प्रतिभागियों द्वारा भारत में हेल्थ केयर क्षेत्र के भविष्य को आकार देने वाले कई महत्वपूर्ण विषयों पर विचार-विमर्श किया गया, जिनमें डेटा की ताकत, हेल्थ डेटा के उपयोग की रणनीति, पर्सनलाइज्ड मेडिसिन और पैशेंट आउटकम्स बढ़ाना कुछ प्रमुख विषय थे।
कॉन्फ्रेंस के दौरान इंडस्ट्री विशेषज्ञों, विचारकों और शिक्षा जगत के प्रमुख व्यक्तियों द्वारा हेल्थ केयर एनालिटिक्स की परिवर्तनकारी शक्ति पर गहन चर्चा की गई। प्रतिभागियों द्वारा भारत में हेल्थ केयर क्षेत्र के भविष्य को आकार देने वाले कई महत्वपूर्ण विषयों पर विचार-विमर्श किया गया, जिनमें डेटा की ताकत, हेल्थ डेटा के उपयोग की रणनीति, पर्सनलाइज्ड मेडिसिन और पैशेंट आउटकम्स बढ़ाना कुछ प्रमुख विषय थे।
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