राज्यपाल मिश्र को पुस्तक मूर्धन्य साहित्य सर्जक की प्रति भेंट
० आशा पटेल ०
जयपुर। राजधानी की साहित्यिक संस्था शब्द संसार के अध्यक्ष साहित्यकार श्रीकृष्ण शर्मा प्रणीत कृति 98 मूर्धन्य साहित्य सर्जक" की प्रति राजस्थान के राज्यपाल कलराज जी मिश्र को भेंट की गई। राज्यपाल ने हिन्दी साहित्य के उन्नयन के लिए इस प्रयास की सराहना की। राजभवन में राज्यपाल से भेंट के दौरान श्रीकृष्ण शर्मा की हिन्दी भाषा की शुद्ध वर्तनी के संदर्भ में भी चर्चा हुई। इस अवसर पर भाषाविद डा. नरेन्द्र शर्मा कुसुम ने पुस्तक में वर्णित साहित्यकारों के गीतों का उल्लेख करते हुए कहा कि अब लोकप्रिय सुमधुर गीतों की गति मंद हो गई है।
स्तम्भकार ललित शर्मा अकिंचन के अनुसार इस पुस्तक में बालकृष्ण राही, हेत प्रकाश जोशी, कन्हैयालाल सेठिया, रामनाथ कमलाकर, डॉ. गार्गी शरण मिश्र ,डॉ. नरेन्द्र शर्मा कुसुम, इकराम राजस्थानी, नीरु सक्सेना , गोपाल प्रसाद मुदगल, डा. मूलचंद पाठक एवं डा. फराज हामिदी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व को रेखांकित किया गया है।
जयपुर। राजधानी की साहित्यिक संस्था शब्द संसार के अध्यक्ष साहित्यकार श्रीकृष्ण शर्मा प्रणीत कृति 98 मूर्धन्य साहित्य सर्जक" की प्रति राजस्थान के राज्यपाल कलराज जी मिश्र को भेंट की गई। राज्यपाल ने हिन्दी साहित्य के उन्नयन के लिए इस प्रयास की सराहना की। राजभवन में राज्यपाल से भेंट के दौरान श्रीकृष्ण शर्मा की हिन्दी भाषा की शुद्ध वर्तनी के संदर्भ में भी चर्चा हुई। इस अवसर पर भाषाविद डा. नरेन्द्र शर्मा कुसुम ने पुस्तक में वर्णित साहित्यकारों के गीतों का उल्लेख करते हुए कहा कि अब लोकप्रिय सुमधुर गीतों की गति मंद हो गई है।
स्तम्भकार ललित शर्मा अकिंचन के अनुसार इस पुस्तक में बालकृष्ण राही, हेत प्रकाश जोशी, कन्हैयालाल सेठिया, रामनाथ कमलाकर, डॉ. गार्गी शरण मिश्र ,डॉ. नरेन्द्र शर्मा कुसुम, इकराम राजस्थानी, नीरु सक्सेना , गोपाल प्रसाद मुदगल, डा. मूलचंद पाठक एवं डा. फराज हामिदी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व को रेखांकित किया गया है।
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