जननायक कर्पूरी ठाकुर की जन्मशती पर भारत सरकार नवाजेगी भारतरत्न और उनके नाम से एक सिक्का भी जारी करेगी
० आशा पटेल ०
जननायक कर्पूरी ठाकुर के नाम पर उठी विश्वविद्यालय एवं शोध संस्थान की मांग। जननायक कर्पूरी ठाकुर की जन्म शती पर भारत सरकार नवाजेगी भारतरत्न से और साथ ही उनके नाम से एक सिक्का भी जारी करेगी। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी नेता कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया जायेगा..राष्ट्रपति भवन ने इसकी घोषणा की..जननायक कर्पूरी ठाकुर पिछड़े वर्गों के हितों अधिकारों की वकालत करने के लिए जाने जाते थे..जननायक ठाकुर दिसंबर-1970 से जून-1971 और दिसंबर-1977 से अप्रैल-1979 तक बिहार के मुख्यमंत्री रहे..!पटना । पटना में जगजीवन राम संसदीय अध्ययन एवं राजनीतिक शोध संस्थान, पटना के सभागार में जननायक कर्पूरी ठाकुर जन्मशताब्दी समारोह का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में देश के विभिन्न हिस्सों जैसे दिल्ली, मुंबई, बैंगलोर, हैदराबाद, नेपाल, कलकत्ता, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार सहित अन्य राज्यों के समाजवादी साथी शामिल हुए। जननायक कर्पूरी ठाकुर 23 जनवरी को सौ वर्ष पूरा हो रहा है। इस उपलक्ष्य में कर्पूरी ठाकुर और उनके विचारों पर विस्तृत रूप से चर्चा की गई। साथ ही समाजवादी साथियों ने यह मांग की कि कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न प्रदान किया जाय। उनके नाम पर एक शोध संस्थान तथा विश्वविद्यालय का भी निर्माण किया जाय।पूरे कार्यक्रम में, कर्पूरी जी के ऊपर तीन पुस्तक का लोकार्पण भी हुआ, जिसमें कर्पूरी के जीवन एवं उनके विचारों को विस्तृत रूप से उल्लेख किया गया है। पहले सत्र की अध्यक्षता पूर्व मंत्री श्याम रजक ने की। कार्यक्रम के पहले वक्ता प्रो. राजकुमार जैन जिन्होंने कर्पूरी के बारे में विस्तार से परिचय दिया। मंच से प्रो. आनन्द कुमार, श्री रामनाथ ठाकुर (एम.पी.), कर्नाटक से विधायक बी.आर. पाटिल, दिल्ली विश्वविद्यालय के डॉ. विनय भारद्वाज, हैदराबाद से गोपाल सिंह, सी.पी.आई.एम.एल. के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य, प्रफुल्ल सामंत राय ने अपने विचार रखे तथा कर्पूरी के विचारों को विस्तृत रूप से उल्लेख किया।
मंच का संचालन मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री रमाशंकर सिंह ने किया। दूसरे सत्र में, युवाओं ने अपने विचार रखे, जिसकी अध्यक्षता लखनऊ के शिल्पी चौधरी ने किया। युवा वक्ताओं ने अपनी बात रखी, जिसमें अनुपम कुमार, मिस गुड्डी, मार्टिना चक्रवर्ती, ई. संतोष यादव, ई. राजकुमार पासवान, प्रज्ञा सिंह ने अपने विचार व्यक्त किये। उन लोगों का मानना था कि आज की राजनीति में कर्पूरी ठाकुर के विचारों का बहुत बड़ा योगदान है । जब वर्तमान राजनीतिक दल उनके विचारों को समाज के नीचले तबके तक ले जाने का काम करेंगे। मंच का संचालन डॉ. रणधीर गौतम ने किया।
तीसरे सत्र में जदयू नेता के.सी. त्यागी, राजद नेता अब्दुल बारी सिद्धिकी, माइकल फर्नांडिस, पूर्व सांसद देवेन्द्र यादव, अरुण श्रीवास्तव, डॉ. सुनिलम ने अपने विचार व्यक्त किये। वक्ताओं ने कहा कि सिर्फ विरोध करने से किसी समस्या का समाधान नहीं होता। समस्याओं के स्थायी समाधान के लिए हमें जननायक कर्पूरी ठाकुर और राम मनोहर लोहिया के विचार को अपनाना होगा। मंच संचालन मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री रमाशंकर सिंह ने किया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ. अनिल ठाकुर ने किया।
कार्यक्रम में पूर्व सांसद राम कुमार शर्मा, अति पिछड़ा आयोग के सदस्य अरविन्द निषाद, गौतम सागर राणा, अखलाक अहमद, शंकर तिवारी, टी.एन. प्रकाश, महेन्द्र यादव, राजवीर पवार, विजय राजभर, शाहिद कमाल, रामेश्वर ठाकुर सहित कई बुद्धिजीवी उपस्थित थे।
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