आईआईएचएमआर में 'हार्नसिंग जियोस्पेटिअल इंटेलिजेंस फॉर एडवांसिंग हेल्थकेयर ' पर हुईं कॉन्फ्रेंस
० आशा पटेल ०
जयपुर,। आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी, जयपुर की ओर से अपने कैंपस में 'हार्नसिंग जियोस्पेटिअल इंटेलिजेंस फॉर एडवांसिंग हेल्थ केयर इन राजस्थान' पर इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई। इसमें 200 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जिनमें स्टूडेंट, रिसर्चर, पॉलिसी मेकर, प्रोग्राम मैनेजर व इंडस्ट्री एक्सपर्ट शामिल थे।
आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी, जयपुर के प्रेसिडेंट डॉ. पी. आर. सोडानी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि हेल्थकेयर क्षेत्र का परिदृश्य डायनेमिक है, जो उभरते हुए डेमोग्राफिक पैटर्न, तकनीकी प्रगति और सुलभ, कुशल व उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाओं की लगातार बढ़ती मांग से युक्त है। हेल्थकेयर सुविधाओं की रणनीतिक योजना और प्रबंधन इन मांगों को पूरा करने एवं प्रत्येक जरूरतमंद पैशेंट की देखभाल की सुविधा सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाता है।
जियोस्पेटिअल इंटेलीजेंस तथा जीआईएस परिवर्तनकारी उपकरण के रूप में उभरे हैं, जो हेल्थकेयर फेसेलिटी की योजना व प्रबंधन के लिए स्थानिक रूप से सूचित दृष्टिकोण प्रदान करते हैं।आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी देश में हेल्थ मैनेजमेंट रिसर्च क्षेत्र का एक प्रमुख संस्थान रहा है और यह राजस्थान में हेल्थकेयर को आगे बढ़ाने हेतु जियोस्पेटिअल इंटेलीजेंस को बढ़ावा देने में लीडर की भूमिका निभा रही है। उन्होंने हेल्थकेयर के लिए जियोस्पेटिअल इंटेलीजेंस को बढ़ावा देने हेतु प्रमुख हितधारकों के बीच आपसी सहयोग और साझेदारी के महत्व पर जोर दिया डॉ. सोडानी ने आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी, जयपुर में जियो-हेल्थ एंड क्लाइमेट चेंज सेंटर खोलने की घोषणा भी की।
रीजनल रिमोट सेंसिंग सेंटर-नॉर्थ, एनआरएससी, नई दिल्ली के उप महाप्रबंधक डॉ. समीर सरन ने हेल्थकेयर संसाधनों के आवंटन और स्वास्थ्य से संबंधित नीति योजना में जियोस्पेटिअल टेक्नोलॉजी की भूमिका पर प्रकाश डाला। आईआईएचएमआर के ट्रस्टी-सचिव डॉ. एस. डी. गुप्ता ने स्वास्थ्य क्षेत्र में जीआईएस एप्लीकेशन और जीआईएस व पब्लिक हेल्थ को बांटने वाले क्षेत्रों के बारे में बताया।
यूनिसेफ राजस्थान के स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. अनिल अग्रवाल ने हेल्थकेयर क्षेत्र में जियोस्पेटिअल टेक्नोलॉजी के उभरते हुए भविष्य की जानकारी दी। जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली के प्रो डॉ. मिलाप पूनिया ने हेल्थ रिसर्च के क्षेत्र में जियोस्पेटिअल टेक्नोलॉजी के उभरते हुए दायरे पर अपने विचार साझा किए। बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ साइंटिफिक रिसर्च, जयपुर के रिमोट सेंसिंग डिवीजन के प्रमुख डॉ. एम. पी. पूनिया ने जियोस्पेटिअल टेक्नोलॉजी की मदद से हेल्थकेयर की पहुंच की दक्षता व समानता को अनुकूलित करने पर अपने विचार साझा किए। कॉन्फ्रेंस में कई विशिष्ट वक्ताओं के सैशन व चर्चाएं आयोजित की गई।
कॉन्फ्रेंस के तहत ‘एक्स्प्लोरिंग पोटेंशियल एरियाज फॉर कन्वर्जेंस, कोऑर्डिनेशन, एंड द प्रमोशन ऑफ जियोस्पेटिअल टेक्निक्स इन हेल्थकेयर प्रोग्राम इम्प्लीमेंटेशन, प्लानिंग, मॉनिटरिंग एंड इवेल्यूशन‘ विषय पर पैनल डिस्कशन आयोजित किया गया। कॉन्फ्रेंस की समन्वयक तथा आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. वर्षा तनु द्वारा इसका संचालन किया गया।
जयपुर,। आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी, जयपुर की ओर से अपने कैंपस में 'हार्नसिंग जियोस्पेटिअल इंटेलिजेंस फॉर एडवांसिंग हेल्थ केयर इन राजस्थान' पर इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई। इसमें 200 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जिनमें स्टूडेंट, रिसर्चर, पॉलिसी मेकर, प्रोग्राम मैनेजर व इंडस्ट्री एक्सपर्ट शामिल थे।
आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी, जयपुर के प्रेसिडेंट डॉ. पी. आर. सोडानी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि हेल्थकेयर क्षेत्र का परिदृश्य डायनेमिक है, जो उभरते हुए डेमोग्राफिक पैटर्न, तकनीकी प्रगति और सुलभ, कुशल व उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाओं की लगातार बढ़ती मांग से युक्त है। हेल्थकेयर सुविधाओं की रणनीतिक योजना और प्रबंधन इन मांगों को पूरा करने एवं प्रत्येक जरूरतमंद पैशेंट की देखभाल की सुविधा सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाता है।
जियोस्पेटिअल इंटेलीजेंस तथा जीआईएस परिवर्तनकारी उपकरण के रूप में उभरे हैं, जो हेल्थकेयर फेसेलिटी की योजना व प्रबंधन के लिए स्थानिक रूप से सूचित दृष्टिकोण प्रदान करते हैं।आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी देश में हेल्थ मैनेजमेंट रिसर्च क्षेत्र का एक प्रमुख संस्थान रहा है और यह राजस्थान में हेल्थकेयर को आगे बढ़ाने हेतु जियोस्पेटिअल इंटेलीजेंस को बढ़ावा देने में लीडर की भूमिका निभा रही है। उन्होंने हेल्थकेयर के लिए जियोस्पेटिअल इंटेलीजेंस को बढ़ावा देने हेतु प्रमुख हितधारकों के बीच आपसी सहयोग और साझेदारी के महत्व पर जोर दिया डॉ. सोडानी ने आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी, जयपुर में जियो-हेल्थ एंड क्लाइमेट चेंज सेंटर खोलने की घोषणा भी की।
रीजनल रिमोट सेंसिंग सेंटर-नॉर्थ, एनआरएससी, नई दिल्ली के उप महाप्रबंधक डॉ. समीर सरन ने हेल्थकेयर संसाधनों के आवंटन और स्वास्थ्य से संबंधित नीति योजना में जियोस्पेटिअल टेक्नोलॉजी की भूमिका पर प्रकाश डाला। आईआईएचएमआर के ट्रस्टी-सचिव डॉ. एस. डी. गुप्ता ने स्वास्थ्य क्षेत्र में जीआईएस एप्लीकेशन और जीआईएस व पब्लिक हेल्थ को बांटने वाले क्षेत्रों के बारे में बताया।
यूनिसेफ राजस्थान के स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. अनिल अग्रवाल ने हेल्थकेयर क्षेत्र में जियोस्पेटिअल टेक्नोलॉजी के उभरते हुए भविष्य की जानकारी दी। जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली के प्रो डॉ. मिलाप पूनिया ने हेल्थ रिसर्च के क्षेत्र में जियोस्पेटिअल टेक्नोलॉजी के उभरते हुए दायरे पर अपने विचार साझा किए। बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ साइंटिफिक रिसर्च, जयपुर के रिमोट सेंसिंग डिवीजन के प्रमुख डॉ. एम. पी. पूनिया ने जियोस्पेटिअल टेक्नोलॉजी की मदद से हेल्थकेयर की पहुंच की दक्षता व समानता को अनुकूलित करने पर अपने विचार साझा किए। कॉन्फ्रेंस में कई विशिष्ट वक्ताओं के सैशन व चर्चाएं आयोजित की गई।
कॉन्फ्रेंस के तहत ‘एक्स्प्लोरिंग पोटेंशियल एरियाज फॉर कन्वर्जेंस, कोऑर्डिनेशन, एंड द प्रमोशन ऑफ जियोस्पेटिअल टेक्निक्स इन हेल्थकेयर प्रोग्राम इम्प्लीमेंटेशन, प्लानिंग, मॉनिटरिंग एंड इवेल्यूशन‘ विषय पर पैनल डिस्कशन आयोजित किया गया। कॉन्फ्रेंस की समन्वयक तथा आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. वर्षा तनु द्वारा इसका संचालन किया गया।
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