राजस्थान में साइबर सुरक्षा की दृष्टि से सकारात्मक कदम उठाये जाएंगे
० आशा पटेल ०
हैकाथॉन में विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों, उद्योगों, रिसर्च लैबों और स्टार्टअप्स के 1665 प्रतिभागियों द्वारा पंजीयन करवाया गया है। इनमें लगभग 300 टीमें 12 साइबर सुरक्षा से संबंधित समस्याओं का समाधान निकालने के लिए 36 घंटे तक निरंतर काम करेंगी। हैकाथॉन के विजेताओं को विभिन्न श्रेणियां में कुल 20 लाख रु के नगद पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र प्रदान करने के साथ ही इच्छुक टीमों को राजस्थान पुलिस के इंटर्नशिप प्रोग्राम में शामिल किया जाएगा।
जयपुर। गृहमंत्री जवाहर सिंह बेढम ने कहा है कि राज्य सरकार की ओर से प्रदेश में साइबर सुरक्षा की दृष्टि से सकारात्मक कदम उठाये जाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश को अपराध मुक्त बनाने के साथ ही एक सुनहरे राजस्थान का निर्माण किया जायेगा। बेढम राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में राजस्थान पुलिस साइबर क्राइम अवेयरनेस मिशन के तहत आयोजित राजस्थान पुलिस हेकथान 1.0 के उदघाटन सत्र के मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे।
गृहराज्य मंत्री ने कहा कि वर्तमान परिवेश में सोशल मीडिया के उपयोग से अनेक सुविधाये तो बढ़ी है, लेकिन इससे संबंधित अपराधों में भी वृद्धि हुई है। विशेष रुप से मेवात क्षेत्र में बढ़े अपराधों पर रोक लगाने के लिये सार्थक प्रयासो की आवश्यकता है। उन्होंने सभी जिलों में साइबर विशेषज्ञ अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारियों के नेतृत्व में टीम गठित करने का सुझाव दिया। भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र के सीईओ राजेश कुमार ने बताया कि यह संस्थान देश में साइबर अपराध से समन्वित और व्यापक तरीके से निपटने के लिए भारत सरकार के गृह मंत्रालय की एक पहल है।
भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र नागरिकों के लिए साइबर अपराध से संबंधित सभी मुद्दों से निपटने पर ध्यान केंद्रित कर विभिन्न कानून प्रवर्तन एजेंसियों और हितधारकों के बीच समन्वय में सुधार करना, साइबर अपराध से निपटने के लिए देश की समग्र क्षमता में बदलाव लाना शामिल है। राजेश कुमार ने कहा कि साइबर अपराध से निपटने के लिए सभी स्तरों पर समन्वय की आवश्यकता होती है। उन्होंने बताया कि भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र देश में साइबर अपराध पर अंकुश लगाने के लिए एक नोडल बिंदु के रूप में कार्य कर रहा है।
भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र नागरिकों के लिए साइबर अपराध से संबंधित सभी मुद्दों से निपटने पर ध्यान केंद्रित कर विभिन्न कानून प्रवर्तन एजेंसियों और हितधारकों के बीच समन्वय में सुधार करना, साइबर अपराध से निपटने के लिए देश की समग्र क्षमता में बदलाव लाना शामिल है। राजेश कुमार ने कहा कि साइबर अपराध से निपटने के लिए सभी स्तरों पर समन्वय की आवश्यकता होती है। उन्होंने बताया कि भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र देश में साइबर अपराध पर अंकुश लगाने के लिए एक नोडल बिंदु के रूप में कार्य कर रहा है।
साइबर अपराध से संबंधित शिकायतों को आसानी से दर्ज करने और साइबर अपराध के रुझान और पैटर्न की पहचान करने की सुविधा प्रदान करना भी इस संस्था का उद्देश्य है। सक्रिय साइबर अपराध की रोकथाम और पता लगाने के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए एक प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली के रूप में कार्य करने साथ ही साइबर अपराध को रोकने के बारे में जनता के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए भी कार्य किया जा रहा है।
एसीएस गृह आनन्द कुमार ने कहा कि साइबर अपराध निरन्तर बढ़ता जा रहा है। उन्होंने कहा कि बढ़ते साइबर अपराध को रोकना रक बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि इन्हें नियंत्रित करने के लिए निरंतर नई तकनीक का उपयोग करना आवश्यक है। साथ ही पीड़ित व्यक्ति को उन्नत तकनीक से लाभान्वित करना मुख्य उद्देश्य है। साथ ही साइबर जागरूकता बढ़ाने की दिशा में भी गम्भीर प्रयासों की आवश्यकता है।
महानिदेशक पुलिस यू आर साहू ने कहा कि राजस्थान पुलिस हेकथान का शुभारंभ कर साइबर सुरक्षा की दृष्टि से अभिनव शुरुआत की जा रही है। उन्होंने बताया कि इस 2 दिवसीय हैकाथॉन में विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों, उद्योगों, रिसर्च लैबों और स्टार्टअप्स के 1665 प्रतिभागियों द्वारा पंजीयन करवाया गया है। इनमें लगभग 300 टीमें 12 साइबर सुरक्षा से संबंधित समस्याओं का समाधान निकालने के लिए 36 घंटे तक निरंतर काम करेंगी। हैकाथॉन के विजेताओं को विभिन्न श्रेणियां में कुल 20 लाख रु के नगद पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र प्रदान करने के साथ ही इच्छुक टीमों को राजस्थान पुलिस के इंटर्नशिप प्रोग्राम में शामिल किया जाएगा।
साहू ने कहा कि राजस्थान पुलिस प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति को बेहतर बनाने, महिलाओं सहित कमजोर वर्गों को त्वरित न्याय दिलाने एवं आमजन के जानमाल की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए संकल्पित होकर कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री जी के निर्देश पर एडीजी स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में राज्य स्तर पर एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स का गठन किया गया है। इसी प्रकार राज्य में विभिन्न परीक्षाओं में पेपर लीक से संबिंधत घटनाओं की रोकथाम एवं इस संबंध में दर्ज मामलों में त्वरित जांच व दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही के लिए भी एडीजी स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम का गठन किया गया है।
डीजीपी साइबर सुरक्षा डॉ रविप्रकाश मेहरड़ा ने अतिथियों का स्वागत करते हुए इस हेकथान के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि साइबर अपराध पुलिस के समक्ष निरन्तर चुनौती प्रस्तुत कर रहे हैं। पुलिस साइबर अपराध की रोकथाम के लिए तत्परता से कार्य कर रही हैं। लेकिन साइबर अपराधों की प्रभावी रोकथाम के लिए जनजागरूकता आवश्यक है। इसी जन जागरूकता को ध्यान में रखते हुए राजस्थान पुलिस द्वारा हेकथान का आयोजन किया गया है। इस आयोजन में अधिक से अधिक जनभागीदारी पर भी बल दिया गया है।
एडीजी मुख्यालय संजय अग्रवाल ने गृहमंत्री का इस आयोजन के उदघाटन करने के लिए पधारने पर धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने उपस्थित अतिथियों, प्रतिभागियों एवं विशषज्ञों का भी आभार जताया।
इस अवसर पर डीजीपी कानून व्यवस्थ राजीव शर्मा, डीजीपी राजेश निर्वाण, डीजीपी एसीबी हेमन्त प्रियदर्शी सहित वरिष्ठ पुलिस अधिकारी गण , प्रायोजक, विशेषज्ञ, छात्र छात्रएं उपस्थित रहे।
इस अवसर पर डीजीपी कानून व्यवस्थ राजीव शर्मा, डीजीपी राजेश निर्वाण, डीजीपी एसीबी हेमन्त प्रियदर्शी सहित वरिष्ठ पुलिस अधिकारी गण , प्रायोजक, विशेषज्ञ, छात्र छात्रएं उपस्थित रहे।
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