परमार्थ निकेतन में 36 वें अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव का उद्घाटन

० योगेश भट्ट ० 
ऋषिकेश। परमार्थ निकेतन में 36 वें अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव का उद्घाटन उत्तराखंड के राज्यपाल गुरमीत सिंह ने परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती, अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव की निदेशक साध्वी भगवती सरस्वती , विश्व के 25 देशों से आये योगाचार्यों और 75 देशों से आये योगियों के पावन सान्निध्य में दीप प्रज्वलित कर योग का शुभारम्भ किया। राज्यपाल गुरमीत सिंह ने वैश्विक योगी परिवार को सम्बोधित किया।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि योग पूरे विश्व को एक सूत्र में जोड़ता है और वर्तमान समय में योग केवल शरीर के लिये ही नहीं बल्कि वैश्विक संबंधों के लिये भी जरूरी है। योग वैश्विक शान्ति, प्रेम और अहिंसा की स्थापना का सर्वश्रेष्ठ उपकरण है। साध्वी भगवती सरस्वती ने कहा कि भारत, धैर्य की भूमि है। जब मैं भारत आयी तो जाना कि भारतीयों में धैर्य, सहनशीलता, शान्ति और उदारता के दिव्य गुण सहज रूप से उनके स्वभाव में है। पश्चिम की धरती पर कई बार इसकी कमी दिखायी पड़ती है। धीरे-धीरे जाना और समझा कि ये गुण तो इस राष्ट्र की संस्कृति में है जिन्हें अपनाने के लिये किसी क्रिया या प्रेक्टिस की जरूरत नहीं है यह तो एक स्वाभाविक गुण है जो योग; अध्यात्म और संस्कृति से आता है।
संयुक्त राज्य अमेरिका से आये प्रसिद्ध योगाचार्य गुरुशब्द सिंह खालसा ने ब्रह्म मुहूर्त में कुंडलिनी साधना, रिकवरी 2.0 के संस्थापक प्रसिद्ध योगाचार्य टॉमी रोजेन, विश्व प्रसिद्ध योगाचार्य किआ मिलर द्वारा पूर्ण मानसिक और शारीरिक कायाकल्प का अभ्यास कराया। योगाचार्य स्टीवर्ट गिलक्रिस्ट जो कि योग एलायंस प्रोफेशनल यूके के वरिष्ठ पंजीकृत योग शिक्षक, उन्होंने 200 घंटे, 500 घंटे के योग कोर्स के माध्यम से 400 से अधिक शिक्षकों को प्रशिक्षित किया है। 

उन्होंने कहा, पूज्य स्वामीजी ने शांति और प्रेम के बारे में बताया, मुझे लगता है यह संदेश रूस, यूक्रेन, इजराइल, फिलिस्तीन, अफगानिस्तान और पाकिस्तान आदि सभी देशों के लिये है। योग, अहिंसा और अपरिग्रह का संदेश देता है इसलिए योगी बनना जरूरी है। नॉर्वे की प्रतिभागी वेरोनिका वेदथ ने कहा कि ‘वेलनेस टॉक’’ मेरे लिये मुख्य आकर्षण का केन्द्र है। ल्यूक का सत्र बहुत ही स्पष्ट और प्रेरणादायक रहा। उन्होंने कहा परमाार्थ निकेतन आकर जाना कि जीवन को “बैलेंस’’ कैसे करना है। आप जो कुछ भी करते हैं उसमें संतुलन रखें।

इस वर्ष विश्व के 75 राष्ट्रों यथा भारत सहित, अफगानिस्तान, अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, बहरीन, बेल्जियम, बोस्निया और हेजेगोविना, ब्राजील, कनाडा, चिली, कोलंबिया, क्रोएशिया, साइप्रस, चेक रिपब्लिक, डेनमार्क, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, यूनान, आइसलैंड, इंडोनेशिया, इजराइल, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, लेबनान, लिथुआनिया, मालदीव, मेक्सिको,

 मोरक्को, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, नॉर्वे, ओमान, पैराग्वे, पेरू, फिलीपींस, पोलैंड, कतर, सिंगापुर, स्लोवाकिया, दक्षिण अफ्रीका, स्पेन, स्वीडन, स्विट्जरलैंड, ताइवान, टर्की, यूक्रेन, संयुक्त अरब अमीरात, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका, उरुग्वे, वेनेजुएला, स्पेन आदि अनेक देशों के प्रतिभागी सहभाग कर रहे है।

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