इंपीरियल चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों के लिये निशुल्क जाँच
० आशा पटेल ०
जयपुर। इंपीरियल चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री जयपुर द्वारा निष्काम समाज सेवा की दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए दिल्ली एन. सी. आर. की देशव्यापी एन जी ओ, गिफ़्ट (ग्लोबली इंटीग्रेटिड फॉउंडेशन फॉर थैलेसीमिया) के साथ मिलकर 29 मार्च को थैलेसीमिया ग्रस्त बच्चों के स्थाई इलाज (बोन मैरो ट्रांसप्लांट) की संभावना जानने के लिये निशुल्क "हाई रेज़ोल्यूशन, एच.एल.ए. टैस्ट शिविर" का आयोजन जयपुर के सुप्रसिद्ध दुर्लभजी मैमोरियल हॉस्पिटल में किया जा रहा है।
एच.एल.ए., यानि "ह्यूमैन ल्यूकोसाइट एंटीजैन"... साधारण भाषा में कहें तो एक प्रकार का डी.एन.ए. टैस्ट। यह टैस्ट उन थैलेसीमिक बच्चों या अन्य गम्भीर जानलेवा बीमारियों जैसे ब्लड कैंसर आदि से पीड़ित रोगियों के लिये अत्यंत आवश्यक है, जिनके ठीक होने का एकमात्र इलाज ऐलोजेनिक बोन मैरो ट्रांसप्लांट है। इस टैस्ट के बिना इन रोगियों का ऐलोजेनिक बोन मैरो ट्रांसप्लांट होना असंभव है।
शिविर में विशेष रूप से एस.डी.एम. एच अस्पताल के वरिष्ठ डॉ पीयूष माथुर व उनके अन्य साथियों के अलावा, विशेष रूप से गुरुग्राम (हरियाणा) से फोर्टिस मैमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट के बाल रक्त विकार, कैंसर एवं बोन मैरो ट्रांसप्लांट विभाग के प्रिंसिपल डायरेक्टर एवं हैड डॉ विकास दुआ व फरीदाबाद (हरियाणा) से गिफ़्ट संस्था के संस्थापक एवं अध्यक्ष मदन चावला शिरकत करेंगें।
डॉ विकास दुआ को 50 से अधिक देशों के मरीज़ों को देखने व लगभग 2000 बोन मैरो ट्रांसप्लांट्स का अनुभव है। मदन चावला के अनुसार जयपुर के शिविर से एकत्रित किये गए सैम्पल्स को जर्मनी में विश्वप्रसिद्ध जैनेटिक लैब डी. के.एम.एस. में जाँच के लिये भेजा जायेगा। जिन बच्चों के एच.एल.ए. मैचिंग के डोनर मिल जाते हैं, गिफ़्ट संस्था उनके बोन मैरो ट्रांसप्लांट हेतु यथासंभव मार्गदर्शन एवं मदद करती है।
जयपुर। इंपीरियल चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री जयपुर द्वारा निष्काम समाज सेवा की दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए दिल्ली एन. सी. आर. की देशव्यापी एन जी ओ, गिफ़्ट (ग्लोबली इंटीग्रेटिड फॉउंडेशन फॉर थैलेसीमिया) के साथ मिलकर 29 मार्च को थैलेसीमिया ग्रस्त बच्चों के स्थाई इलाज (बोन मैरो ट्रांसप्लांट) की संभावना जानने के लिये निशुल्क "हाई रेज़ोल्यूशन, एच.एल.ए. टैस्ट शिविर" का आयोजन जयपुर के सुप्रसिद्ध दुर्लभजी मैमोरियल हॉस्पिटल में किया जा रहा है।
एच.एल.ए., यानि "ह्यूमैन ल्यूकोसाइट एंटीजैन"... साधारण भाषा में कहें तो एक प्रकार का डी.एन.ए. टैस्ट। यह टैस्ट उन थैलेसीमिक बच्चों या अन्य गम्भीर जानलेवा बीमारियों जैसे ब्लड कैंसर आदि से पीड़ित रोगियों के लिये अत्यंत आवश्यक है, जिनके ठीक होने का एकमात्र इलाज ऐलोजेनिक बोन मैरो ट्रांसप्लांट है। इस टैस्ट के बिना इन रोगियों का ऐलोजेनिक बोन मैरो ट्रांसप्लांट होना असंभव है।
शिविर में विशेष रूप से एस.डी.एम. एच अस्पताल के वरिष्ठ डॉ पीयूष माथुर व उनके अन्य साथियों के अलावा, विशेष रूप से गुरुग्राम (हरियाणा) से फोर्टिस मैमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट के बाल रक्त विकार, कैंसर एवं बोन मैरो ट्रांसप्लांट विभाग के प्रिंसिपल डायरेक्टर एवं हैड डॉ विकास दुआ व फरीदाबाद (हरियाणा) से गिफ़्ट संस्था के संस्थापक एवं अध्यक्ष मदन चावला शिरकत करेंगें।
डॉ विकास दुआ को 50 से अधिक देशों के मरीज़ों को देखने व लगभग 2000 बोन मैरो ट्रांसप्लांट्स का अनुभव है। मदन चावला के अनुसार जयपुर के शिविर से एकत्रित किये गए सैम्पल्स को जर्मनी में विश्वप्रसिद्ध जैनेटिक लैब डी. के.एम.एस. में जाँच के लिये भेजा जायेगा। जिन बच्चों के एच.एल.ए. मैचिंग के डोनर मिल जाते हैं, गिफ़्ट संस्था उनके बोन मैरो ट्रांसप्लांट हेतु यथासंभव मार्गदर्शन एवं मदद करती है।
इंपीरियल चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के संस्थापक सुनील दत्त गोयल ने बताया कि उनका संगठन व्यापारियों एव उद्योगों के मार्गदर्शन के अलावा अपनी सामाजिक और नैतिक ज़िम्मेदारी समझते हुवे इस प्रकार के आयोजनों में निरंतर सक्रिय रहता है। जयपुर में होने वाले इस विशेष शिविर की सफलता के बाद वो गिफ़्ट संस्था के साथ मिलाकर राजस्थान के अन्य प्रमुख ज़िलों में भी ऐसे शिविर आयोजित करते रहेंगे।
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