अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को समझने की आवश्यकता : कुलपति प्रो.केजी. सुरेश

० योगेश भट्ट ० 
भोपाल - माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के माखनपुरम बिशनखेड़ी परिसर में आजाद भारत सनातन संघ (आभास) एवं यूथ कैंपस के संयुक्त तत्वाधान में विश्वविद्यालय में एक संगोष्ठी एवं राष्ट्र गौरव सम्मान का आयोजन किया गया। गणेश शंकर विद्यार्थी सभागार में संविधान, अभिव्यक्ति व आजादी विषय पर आयोजित संगोष्ठी के विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ पत्रकार राजेंद्र शर्मा थे । जबकि मुख्य वक्ता वरिष्ठ पत्रकार शरद द्विवेदी थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता विवि. के कुलपति प्रो. डॉ. के. जी. सुरेश ने की । 
कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार, समाजसेवी एवं विभिन्न क्षेत्रों में नाम रोशन करने वाली हस्तियों जिनमें गोपाल जैन, राकेश विदुवा, राममोहन चौकसे,  आरती शर्मा,  रुबी सरकार, योगेश साहू, शिवहर्ष शुहालका, डॉ. अरुण खोबरे को "राष्ट्र गौरव सम्मान" से सम्मानित किया गया । पत्रकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय, अनुकरणीय एवं उत्कृष्ट कार्य के लिए आभास संस्था द्वारा माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय को विशेष सम्मान से सम्मानित किया गया । यह सम्मान संस्था के अध्यक्ष धनराज गिरि ने कुलपति प्रो. डॉ. के. जी. सुरेश को सौंपा । इस अवसर पर पत्रकारिता विभाग द्वारा प्रकाशित समाचार पत्र विकल्प का भी विमोचन किया गया। कार्यक्रम में विद्यार्थियों ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी दीं।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो केजी सुरेश ने संविधान, अभिव्यक्ति व आजादी विषय पर कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को समझने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, समाज और राष्ट्र से बड़ी नहीं है । प्रो. सुरेश ने कहा कि बोलना तो सभी को आता है, लेकिन कब कहां बोलना है और नहीं बोलना है ये आना बहुत जरुरी है । उन्होंने वर्तमान दौर की भाषा पर चिंता प्रकट करते हुए एमसीयू में भाषा प्रयोगशाला की स्थापना करने की बात कही ।

मुख्य अतिथि वरिष्ठ पत्रकार राजेंद्र शर्मा ने कहा कि मेरा इस विश्वविद्यालय की स्थापना से ही नाता रहा है। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता का क्षेत्र अन्य क्षेत्रों से भिन्न होता है क्योंकि पत्रकारिता से समाज एवं राष्ट्र की सेवा की जाती है । उन्होंने कहा कि पत्रकारिता अन्याय के विरुद्ध लड़ाई लड़ने के लिए है ।  शर्मा ने कहा कि हमारा जन्म लेना तब सार्थक हो जाता है, जब हम पत्रकारिता के जरिए समाज एवं राष्ट्र की सेवा करें । उन्होंने वर्तमान समय की हिंदी पत्रकारिता में भाषा पर चिंता जताई । उन्होंने कहा कि यदि आज के युवा पत्रकार इन सब बातों का ध्यान रखकर पत्रकारिता करेंगे तो सही मायनों में यही दादा माखनलाल जी को सच्ची श्रृद्धांजली होगी ।

वरिष्ठ पत्रकार शरद द्विवेदी ने कहा कि हमारा संविधान अद्भुत है । उन्होंने कहा कि संविधान की शिक्षा प्राथमिक स्कूल से लेकर कॉलेज और विश्वविद्यालय स्तर तक दी जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारा संविधान, हमारी संस्कृति को रिफ्लेक्ट करता है।  द्विवेदी ने कहा कि भारत का संविधान मूल्यों एवं परंपराओं पर टिका है । उन्होंने कहा कि हमारा संविधान स्वतंत्रता, समानता, और बंधुता की बात करता है इसलिए हमें यह समझने आवश्यकता है।

 कार्यक्रम का संचालन सहायक प्राध्यापक लोकेंद्र सिंह राजपूत एवं आभार प्रदर्शन प्रो.शिवकुमार विवेक ने किया। कार्यक्रम में कुलपति प्रो. सुरेश ने वरिष्ठ पत्रकार राजेंद्र शर्मा एवं वरिष्ठ पत्रकार शरद द्विवेदी को स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया। इस अवसर पर विवि.के कुलसचिव डॉ. अविनाश वाजपेयी, गणमान्य नागरिक, विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, शिक्षक एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।

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